देश-दुनिया में कोरोना काल के चलते खुद को बचाना और जिंदा रहना ही सबसे बड़ी चुनौती है. गर्भवती महिलाओं की चिंता और बढ़ गई है. गर्भवती को खुद को कोरोना संक्रमण से भी बचाना है और विशेष ख्याल भी रखना है. Dr Premlata Gynecologist बताती हैं कि गर्भ ठहरने के बाद तीन माह सबसे सेंसेटिव होता है. इस दौरान महिलाओं को कोविड गाइडलाइन का पालन सख्ती से करने की जरूरत है. घर में भी मास्क लगाकर रहना है.
कोविड-19 संक्रमण वाली गर्भवती की मौत का खतरा सात गुना अधिक होता है और गहन देखभाल इकाई में भर्ती होने या निमोनिया से पीड़ित होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है. एक नए शोध में यह पता चला है. BMJ Global Health में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 से खतरा बढ़ जाता है और नवजात शिशु को इंटेंसिव केयर में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है.
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ICU में भर्ती होने का जोखिम तीन गुना
Emily R Smith , assistant professor of global health , George Washington University USA शोधपत्र की प्रमुख लेखिका ने कहा, "यह अध्ययन अब तक का सबसे व्यापक साक्ष्य देता है कि गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 एक बड़ा खतरा है." Emily R Smith ने कहा, "हमारे निष्कर्ष प्रसव उम्र की सभी महिलाओं के लिए कोविड-19 टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करते हैं." इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि असंक्रमित गर्भवती महिलाओं की तुलना में कोविड-19 संक्रमण वाली गर्भवती महिलाओं में गहन देखभाल इकाई ( ICU ) में भर्ती होने का जोखिम तीन गुना अधिक था.
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वैक्सीन को नहीं मानते जरूरी
कोविड-19 से पीड़ित जिन लोगों को आईसीयू देखभाल की जरूरत होती है, उनके मरने की आशंका भी अधिक रहती है. अध्ययन से पता चलता है कि कोविड-19 सांस लेने की क्षमता को क्षीण कर सकता है और गंभीर मामलों में, रोगियों को जीवित रहने के लिए यांत्रिक वेंटिलेशन की जरूरत होती है. निमोनिया विकसित होने का लगभग 23 गुना अधिक जोखिम रहता है, जो कोविड-19 की संभावित जीवन-घातक जटिलता है और थ्रोम्बोम्बोलिक रोग (blood clots) का 5 गुना अधिक जोखिम रहता है जो दर्द, सूजन और अन्य परेशानियों का कारण बन सकता है. Assistant professor Emily R Smith बताती हैं कि बहुत गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों के बावजूद 80 से अधिक देश अभी भी यह अनुशंसा नहीं करते कि सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोविड वैक्सीन लेना चाहिए.-- Extra (Input आईएएनएस)
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