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सूरजपुर: इस स्कूल में शिक्षकों का ड्रेस कोड लागू कर पूर्व छात्रा को दी गई श्रद्धांजलि

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Published : Sep 1, 2019, 12:53 PM IST

Updated : Sep 1, 2019, 2:15 PM IST

जिले के रनियाडीह माध्यमिक स्कूल में अब शिक्षकों का भी ड्रेस कोड होगा.

रनियाडीह माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों का भी होगा ड्रेस कोड

सूरजपुर: जिले के बस्ता मुक्त और बाल कैबिनेट वाला रनियाडीह माध्यमिक स्कूल छात्रों और शिक्षकों के पवित्र रिश्ते को नया आयाम दे रहा है. स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची की पहल की वजह से शिक्षकों ने भी अपने लिए ड्रेस कोड अपना लिया.

प्रदेश और जिले में रनियाडीह माध्यमिक स्कूल बस्ता मुक्त और बाल कैबिनेट को लेकर एक मिसाल है. स्कूल के पिछले सत्र में बाल कैबिनेट में प्रधानमंत्री के पद पर रहने वाली छात्र कुमारी प्रियंका राजवाड़े की दस दिन पहले दुर्घटना में मौत हो गई. जिसके बाद मेधावी छात्रा के निधन से पूरा स्कूल शोक में था, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे श्रद्धांजलि देते हुए एक नया नियम लागू किया, जिसमें स्कूल में अब शिक्षक भी ड्रेस कोड में नजर आएंगे.

जिले के रनियाडीह माध्यमिक स्कूल में अब शिक्षकों का भी ड्रेस कोड होगा.

निधन से पहले बाल कैबिनेट में छात्रा ने रखा था प्रस्ताव
स्कूल के प्रधान पाठक सीमांचल त्रिपाठी ने बताया कि, निधन से पहले प्रियंका राजवाड़े ने बाल कैबिनेट में एक प्रस्ताव रखा था कि, 'छात्रों के साथ यदि शिक्षक भी ड्रेस कोड में नजर आएंगे तो आने वाले दिनों में छात्र भी शिक्षकों के अनुशासन और व्यवहारिक कुशलता से प्रभावित होंगे.'

वहीं स्कूल के शिक्षक भी स्कूल प्रबंधक के इस फैसले से काफी खुश नजर आए. उनका कहना है कि, 'जब वकीलों और डॉक्टरों का ड्रेस कोड है, जिससे उनकी पहचान होती है, तो फिर हम शिक्षकों का ड्रेस कोड भी होना चाहिए. जिससे हमें देखकर लोगों को पता चले कि हम शिक्षक हैं.'

जिला पंचायत सीईओ ने की पहल की तारिफ
वहीं जिला पंचायत सीईओ ने भी इस पहल की तारीफ की और उन्होंने पूरे छत्तीसगढ़ में इस तरह के ड्रेस कोड लागू करने की इच्छा जताई. इस काम के लिए प्रधान पाठक ने कलेक्टर दीपक सोनी से भी चर्चा की. स्कूल के इस फैसले से कलेक्टर भी खुश हुए और उन्होंने प्रधान पाठक की जमकर तारीफ की.

उन्होंने कहा कि, 'जिस तरह का ड्रेस छात्र पहनते हैं, उससे ही मिलता जुलता ड्रेस कोड आप लोग अपने लिए बनवाएं, जिससे छात्रों में ये भावना न हो कि हमसे अच्छा ड्रेस शिक्षकों का है.'

श्रद्धांजलि के तौर में लागू किया शिक्षकों का ड्रेस कोड
प्रधान पाठक ने छात्रों से मिलता जुलता ड्रेस कोड अपने स्कूल में लागू करने की सोची ये बात स्कूल के छात्रों और प्रधान पाठक के दिमाग में घर कर गई और छात्रा स्वर्गीय प्रियंका राजवाड़े को श्रद्धांजलि देते हुए स्कूल के शिक्षकों ने भी ड्रेस कोड लागू कर एक मिसाल कायम किया.

