मोरबी : मोरबी ब्रिज हादसे में अब कोई लापता व्यक्ति नहीं है. गुजरात के मोरबी जिले के अधिकारियों को एक अंतिम व्यक्ति के लापता होने की गलत सूचना दी गई थी. पुलिस ने विधिवत सत्यापन के बाद जिला प्रशासन को रिपोर्ट दी गई. जिला कलेक्टर जीटी पंड्या ने कहा, पुलिस ने हमें सुबह रिपोर्ट सौंपी कि फोन कॉल एक तरह से फर्जी थी. हमने उस नंबर से संपर्क किया, यहां तक कि उसके परिवार के सदस्यों से भी संपर्क किया. उस नाम का कोई लापता नहीं है. विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई और उसके आधार पर अब हम उसके लापता होने पर विचार नहीं कर रहे हैं.
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A total of 135 people have died...But our control room is still operational. People can offer us all such information, we'll follow it up with due process: GT Pandya, Morbi District Collector on death toll in #MorbiBridgeCollapse and if he is certain that there are no more bodies pic.twitter.com/2FvGQ7smKP
— ANI (@ANI) November 3, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 3, 2022A total of 135 people have died...But our control room is still operational. People can offer us all such information, we'll follow it up with due process: GT Pandya, Morbi District Collector on death toll in #MorbiBridgeCollapse and if he is certain that there are no more bodies pic.twitter.com/2FvGQ7smKP
— ANI (@ANI) November 3, 2022
उन्होंने आगे बताया, कुल 135 लोगों की मौत हुई है..लेकिन हमारा नियंत्रण कक्ष अभी भी चालू है. लोग हमें ऐसी सभी जानकारी दे सकते हैं. हम उचित प्रक्रिया के साथ उसका पालन करेंगे. बता दें कि गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर हैंगिंग ब्रिज टूट जाने से 135 लोगों की मौत हो गयी थी. हालांकि बचाव कार्य में सेना के जवान और एनडीआरएफ की टीम ने संयुक्त अभियान में 170 लोगों को बचा लिया था. हादसा उस समय हुआ जब कथित रूप से पुल पर एक साथ 400 से अधिक लोग सवार हो गए थे.
बता दें कि मोरबी हैंगिंग ब्रिज को 7 महीने के बाद फिर से आम लोगों के लिए खोला गया था. जिसके बाद यह हादसा हुआ. इस मामले में ओरेवा समूह ग्रुप के चार कर्मियों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. ब्रिटिश काल के दौरान बने इस पुल के रख-रखाव और संचालन का ठेका ओरेवा समूह को मिला था.
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