सूरजपुर: जिला अस्पताल को रेड क्रॉस सोसायटी और प्रशासन की पहल से दो नए शव वाहन मिले हैं. सूरजपुर जिला अस्पताल में केवल एक शव वाहन होने के कारण मृतकों के परिजनों को हमेशा परेशानियों का सामना करना पड़ता था. दूर दराज से आने वाले लोग शवों को ले जाने के लिए परेशान नजर आते थे. अस्पताल प्रबंधन भी लाचार नजर आता था. ऐसे में दो नए शव वाहन मिलने से अस्पताल प्रबंधन के साथ ही मृतकों के परिजनों की परेशानी थोड़ी कम होगी.
परिजनों को होती थी परेशानी
इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी सूरजपुर शाखा ने करीब 9.70 लाख की लागत से दो शव वाहन जिला चिकित्सालय को दिया है. लंबे समय से जिले में शव वाहन की मांग थी. एकमात्र शव वाहन होने की वजह से दूर दराज के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. सूरजपुर एक बड़ा जिला है. एक छोर पर वाहन जाकर लौटने में लंबा समय लगता था. इसी वजह से कभी-कभी अप्रिय स्थिति का सामना भी करना पड़ता था. अस्पताल के कर्मचारियों और आमजन दोनों को परेशानी होती थी. इसी बात को ध्यान में रखते हुए रेडक्रॉस सोसायटी ने दो शव वाहन जिला अस्पताल को दिया है.
सूरजपुर: नाइट कर्फ्यू का नहीं हो रहा पालन
निजी वाहन से पहुंचाना पड़ता है शव
कुछ दिन पहले पटना (बिहार) निवासी युवक की दुर्घटना में मौत होने पर रेडक्रॉस सोसायटी ने निजी वाहन से उसका शव उसके गृहग्राम भिजवाया था. रेडक्रॉस सोसायटी के नव निर्वाचित चेयरमैन रामकृष्ण ओझा बताया कि रेडक्रॉस सोसायटी के गठन का मूल भाव ही पीड़ित लोगों की सेवा है. स्वास्थ्य, शिक्षा और समाज कल्याण के कार्यों के लिए रेडक्रॉस सोसायटी प्रतिबद्ध है. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को रेडक्रॉस के साथ जुड़कर सेवा कार्यों में सहयोग की अपील की है.