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नगर सरकार: कुछ हटकर है इस बार जनता का मूड, लुभाने में लगे नेता

सूरजपुर नगर पालिका का गठन हुए 10 वर्ष से भी ज्यादा हो चुका है, लेकिन यहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं. दस साल के उपेक्षा का दंश झेल रहे नगरवासी इस बार वोट मांगने आने वाले प्रत्याशियों को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं.

Surajpur municipality lacks basic amenities
सूरजपुर नगर पालिका का हाल-बेहाल
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Published : Dec 12, 2019, 3:35 PM IST

Updated : Dec 12, 2019, 4:24 PM IST

सूरजपुर: नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए शहर के वार्डों में नेताओं का आना-जाना शुरू हो गया है. इस दौरान प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए कसमें-वादों की झड़ी लगा दिए है. प्रत्याशी लोगों की हर तरह की समस्याओं को सत्ता मिलते ही दूर करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन बीते पांच साल में पार्षदों और अध्यक्षों ने शहरवासियों के लिए क्या किया. ये हम आपको बता रहे हैं.

सूरजपुर नगर पालिका का हाल-बेहाल

सूरजपुर नगर पालिका का गठन हुए 10 वर्ष से भी ज्यादा हो चुका है, लेकिन यहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं. दस साल के उपेक्षा का दंश झेल रहे नगरवासी इस बार वोट मांगने आने वाले प्रत्याशियों को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं.

पार्षदों की वादाखिलाफी से लोग नाराज
2009 में नगर पंचायत से नगर पालिका का दर्जा मिलने के बाद सूरजपुर नगर पालिका के लोग विकास की आस लगाये बैठे थे, लेकिन लोगों की उम्मीद धरा का धरा रह गया. बीते दस साल से भाजपा-कांग्रेस के नेता लोगों से वादा पर वादा कर उन्हें गुमराह करती रही, लेकिन शहर के वार्डों में विकास का एक काम नहीं हुआ. इससे जनता नाराज है.

मतदाताओं का मूड कुछ हटकर
नगर पालिका सूरजपुर के 18 वार्डों में लगभग 16 हजार मतदाता हैं. नगर पालिका सूरजपुर में पिछले दो पंचवर्षीय कार्यकाल की बात करें तो सन 2009 में जनता ने कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत दिलाया, तो वहीं 2014 में भाजपा को जीत दिलाया था, लेकिन इस बार मतदाताओं का मूड कुछ हटकर है.

समस्याओं को दूर करने का दावा
भाजपा और कांग्रेस नगर विकास के लाख दावे करते नजर आ रहे हैं, लेकिन एक भी वादा आज तक पूरा नहीं किया गया. शहर के वार्डों में आज दस साल बाद भी समस्याएं जस की तस बनी है.

सूरजपुर: नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए शहर के वार्डों में नेताओं का आना-जाना शुरू हो गया है. इस दौरान प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए कसमें-वादों की झड़ी लगा दिए है. प्रत्याशी लोगों की हर तरह की समस्याओं को सत्ता मिलते ही दूर करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन बीते पांच साल में पार्षदों और अध्यक्षों ने शहरवासियों के लिए क्या किया. ये हम आपको बता रहे हैं.

सूरजपुर नगर पालिका का हाल-बेहाल

सूरजपुर नगर पालिका का गठन हुए 10 वर्ष से भी ज्यादा हो चुका है, लेकिन यहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं. दस साल के उपेक्षा का दंश झेल रहे नगरवासी इस बार वोट मांगने आने वाले प्रत्याशियों को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं.

पार्षदों की वादाखिलाफी से लोग नाराज
2009 में नगर पंचायत से नगर पालिका का दर्जा मिलने के बाद सूरजपुर नगर पालिका के लोग विकास की आस लगाये बैठे थे, लेकिन लोगों की उम्मीद धरा का धरा रह गया. बीते दस साल से भाजपा-कांग्रेस के नेता लोगों से वादा पर वादा कर उन्हें गुमराह करती रही, लेकिन शहर के वार्डों में विकास का एक काम नहीं हुआ. इससे जनता नाराज है.

मतदाताओं का मूड कुछ हटकर
नगर पालिका सूरजपुर के 18 वार्डों में लगभग 16 हजार मतदाता हैं. नगर पालिका सूरजपुर में पिछले दो पंचवर्षीय कार्यकाल की बात करें तो सन 2009 में जनता ने कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत दिलाया, तो वहीं 2014 में भाजपा को जीत दिलाया था, लेकिन इस बार मतदाताओं का मूड कुछ हटकर है.

समस्याओं को दूर करने का दावा
भाजपा और कांग्रेस नगर विकास के लाख दावे करते नजर आ रहे हैं, लेकिन एक भी वादा आज तक पूरा नहीं किया गया. शहर के वार्डों में आज दस साल बाद भी समस्याएं जस की तस बनी है.

Intro:नगर पालिका सूरजपुर का गठन हुए 10 वर्ष से भी ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन यहां के नगर वासियों को आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जिसे लेकर नगरवासी काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं वहीं अब वोट मांगने आने वाले प्रत्याशियों को भी सबक सिखाने की बात कर रहे हैं


Body:सन 2019 में नगर पंचायत से नगर पालिका का दर्जा मिलने के बाद से ही नगरपालिका सूरजपुर नगर वासियों के विकास को लेकर कई आस थी लेकिन जैसा विकास सूरजपुर नगर पालिका को होना था नहीं हुआ वहीं आगामी नगर निकाय चुनाव को लेकर नगर ने चुनावी सरगर्मियां तेज हैं जहान भाजपा कांग्रेस के नेता और प्रत्याशी नगर के विकास को लेकर कई वादे कर रहे हैं वहीं जनता नगर पालिका के समस्याओं को लेकर नाखुश है गौरतलब है कि नगर पालिका सूरजपुर में 18 वार्डों में लगभग 16000 मतदाता है या नगरपालिका सूरजपुर में पिछले दो पंचवर्षीय कार्यकाल की बात करें तो सन 2009 में जनता ने कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत दिला और अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा था तो वहीं 2014 में भाजपा को जीत दिल आया था तो इस बार मतदाताओं का मूड कुछ हटकर है कारण यह है कि भले ही भाजपा और कांग्रेस नगर विकास के लाख दावे करते नजर आ रहे हैं लेकिन वादों की समस्या बनी की बनी हुई है ऐसे में अब नगर निकाय चुनाव के कुछ दिन पूर्व ही वादों के प्रत्याशी अपने-अपने वार्डों में लोगों के हितैषी बनने के लिए उनकी समस्याओं को दूर करने का दावा करते नजर आ रहे हैं


Conclusion:बरहाल अब चंद दिन ही बाकी हैं नगर निकाय चुनाव में ऐसे में मतदाता किसे सूरजपुर का सिरमौर बनाती है यह देखने वाली बात होगी

बाईट - नगरवासी
बाईट - नगरवासी
बाईट - नगरवासी
बाईट - नगरवासी

बाईट - धनेश्वर साहू,,,, पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परिषद सूरजपुर
बाईट - अजय अग्रवाल,,,,, पूर्व उपाध्यक्ष नगर पालिका सूरजपुर
बाईट - प्रवेश गोयल,,,,, प्रत्याशी कांग्रेश
बाईट - रितेश गुप्ता,,,, प्रत्याशी भाजपा
Last Updated : Dec 12, 2019, 4:24 PM IST
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