सूरजपुर: बचपन की आदतें व्यक्तित्व के निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाती है. कुछ ऐसा ही करने की सोच से सूरजपुर के एक शासकीय स्कूल में बाल कैबिनेट (Baal cabinet) बनाई गई है. बाल कैबिनेट में प्रधानमंत्री और उसके 9 मंत्री कार्य करते हैं. ताकि स्कूल की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके. क्या है बाल कैबिनेट और क्यों इसका किया गया है गठन. देखिये हमारी रिपोर्ट...
सूरजपुर जिले से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित रुनियाडीह मिडिल स्कूल हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या लगभग 100 के आसपास है. इस स्कूल के प्रबंधन की जिम्मेदारी बाल कैबिनेट (Baal cabinet) के हाथों में है. दरअसल पिछले 6 सालों से इस स्कूल में बाल कैबिनेट का गठन किया जाता रहा है. जिसमें प्रधानमंत्री से लेकर स्वच्छता मंत्री, पेयजल मंत्री सहित नौ मंत्री का चुनाव होता है. जो पूरे स्कूल की व्यवस्था को संभालते हैं. इनका चुनाव भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मुताबिक किया जाता है. इस कैबिनेट के गठन का उद्देश्य यही है कि बच्चों में नेतृत्व क्षमता बढ़ाई जा सके.
मंत्रियों को सौंपी है विभागों की जिम्मेदारी
जहां एक ओर बाल कैबिनेट के गठन के बाद शिक्षकों की जिम्मेदारी घटी है. वहीं स्कूल का प्रबंधन भी दुरुस्त हुआ है. स्कूल में सभी मंत्रियों को विभाग और उसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. वे अपने संबंधित विभाग का काम पूरी जिम्मेदारी के साथ करते हैं. इस गठन के बाद के कैबिनेट के सदस्यों के साथ ही स्कूल के अन्य बच्चे भी उनका भरपूर साथ देते हैं और सभी मिलजुल कर स्कूल में साफ सफाई और व्यवस्था का ध्यान रखते हैं.
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संवरने वाला है बच्चों का भविष्य
स्कूल प्रबंधन की ओर बाल कैबिनेट के गठन को लेकर शिक्षा विभाग (Education Department) के अधिकारी भी काफी खुश हैं और उनका भी यह मानना है कि इस बाल कैबिनेट से जहां एक और स्कूल की साफ सफाई और व्यवस्था दुरुस्त रहेगी तो वही बच्चों के नेतृत्व क्षमता का विकास होगा. कहते हैं बच्चे देश का भविष्य होते हैं और शिक्षक भविष्य को करने वाला होता है. ऐसे में स्कूल में ही बच्चों को नेतृत्व क्षमता प्रदान करना, शिक्षकों की एक अच्छी पहल मानी जा रही है, जिसकी सभी तरफ तारीफ हो रही है.