सूरजपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण अंचलों में विकास को लेकर डुगडुगी पीट रही है. गरीबों के नाम कई योजनाएं चलाकर वाहवाही लूट रही है, लेकिन प्रदेश के कई ऐसे गांव जहां तक नेता पहुंचे हैं, लेकिन विकास भाषणों और कागजों में सिमटकर रह गया है. बिहारपुर के दर्जनों गांव पहुंच विहीनता का दंश झेल रहे हैं. बैजलपाठ के पंडो जनजाति के लोग पानी, बिजली, सड़क और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. इसे लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं को लेकर मीटिंग की जाएगी. पैसों की कमी नहीं है ग्रामीण इलाकों में विकास कराया जाएगा.
दरअसल, बैजलपाठ, लुल जैसे कई गांवों की पुल-पुलिया खराब हो चुके हैं. कच्ची पथरीली सड़क से ग्रामीणों का चलना दूभर है. गांव में साफ पानी उपलब्ध नहीं है. स्वास्थ्य व्यवस्था तो वैसे भी बदहाल है. इतना ही नहीं गांव में आज तक स्कूल भवन नहीं बना है. सड़क खराब होने के कारण लोगों को राशन तक के लिए कई किलोमीटर का सफर करना पड़ता है.
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अभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाएंगे
छत्तीसगढ़ गठन के बाद सूरजपुर जिले को अस्तित्व में आए अब लंबा अरसा हो गया है, लेकिन भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के शासन काल में इन आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्रों को सरकारी नजरों से ओझल रखा गया. इससे आज तक गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंची.
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राज्य मंत्री रेणुका सिंह जनप्रतिनिधियों पर बरसी
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह जमकर बरसी. साथ ही उन्होंने कहा कि सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री होने के नाते वह भारत सरकार से विकास के लिए अपील करेंगी, ताकि ग्रामीण अचंलों में विकास हो सके. साथ ही उन्होंने कहा कि इलाके में विकास कराने के लिए मीटिंग की जा रही है. केंद्र सरकार से कहकर वह ग्रामीण अंचलों में विकास के लिए योजनाएं लाएंगी. साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधिओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ग्रामीणों को विस्थापन की जगह सुविधाएं उपलब्ध कराएं.