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10 साल के सिरीश ने जलवायु परिवर्तन पर लिखी किताब

जलवायु परिवर्तन दुनिया के सामने बेहद चिंता का विषय है. जिसकी वजह से लोगों को कहीं सूखा, कहीं बाढ़ तो कभी मौसम के तापमान में जबरदस्त बदलाव देखने को मिलता है. स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग जैसे बाल पर्यावरण कार्यकर्ता भी जलवायु संरक्षण की मुहिम चला रहे हैं. भारत के 10 साल के सिरीश भी इनमें शामिल हो गए हैं. सिरीश ने हाल ही में जलवायु परिवर्तन पर एक किताब भी लिखी है. पढ़ें पूरी खबर...

भारत का 'ग्रेटा थनबर्ग'
भारत का 'ग्रेटा थनबर्ग'
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Published : Aug 28, 2021, 5:34 PM IST

चेन्नई : सिरीश के पिता सुभाष अरुमुगम (Subhash Arumugam ) एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और अमेरिका के जॉर्जिया में आकर बस गए हैं. सुभाष अरुमुगम यहां एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं. सिरीश यहां मैरिएटा सेंटर फॉर एडवांस्ड एकेडमिक्स (Marietta Center for Advanced Academics ) में चौथी कक्षा में पढ़ता है.

भारत का 'ग्रेटा थनबर्ग'

हाल ही में सिरीश ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अपना योगदान देकर सुर्खियां बटोरी हैं. सिरीश द्वारा जलवायु परिवर्तन पर लिखी किताब अमेजन पर भी उपलब्ध है. इस किताब को सिरीश ने 'टेट्रिस' (Tetris) खेल से तुलना कर लिखा है. किताब में जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभाव से जुड़ी तमाम तरह की जानकारी है.

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
बता दें, इस किताब को दुनियाभर के सैकड़ों लोग पढ़ चुके हैं. इस किताब को लिखने के लिए सिरीश को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (Asia Book of Records) और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records) में शामिल किया गया है.

भारत का 'ग्रेटा थनबर्ग'
भारत का 'ग्रेटा थनबर्ग'

वहीं, स्कूल प्रशासन ने सिरीश के IQ लेवल देखकर उन्हें चौथी कक्षा से छठी कक्षा में डबल प्रमोशन दे दिया. दरअसल, सिरीश के एक अध्यापक ने कम उम्र में ही उनका यह टैलेंट पहचान लिया था, जिसके बाद उन्होंने सिरीश को विज्ञान पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.

साढ़े पांच साल की उम्र में सिरीश ने एक 'बिफोर दि फल्ड' (Before the Flood) नामक डॉक्यूमेंट्री देखी, जोकि जलवायु परिवर्तन पर आधारित थी. इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के बाद सिरीश ने जलवायु परिवर्तन को लेकर काम करना शुरू कर दिया. सिरीश ने आठ साल की उम्र में एक किताब लिखनी शुरू की, जिसका शीर्षक था 'Carbon Block Puzzle'. जिसे लिखने में उसे दो साल लगे.

पढ़ें - जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के प्रति भारत जागरूक- PM मोदी

पर्यावरण कार्यकर्ता बनने की चाह
सिरीश कहते हैं, मैं भविष्य में पर्यावरण कार्यकर्ता बनना चाहता हूं. मैं सभी को जलवायु परिवर्तन के बारे में समझाऊंगा. मैं लोगों को जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए प्रोत्साहित करूंगा. मैं भी कॉस्मोलॉजिस्ट (ब्रह्मांड विज्ञानी) बनना चाहता हूं. मैं ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरी का अध्ययन करना चाहूंगा.

सिरीश के माता-पिता भी हर तरह से अपने बच्चे का समर्थन करते हैं. उम्मीद है कि सिरीश निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन के लिए एक बेहतर समाधान ढूंढेंगे.

चेन्नई : सिरीश के पिता सुभाष अरुमुगम (Subhash Arumugam ) एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और अमेरिका के जॉर्जिया में आकर बस गए हैं. सुभाष अरुमुगम यहां एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं. सिरीश यहां मैरिएटा सेंटर फॉर एडवांस्ड एकेडमिक्स (Marietta Center for Advanced Academics ) में चौथी कक्षा में पढ़ता है.

भारत का 'ग्रेटा थनबर्ग'

हाल ही में सिरीश ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अपना योगदान देकर सुर्खियां बटोरी हैं. सिरीश द्वारा जलवायु परिवर्तन पर लिखी किताब अमेजन पर भी उपलब्ध है. इस किताब को सिरीश ने 'टेट्रिस' (Tetris) खेल से तुलना कर लिखा है. किताब में जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभाव से जुड़ी तमाम तरह की जानकारी है.

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
बता दें, इस किताब को दुनियाभर के सैकड़ों लोग पढ़ चुके हैं. इस किताब को लिखने के लिए सिरीश को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (Asia Book of Records) और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (India Book of Records) में शामिल किया गया है.

भारत का 'ग्रेटा थनबर्ग'
भारत का 'ग्रेटा थनबर्ग'

वहीं, स्कूल प्रशासन ने सिरीश के IQ लेवल देखकर उन्हें चौथी कक्षा से छठी कक्षा में डबल प्रमोशन दे दिया. दरअसल, सिरीश के एक अध्यापक ने कम उम्र में ही उनका यह टैलेंट पहचान लिया था, जिसके बाद उन्होंने सिरीश को विज्ञान पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.

साढ़े पांच साल की उम्र में सिरीश ने एक 'बिफोर दि फल्ड' (Before the Flood) नामक डॉक्यूमेंट्री देखी, जोकि जलवायु परिवर्तन पर आधारित थी. इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के बाद सिरीश ने जलवायु परिवर्तन को लेकर काम करना शुरू कर दिया. सिरीश ने आठ साल की उम्र में एक किताब लिखनी शुरू की, जिसका शीर्षक था 'Carbon Block Puzzle'. जिसे लिखने में उसे दो साल लगे.

पढ़ें - जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के प्रति भारत जागरूक- PM मोदी

पर्यावरण कार्यकर्ता बनने की चाह
सिरीश कहते हैं, मैं भविष्य में पर्यावरण कार्यकर्ता बनना चाहता हूं. मैं सभी को जलवायु परिवर्तन के बारे में समझाऊंगा. मैं लोगों को जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए प्रोत्साहित करूंगा. मैं भी कॉस्मोलॉजिस्ट (ब्रह्मांड विज्ञानी) बनना चाहता हूं. मैं ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरी का अध्ययन करना चाहूंगा.

सिरीश के माता-पिता भी हर तरह से अपने बच्चे का समर्थन करते हैं. उम्मीद है कि सिरीश निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन के लिए एक बेहतर समाधान ढूंढेंगे.

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