पढ़ें- दंतेवाड़ा : खुद के लगाए स्पाइक होल में फंसा नक्सली, जवानों ने बचाई जान

रनियाडीह बस्ता मुक्त एवं बाल कैबिनेट वाला स्कूल है. जहां शिक्षकों के लिए भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. वहीं अब हर रोज यहां के शिक्षक ड्रेस कोड में ही आएंगे. अगर इस पहल को पूरे राज्य के सभी स्कूलों में लागू किया जाता है तो समाज और शिक्षा के क्षेत्र में एक अच्छा संदेश जाएगा.

सूरजपुर: जिले के बस्ता मुक्त और बाल कैबिनेट वाला रनियाडीह माध्यमिक स्कूल छात्रों और शिक्षकों के पवित्र रिश्ते को नया आयाम दे रहा है. स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची की पहल की वजह से शिक्षकों ने भी अपने लिए ड्रेस कोड अपना लिया.

प्रदेश और जिले में रनियाडीह माध्यमिक स्कूल बस्ता मुक्त और बाल कैबिनेट को लेकर एक मिसाल है. स्कूल के पिछले सत्र में बाल कैबिनेट में प्रधानमंत्री के पद पर रहने वाली छात्र कुमारी प्रियंका राजवाड़े की दस दिन पहले दुर्घटना में मौत हो गई. जिसके बाद मेधावी छात्रा के निधन से पूरा स्कूल शोक में था, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे श्रद्धांजलि देते हुए एक नया नियम लागू किया, जिसमें स्कूल में अब शिक्षक भी ड्रेस कोड में नजर आएंगे.

जिले के रनियाडीह माध्यमिक स्कूल में अब शिक्षकों का भी ड्रेस कोड होगा.

निधन से पहले बाल कैबिनेट में छात्रा ने रखा था प्रस्ताव
स्कूल के प्रधान पाठक सीमांचल त्रिपाठी ने बताया कि, निधन से पहले प्रियंका राजवाड़े ने बाल कैबिनेट में एक प्रस्ताव रखा था कि, 'छात्रों के साथ यदि शिक्षक भी ड्रेस कोड में नजर आएंगे तो आने वाले दिनों में छात्र भी शिक्षकों के अनुशासन और व्यवहारिक कुशलता से प्रभावित होंगे.'

वहीं स्कूल के शिक्षक भी स्कूल प्रबंधक के इस फैसले से काफी खुश नजर आए. उनका कहना है कि, 'जब वकीलों और डॉक्टरों का ड्रेस कोड है, जिससे उनकी पहचान होती है, तो फिर हम शिक्षकों का ड्रेस कोड भी होना चाहिए. जिससे हमें देखकर लोगों को पता चले कि हम शिक्षक हैं.'

जिला पंचायत सीईओ ने की पहल की तारिफ
वहीं जिला पंचायत सीईओ ने भी इस पहल की तारीफ की और उन्होंने पूरे छत्तीसगढ़ में इस तरह के ड्रेस कोड लागू करने की इच्छा जताई. इस काम के लिए प्रधान पाठक ने कलेक्टर दीपक सोनी से भी चर्चा की. स्कूल के इस फैसले से कलेक्टर भी खुश हुए और उन्होंने प्रधान पाठक की जमकर तारीफ की.

उन्होंने कहा कि, 'जिस तरह का ड्रेस छात्र पहनते हैं, उससे ही मिलता जुलता ड्रेस कोड आप लोग अपने लिए बनवाएं, जिससे छात्रों में ये भावना न हो कि हमसे अच्छा ड्रेस शिक्षकों का है.'

श्रद्धांजलि के तौर में लागू किया शिक्षकों का ड्रेस कोड
प्रधान पाठक ने छात्रों से मिलता जुलता ड्रेस कोड अपने स्कूल में लागू करने की सोची ये बात स्कूल के छात्रों और प्रधान पाठक के दिमाग में घर कर गई और छात्रा स्वर्गीय प्रियंका राजवाड़े को श्रद्धांजलि देते हुए स्कूल के शिक्षकों ने भी ड्रेस कोड लागू कर एक मिसाल कायम किया.

पढ़ें- दंतेवाड़ा : खुद के लगाए स्पाइक होल में फंसा नक्सली, जवानों ने बचाई जान

रनियाडीह बस्ता मुक्त एवं बाल कैबिनेट वाला स्कूल है. जहां शिक्षकों के लिए भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. वहीं अब हर रोज यहां के शिक्षक ड्रेस कोड में ही आएंगे. अगर इस पहल को पूरे राज्य के सभी स्कूलों में लागू किया जाता है तो समाज और शिक्षा के क्षेत्र में एक अच्छा संदेश जाएगा.

