सूरजपुर: प्रदेश में सरकारें तो बदली, लेकिन सूरजपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग का हाल जस का तस है. खुले आसमान नीचे आज भी यहां पोस्टमार्टम किया जाता है. खुले में पोस्टमार्टम को देख हर कोई विचलित हो जाता है.
दो दशकों से पोस्टमार्टम कक्ष की मांग
सूरजपुर जिले का नगर पंचायत भटगांव, जहां थाना बने दो दशक हो गए. ऐसे में रोजाना, कोई न कोई मर्ग पंचनामा के मामले सामने आते ही रहते हैं. पोस्टमार्टम के लिए भटगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है. लेकिन भटगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग देखने में तो कहीं से कम नहीं दिखती, लेकिन यहां पोस्टमार्टम कक्ष आज तक स्वास्थ्य विभाग नहीं बना पाया है.
खुले में होता है पोस्टमार्टम
शव का पोस्टमार्टम अस्पताल से सटे बांसवाड़ी में किया जाता है. वहीं जिस जगह पोस्टमार्टम होता है, उसी जगह ईदगाह भी है, तो दूसरी ओर ठीक सामने थाना परिसर भी है. कई सालों से स्थानीय लोग खुले में पोस्टमार्टम का भयावह दृष्य देखकर विचलित हो उठते हैं. यहां पोस्टमार्टम कक्ष की मांग भी करते आ रहे हैं. लेकिन आज तक नगरवासियों की आवाज किसी ने नहीं सुनी.
SECL बनवा सकता है पोस्टमार्टम कक्ष
गौरतलब है कि नगर पंचायत भटगांव क्षेत्र में एसईसीएल की कोल माइंस हैं. यहां के विकास कार्यों का जिम्मा जितना राज्य सरकार के पास है उतना ही कोल प्रबंधन का भी है. श्रमिक नेताओं का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से पोस्टमार्टम कक्ष की मांग प्रबंधन से करनी चाहिए. लेकिन स्वास्थ विभाग के पास बात करने के लिए समय नहीं है.
पढ़ें- वाह रे सिस्टम ! पोस्टमार्टम के लिए 70 किमी आए लेकिन रिश्वत के लिए गिरवी रखनी पड़ी गाड़ी
स्वास्थ्य अधिकारी ने कही ये बात
वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरएस सिंह भी इस बात को मानते हैं कि भटगांव नगर पंचायत में पोस्टमार्टम कक्ष नहीं है, उन्होंने बताया कि कलेक्टर से चर्चा कर जल्द ही नगर पंचायत भटगांव में पोस्टमार्टम कक्ष बनवाया जाएगा
कब खुलेगी अधिकारियों की नींद
बहरहाल खुले में पोस्टमार्टम का दौर कई सालों से चला आ रहा है. ऐसे में समय-समय पर बदलते चिकित्सा अधिकारियों के दावे भी बराबर सामने आते रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि कब अधिकारियों की नींद खुलती है और कब नगर पंचायत भटगांव को पोस्टमार्टम कक्ष मिल पाता है.