सरगुजा : आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान कई तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित रहती हैं. पुलिस और प्रशासन शांतिपूर्वक मतदान कराने की कोशिशों में जुटा रहता है. ऐसे में पुलिस ने मतदान को लेकर सुरक्षा के लिहाज से किस तरह के नियम जिले में लागू किए हैं, ये हमने जानने की कोशिश की है. सरगुजा एसपी ने चुनाव के दौरान प्रतिबंधित गतिविधियों की हर छोटी बड़ी जानकारी हमें साझा की.
फ्री एंड फेयर मतदान के लिए बनाए नियम : सुनील शर्मा ने बताया कि फ्री एंड फेयर मतदान हो इसके लिए निर्वाचन आयोग निर्देशित करता है. इसके तहत लोगों को किसी भी तरह का पर्सनल अटैक किसी राजनेता पर नहीं करना चाहिए. जैसे अभी त्योहार आ रहे हैं. इसमें किसी भी धार्मिक मंच का लाभ राजनैतिक दल को नहीं लेना चाहिए. धर्म और राजनीति दोनों को मिक्स नहीं करना है. गाड़ियों मे सायरन हूटर नहीं लगाना है. पद के बोर्ड नहीं लगाने हैं. एमवी एक्ट का उल्लंघन नहीं करना है. रैली के दौरान डीजे साउंड प्रतिबंधित है. रात के समय में पूरी तरह प्रतिबंधित है.दिन के समय मे ध्वनि सीमा शांत क्षेत्र में 50 डेसीबल और भीड़ वाले इलाके 70 डेसीबल निर्धारित है.
वोटर्स को रिश्वत देना जुर्म : सुनील शर्मा ने बताया कि वोटर्स को वोट देने के लिए रिश्वत देना. उनको फ्री का कोई समान देना ये नहीं करना है. ये तो लालच का मामला हो गया. इसके अलावा भय कारित नहीं करना है. इलेक्शन अफेन्सेस में धारा 171 में वर्णित हैं. किसी को डरा धमकाकर किसी को वोट देने के लिए या ना देने के लिए दबाव बनाना, शराब बांटना ये सब प्रतिबंधित है.
जिले के गुंडा बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई : जिले में गुंडा बदमाश पर नजर रख कर ऐसे व्यक्तियों पर 107, 116 के तहत एक बॉन्ड भराया जाता है कि वो व्यक्ति इस दौरान आदर्श व्यवहार करेगा. अगर वो इसको तोड़ेगा तो उस पर पर कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे जेल भी भेजा जा सकता है. इसके अलावा आर्म्स एक्ट, NDPC की कार्रवाई और जिला बदर की कार्रवाई करते हैं. जिनके ऊपर अधिक अपराध दर्ज हैं या वो कोई अपराध कारित कर सकते हैं. ऐसे 7 व्यक्तियों के विरुद्ध कलेक्टर को आवेदन भेजा गया है. इसके साथ ही, जो व्यक्ति राष्ट्र की सुरक्षा और अस्मिता के लिए खतरा बन सकता है उस पर (रासुका) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की कार्रवाई की जा सकती है.
एक आरोपी पर हुई जिला बदर की कार्रवाई : सरगुजा पुलिस ने कलेक्टर को 7 प्रकरण भेजे थे.जिनमें से एक आरोपी पर जिला बदर की कार्रवाई हुई है. छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला मजिस्ट्रेट कुन्दन कुमार ने आदतन अपराधी प्रेम मराठा उर्फ प्रेम गढ़वा अंबिकापुर को एक साल की अवधि के लिए जिले और उसके सीमावर्ती जिलों की सीमा से निष्कासित किया है. प्रेम मराठा सरगुजा जिला और उससे लगे सीमावर्ती जिले जशपुर, रायगढ़, कोरबा, बलरामपुर और सूरजपुर की सीमा से एक वर्ष की अवधि के लिए बाहर रहेगा.
आर्म्स एक्ट के तहत लाइसेंसी हथियार जमा : आर्म्स एक्ट के तहत जो लाइसेंसी हथियार हैं. आचार संहिता में इनके प्रदर्शन की मनाही है. जिले में कुल 687 लाइसेंसी हथियार हैं. जिनमें कुल 26 हथियार बचे हुए हैं .इनमें बैंक के कर्मी सिक्योरिटी गार्ड, या जिनको अपने काम के लिए आर्म्स की जरूरत पड़ती है वो ही हथियार रख सकते हैं. बाकी हथियार जमा करा लिए जाते हैं.