Intro:आधुनिक युग के दौर में व्यवसाय बनता जा रहा है शिक्षा जहां छात्र और शिक्षकों का रिश्ता केवल स्कूली शिक्षा तक ही सीमित रह गई है


Body:सूरजपुर का बस्ता मुक्त और बाल कैबिनेट वाले दुनियाडीह माध्यमिक स्कूल छात्रों और शिक्षकों के पवित्र रिश्ते को नया आयाम दे रहा है दरअसल दुनियाडीह माध्यमिक स्कूल प्रदेश और जिले में बस्ता मुक्त और बाल कैबिनेट को लेकर मिसाल है ऐसे में पिछले सत्र में बाल कैबिनेट में प्रधानमंत्री के पद पर रहने वाली कुमारी प्रियंका राजवाड़े का 10 दिन पहले दुर्घटना में मौत हो गई जिसके बाद मेधावी छात्रा के विधान से पूरा स्कूल शोक में था लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे श्रद्धांजलि देते हुए एक नया नियम लागू किया नियम था कि स्कूल में अब शिक्षक भी ड्रेस कोड में नजर आएंगे स्कूल के प्रधान पाठक सीमांचल त्रिपाठी ने बताया कि स्वर्गीय प्रियंका राजवाड़े छात्रा के निधन से पूर्व बाल कैबिनेट में छात्रा ने एक प्रस्ताव रखा था कि स्कूल जहां अनुशासन और शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल कायम कर रहा है ऐसे में छात्रों के साथ यदि शिक्षक भी ड्रेस कोड में नजर आएंगे तो आने वाले दिन में छात्रों में भी शिक्षकों के अनुशासन और व्यवहारिक कुशलता से प्रभावित होंगे वही स्कूल के शिक्षक भी स्कूल प्रबंधक के इस फैसले से काफी खुश नजर आए उनका कहना है कि जब वकीलों का ड्रेस कोड होता है और डॉक्टरों का भी ड्रेस कोड है जिससे उनकी पहचान होती है तो फिर हम शिक्षकों का ड्रेस कोड होना चाहिए जिससे हमें देखकर लोगों को पता चले कि हम शिक्षक हैं वहीं जिला पंचायत सीईओ ने भी इस पहल की तारीफ की ओर उन्होंने पूरे छत्तीसगढ़ में इस तरह के ड्रेस कोड लागू करने की मंशा जताई इस काम के लिए प्रधान पाठक ने कलेक्टर दीपक सोनी से भी चर्चा की और उन्होंने भी स्कूल के इस फैसले से खुश हुए और प्रधान पाठक की जमकर तारीफ की उन्होंने कहां की जिस तरह का ड्रेस छात्र पहनते हैं उससे ही मिलता जुलता ड्रेस कोड आप लोग अपने लिए बनवाएं जिससे छात्रों में यह भावना ना हो कि हमसे अच्छा ड्रेस शिक्षकों का है और प्रधान पाठक ने छात्रों से मिलता जुलता ड्रेस कोड अपने स्कूल में लागू करने की सोची यह बात स्कूल के छात्रों और प्रधान पाठक के दिमाग में घर कर गई और आज स्वर्गीय प्रियंका राजवाड़े छात्रा को श्रद्धांजलि देते हुए स्कूल के शिक्षकों ने भी ड्रेस कोड लागू कर एक मिसाल कायम किया


Conclusion:रनियाडीह बस्ता मुक्त एवं बाल कैबिनेट विद्यालय है जहां आज ड्रेस कोड लागू हो गया है अब हर रोज यहां के शिक्षक ड्रेस में ही आएंगे और अब देखने वाली बात होगी संपूर्ण छत्तीसगढ़ में कब तक यह ड्रेस कोड लागू होती है

बाईट - रिजवान अंसारी,,,, शिक्षक
बाईट - सीमांचल त्रिपाठी,,,, प्रधान पाठक
बाईट - अश्वनी देवांगन,,,,, सीईओ जिला पंचायत सूरजपुर
Last Updated : Sep 1, 2019, 2:15 PM IST
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