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जूनियर को प्रमोट करने के मामले में HC ने रविशंकर यूनिवर्सिटी के कुलपति को भेजा नोटिस - जूनियर कर्मचारी अजय कोसारकर

रविशंकर विश्वविद्यालय में सीनियर कर्मचारी की जगह जूनियर कर्मचारी को प्रमोशन देने के मामले में हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है.

High court sent notice to Registrar
हाईकोर्ट ने कुलसचिव को भेजा नोटिस
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Published : May 31, 2020, 12:06 PM IST

बिलासपुर: सीनियर कर्मचारी की जगह जूनियर कर्मचारी को प्रमोशन देने के मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने राजधानी स्थित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

High court sent notice to Registrar
हाईकोर्ट ने कुलसचिव को भेजा नोटिस

याचिका में बताया गया है कि साल 2009 में नियमित किए जाने के समय जो लिस्ट जारी की गई थी, उसमें याचिकाकर्ता हेमंत कुमार साहू का नाम 14वें स्थान पर और अजय कोसारकर का नाम 19वें स्थान पर था. 2011 में भी जो लिस्ट जारी की गई थी, उसमें भी यही क्रम था. इसके बावजूद साल 2018 में प्रमोशन करते समय इनकी वरिष्ठता को दरकिनार कर दिया गया.

ये था मामला

बता दें कि याचिकाकर्ता हेमंत कुमार साहू की भर्ती साल 1987 में दैनिक वेतन भोगी के रूप में हुई थी. इसके बाद से वह निरंतर काम कर रहे हैं. 2009 में सरकारी आदेश के अनुसार इन्हें नियमित किया गया था. इसी प्रकार 2011 में याचिकाकर्ता को स्थाई कर दिया गया.

नहीं हुई कार्रवाई

लेकिन जब असिस्टेंट ग्रेड 3 का प्रमोशन किया जाना था तो उनसे जूनियर कर्मचारी अजय कोसारकर को प्रमोट कर दिया गया. इससे परेशान होकर हेमंत साहू ने विभाग को चिट्ठी भी लिखी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

याचिका दायर

इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की है. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने की है.

बिलासपुर: सीनियर कर्मचारी की जगह जूनियर कर्मचारी को प्रमोशन देने के मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने राजधानी स्थित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

High court sent notice to Registrar
हाईकोर्ट ने कुलसचिव को भेजा नोटिस

याचिका में बताया गया है कि साल 2009 में नियमित किए जाने के समय जो लिस्ट जारी की गई थी, उसमें याचिकाकर्ता हेमंत कुमार साहू का नाम 14वें स्थान पर और अजय कोसारकर का नाम 19वें स्थान पर था. 2011 में भी जो लिस्ट जारी की गई थी, उसमें भी यही क्रम था. इसके बावजूद साल 2018 में प्रमोशन करते समय इनकी वरिष्ठता को दरकिनार कर दिया गया.

ये था मामला

बता दें कि याचिकाकर्ता हेमंत कुमार साहू की भर्ती साल 1987 में दैनिक वेतन भोगी के रूप में हुई थी. इसके बाद से वह निरंतर काम कर रहे हैं. 2009 में सरकारी आदेश के अनुसार इन्हें नियमित किया गया था. इसी प्रकार 2011 में याचिकाकर्ता को स्थाई कर दिया गया.

नहीं हुई कार्रवाई

लेकिन जब असिस्टेंट ग्रेड 3 का प्रमोशन किया जाना था तो उनसे जूनियर कर्मचारी अजय कोसारकर को प्रमोट कर दिया गया. इससे परेशान होकर हेमंत साहू ने विभाग को चिट्ठी भी लिखी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

याचिका दायर

इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की है. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने की है.

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