सूरजपुर: छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से धान खरीदी की जानी है. लेकिन इससे पहले समर्थन मूल्य को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है. राज्य सरकार, केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रही है, तो वहीं प्रदेश में भाजपा सोच समझकर वादे करने की बात कह रही है.
इसी कड़ी में केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने भी भूपेश सरकार को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि, 'कांग्रेस पार्टी को सोच समझकर अपना चुनावी एजेंडा तैयार करना चाहिए था. प्रदेश के बजट के अनुरूप ही भाजपा शासन के कार्यकाल में काम किए गए थे'.
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन गलत: रेणुका सिंह
रेणुका सिंह ने कहा कि कांग्रेस की ओर से मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में बुलाया गया था, लेकिन सूरजपुर में आयोजित कार्यक्रम के कारण जाना मुमकिन नहीं हुआ. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है वह गलत है.
इमरजेंसी बैठक सिर्फ भाजपा बुला सकती है: सुनील सोनी
वहीं रायपुर सांसद सुनील सोनी से बैठक के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि 'इतने इमरजेंसी में बैठक बुलाने का अधिकार केवल भाजपा को है, क्योंकि उन्हे भाजपा ने टिकट दिया है'. सांसद सोनी ने कहा कि, 'हमें कल देर शाम फोन कर बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया. बैगर एजेंडे के इतने अर्जेंट बैठक बुलाने का कोई औचित्य नहीं था. अब अचानक मुख्यमंत्री कहे कि सारे काम छोड़कर बैठक में आओ तो हम किस मुद्दे के आधार पर जाए'.
बैठक के बारे में कोई सूचना नहीं: विक्रम उसेंडी
साथ ही छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि न तो मुझे इस बारे में कोई जानकारी है, न ही मुझे बुलाया गया, मैं दिल्ली बैठक में गया हुआ था. कांग्रेस का एजेंडा क्या है, इसलिए बैठक में जाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठाता.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी 2500 रुपए बोनस और सेंट्रल पुल में चावल लेने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में कांग्रेस का केंद्र सरकार के विरोध प्रदर्शन का दौर शुरु हो गया है.