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Tiger in Surajpur: सूरजपुर में फिर हुई बाघ की एंट्री, आसपास के गांवों को किया जा रहा अलर्ट

प्रतापपुर के घुई वन परिक्षेत्र में बाघ की एंट्री से ग्रामीणों में खौफ का माहौल बन गया है. पिछले कुछ दिनों से बेखौफ होकर खेती किसानी में जुटे किसान फिर चिंता में आ गए हैं. बाघ की दस्तक से वन अमला पूरी तरह से सतर्क है और आस पास के गांवों को अलर्ट किया जा रहा है. Surajpur villagers fear

Tiger entry in Surajpur
सूरजपुर में बाघ की एंट्री
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Published : Mar 22, 2023, 12:13 PM IST

Updated : Mar 22, 2023, 3:32 PM IST

सूरजपुर में बाघ

सूरजपुर: प्रतापपुर का इलाका एक बार फिर बाघ की दहाड़ से गूंज रहा है. 15 दिनों के बाद फिर घुई वन परिक्षेत्र में बाघ देखा गया है, जिसके बाद से ग्रामीणों में खौफ का माहौल है. बाघ की चहल कदमी को लेकर वन अमला अलर्ट मोड में है. गांववालों को सुबह और शाम के वक्त जंगल में नहीं जाने की हिदायत दी जा रही है. तकरीबन 15 दिन पहले तमोर पिंगला अभयारण्य की ओर से आए बाघ ने घुई वन परीक्षेत्र में कई मवेशियों का शिकार किया था. फिर ये बाघ बलरामपुर होते हुए झारखंड चला गया. बुधवार को फिर से बाघ के पंजों के निशान इस क्षेत्र में पाए गए हैं, जिसके बाद से लेकर ग्रामीण के साथ ही वन विभाग की चिंता बढ़ गई है.

अब तक किसी को नहीं पहुंचाया नुकसान: इलाके के ग्रामीणों ने बाघ के पंजे के निशान दिखे हैं. इस बार बाघ ने किसी इंसान को अब तक कोई नुकसान नहीं पहुचाया है. फिर भी क्षेत्र में बाघ की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा हैं. लोग जंगल में जाने से डरने लगे हैं.

प्रतापपुर में मवेशियों को बाघ ने बनाया शिकार: कुछ दिनों पहले सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के सीमावर्ती जंगल मोरल में एक बाघ ने मवेशियों अपना शिकार बनाया था. इस बीच वार्डन नगर से लगे कैलाशपुर जंगल में कुछ ग्रामीणों ने बाघ को घूमते देखा गया है. बाघ को देखते ही ग्रामीण भाग निकले. इसके बाद से ही इलाके में खौफ का माहौल है.

यह भी पढ़ें: World Forestry Day मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का शुभारंभ, 5 साल में 15 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य

वन विभाग ने दी चेतावनी: वन विभाग की टीम ने अंबिकापुर बनारस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को सुरक्षित तरीके से निकालने की हिदायत दी है. इसके अलावा वन विभाग ने आस पास क्षेत्र के ग्रामीणों को भी अलर्ट कर दिया गया है.

सूरजपुर में बाघ

सूरजपुर: प्रतापपुर का इलाका एक बार फिर बाघ की दहाड़ से गूंज रहा है. 15 दिनों के बाद फिर घुई वन परिक्षेत्र में बाघ देखा गया है, जिसके बाद से ग्रामीणों में खौफ का माहौल है. बाघ की चहल कदमी को लेकर वन अमला अलर्ट मोड में है. गांववालों को सुबह और शाम के वक्त जंगल में नहीं जाने की हिदायत दी जा रही है. तकरीबन 15 दिन पहले तमोर पिंगला अभयारण्य की ओर से आए बाघ ने घुई वन परीक्षेत्र में कई मवेशियों का शिकार किया था. फिर ये बाघ बलरामपुर होते हुए झारखंड चला गया. बुधवार को फिर से बाघ के पंजों के निशान इस क्षेत्र में पाए गए हैं, जिसके बाद से लेकर ग्रामीण के साथ ही वन विभाग की चिंता बढ़ गई है.

अब तक किसी को नहीं पहुंचाया नुकसान: इलाके के ग्रामीणों ने बाघ के पंजे के निशान दिखे हैं. इस बार बाघ ने किसी इंसान को अब तक कोई नुकसान नहीं पहुचाया है. फिर भी क्षेत्र में बाघ की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा हैं. लोग जंगल में जाने से डरने लगे हैं.

प्रतापपुर में मवेशियों को बाघ ने बनाया शिकार: कुछ दिनों पहले सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के सीमावर्ती जंगल मोरल में एक बाघ ने मवेशियों अपना शिकार बनाया था. इस बीच वार्डन नगर से लगे कैलाशपुर जंगल में कुछ ग्रामीणों ने बाघ को घूमते देखा गया है. बाघ को देखते ही ग्रामीण भाग निकले. इसके बाद से ही इलाके में खौफ का माहौल है.

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वन विभाग ने दी चेतावनी: वन विभाग की टीम ने अंबिकापुर बनारस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को सुरक्षित तरीके से निकालने की हिदायत दी है. इसके अलावा वन विभाग ने आस पास क्षेत्र के ग्रामीणों को भी अलर्ट कर दिया गया है.

Last Updated : Mar 22, 2023, 3:32 PM IST
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