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त्रिपुरा : तीन साल में 10 विधायकों के साथ मारपीट, 36 गिरफ्तार

त्रिपुरा विधानसभा (state assembly) में पेश किए गए गृह विभागों के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में राज्य के कई हिस्सों में भाजपा और माकपा के कुल 10 विधायकों पर हमले किए गए. सभी मामलों में शिकायतें दर्ज की गईं और कुछ मामलों को छोड़कर सभी मामलों में कार्यवाही शुरू की गई.

बिप्लब कुमार देब
बिप्लब कुमार देब
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Published : Sep 29, 2021, 5:16 PM IST

अगरतला : त्रिपुरा में पिछले तीन वर्षों में विधायकों पर हमले ( attacks on legislators ) की कुल 20 घटनाएं सामने आई हैं. इन तीन साल में त्रिपुरा पुलिस (Tripura police) हमलों में सक्रिय रूप से शामिल होने के आरोप में कुल 36 बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफल रही है.

राज्य विधानसभा (state assembly) में पेश किए गए गृह विभागों के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में राज्य के कई हिस्सों में भाजपा और माकपा के कुल 10 विधायकों पर हमले किए गए. सभी मामलों में शिकायतें दर्ज की गईं और कुछ मामलों को छोड़कर सभी मामलों में कार्यवाही शुरू की गई.

माकपा विधायक मोबोशर अली (CPIM MLA Moboshar Ali) द्वारा प्रस्तुत प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब (Chief Minister Biplab Kumar Deb) ने अपने लिखित उत्तरों के माध्यम से हमलों की घटनाओं और इसके खिलाफ की गई कार्यवाही की जानकारी दी.

विवरण के अनुसार राज्य में अब तक विपक्षी माकपा के आठ विधायकों (MLAs of opposition CPIM) पर हमला किया गया है और सत्तारूढ़ दल भाजपा और आईपीएफटी के एक-एक विधायक हमले की चपेट में आए हैं.

रतन भौमिक और बादल चौधरी (Ratan Bhowmik and Badal Chowdhury ) जैसे कुछ विधायकों पर कई बार हमला किया गया. हालांकि, घटनाओं के संबंध में कुल 20 मामले दर्ज किए गए और 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया हो, लेकिन रिकॉर्ड से यह भी पता चला कि कुल 20 में से 10 मामलों में पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया.

गृह विभाग के आंकड़ों में यह भी कहा गया है कि दर्ज की गई 20 प्राथमिकी में कुल 196 लोगों के नाम थे. उपरोक्त डेटा पिछले 6 जुलाई 2018 से 5 जुलाई 2021 की अवधि में एकत्र और संकलित किया गया था.

पढ़ें - त्रिपुरा के सीएम के खिलाफ टीएमसी नेता की याचिका खारिज

राज्य विधानसभा द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 2021 (31 जुलाई तक) में कुल 3,144 आरोपी फरार हो गए थे, लेकिन अगर पिछले वर्षों के रिकॉर्ड की तुलना की जाए, तो यह आंकड़ा सही नहीं तो काफी संतोषजनक है. वर्ष 2018 में फरार आरोपियों की संख्या 11,747 थी, जो 2019 में घटकर 10,455 हो गई.

2020 में फरार होने के कुल 5,854 मामलों के साथ और गिरावट दर्ज की गई. पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई पुराने मामले दोबारा खुलने से पुलिस पिछले कुछ वर्षों में और भी फरार लोगों को गिरफ्तार करने में सफल रही है.

अगरतला : त्रिपुरा में पिछले तीन वर्षों में विधायकों पर हमले ( attacks on legislators ) की कुल 20 घटनाएं सामने आई हैं. इन तीन साल में त्रिपुरा पुलिस (Tripura police) हमलों में सक्रिय रूप से शामिल होने के आरोप में कुल 36 बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफल रही है.

राज्य विधानसभा (state assembly) में पेश किए गए गृह विभागों के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में राज्य के कई हिस्सों में भाजपा और माकपा के कुल 10 विधायकों पर हमले किए गए. सभी मामलों में शिकायतें दर्ज की गईं और कुछ मामलों को छोड़कर सभी मामलों में कार्यवाही शुरू की गई.

माकपा विधायक मोबोशर अली (CPIM MLA Moboshar Ali) द्वारा प्रस्तुत प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब (Chief Minister Biplab Kumar Deb) ने अपने लिखित उत्तरों के माध्यम से हमलों की घटनाओं और इसके खिलाफ की गई कार्यवाही की जानकारी दी.

विवरण के अनुसार राज्य में अब तक विपक्षी माकपा के आठ विधायकों (MLAs of opposition CPIM) पर हमला किया गया है और सत्तारूढ़ दल भाजपा और आईपीएफटी के एक-एक विधायक हमले की चपेट में आए हैं.

रतन भौमिक और बादल चौधरी (Ratan Bhowmik and Badal Chowdhury ) जैसे कुछ विधायकों पर कई बार हमला किया गया. हालांकि, घटनाओं के संबंध में कुल 20 मामले दर्ज किए गए और 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया हो, लेकिन रिकॉर्ड से यह भी पता चला कि कुल 20 में से 10 मामलों में पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया.

गृह विभाग के आंकड़ों में यह भी कहा गया है कि दर्ज की गई 20 प्राथमिकी में कुल 196 लोगों के नाम थे. उपरोक्त डेटा पिछले 6 जुलाई 2018 से 5 जुलाई 2021 की अवधि में एकत्र और संकलित किया गया था.

पढ़ें - त्रिपुरा के सीएम के खिलाफ टीएमसी नेता की याचिका खारिज

राज्य विधानसभा द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 2021 (31 जुलाई तक) में कुल 3,144 आरोपी फरार हो गए थे, लेकिन अगर पिछले वर्षों के रिकॉर्ड की तुलना की जाए, तो यह आंकड़ा सही नहीं तो काफी संतोषजनक है. वर्ष 2018 में फरार आरोपियों की संख्या 11,747 थी, जो 2019 में घटकर 10,455 हो गई.

2020 में फरार होने के कुल 5,854 मामलों के साथ और गिरावट दर्ज की गई. पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई पुराने मामले दोबारा खुलने से पुलिस पिछले कुछ वर्षों में और भी फरार लोगों को गिरफ्तार करने में सफल रही है.

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