सूरजपुरः छत्तीसगढ़ के सूरजपूर जिले में एक अनोखा चिल्ड्रन बैंक (Children Bank in Surajpur) है. जिसे स्कूल के बच्चों के लिए संचालित किया जाता है. इस बैंक में पैसा भी जमा होता है और खाताधारी को ब्याज के साथ-साथ लोन भी दिया जाता है. इतना ही नहीं एक-एक पैसे का रिकॉर्ड भी यहां मैंटेन किया जाता है.
बच्चों को बचत के गुण सिखाने बैंक की शुरुआत
जिले के प्रतापपुर इलाके में स्थित एकलव्य स्कूल (Eklavya Schools in Surajpur) में बच्चों का चिल्ड्रन बैंक (Eklavya School Children Bank) है. बच्चों के फिजूलखर्ची को रोकने और बचत का गुण सिखाने के लिए एकलव्य स्कूल के अधीक्षक (Eklavya school superintendent) ने दो साल पहले इस चिल्ड्रन बैंक की शुरुआत की (Start of Children Bank) थी. तब से लगातार इस बैंक को मेंटेन किया जा रहा है.
लेन-देन का रखा जाता है रिकॉर्ड
इस छात्रावास में पैसा जमा करने के लिए अधीक्षक कार्यालय में एक छोटी सी पेटी लगाई गई है. जिसमें बच्चे अपना पैसा जमा करते है. जरूरत पड़ने पर इस पैसे को निकालकर वो अपने उपयोग में लाते हैं. अगर किसी बच्चे को पैसों की जरूरत होती है और उस वक्त उसके खाते में रकम नहीं होती तो वो बच्चा लोन ले सकता है. जिसे बाद में बिना ब्याज के चुकाना होता है. बैंक में जमा पैसा और लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड स्कूल के अधीक्षक मेंटेन करते हैं.
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जब बच्चे हॉस्टल में होते हैं, तो उनके परिजन उनसे मिलने आने के दौरान अपने बच्चों को पैसे देकर जाते हैं. बच्चे उन पैसों को फिजूल खर्च न करें, इसलिए इस बैंक की शुरुआत की गई है. इस विषय में शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि अगर बच्चे अभी से ही बचत और खर्च में फर्क समझ जाएंगे तो भविष्य में ये गुण उनके काम आएगा.
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बच्चे भी उत्साहित
बच्चे भी इस चिल्ड्रन बैंक को लेकर काफी उत्साहित हैं. बच्चों की मानें तो उनके पास पैसा रहने पर कई बार चोरी भी हुई है. लेकिन इस बैंक के शुरू होने के बाद इस तरह की दिक्कतें उनके सामने पेश नहीं आई है.
सभी स्कूलों में चिल्ड्रन बैंक शुरू करने की मांग
शिक्षा विभाग के अधिकारी चिल्ड्रन बैंक के इस पहल की न सिर्फ तारीफ कर रहे हैं बल्कि जिले के सभी स्कूलों में इसे शुरू करने की वकालत कर रहे हैं.