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किसानों को कोरोना से बचाने के लिए किया जा रहा जागरूक

जिले में रबी की फसल की कटाई हो रही है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है. कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर कृषि विभाग के करीब 108 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में रहकर निगरानी रखने के साथ स्वफूर्त रूप से हाथ धुलाई के लिए साबुन, सोशल डिस्टेंस का पालन करा रहे हैं.

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Published : Apr 12, 2020, 12:24 AM IST

किसानों को कोरोना किया जागरुक
किसानों को कोरोना किया जागरुक

सूरजपुर: जिले में रबी की फसल की कटाई की जा रही है. इसी दौरान किसान की ओर से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है. कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर कृषि विभाग के करीब 108 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में रहकर निगरानी रखने के साथ स्वफूर्त रूप से हाथ धुलाई के लिए साबुन, सोशल डिस्टेंस का पालन, अधिकाशतः उपयोग में होने वाली हस्तचलित कटाई उपकरणों को उपयोग के दौरान कम से कम तीन बार साबुन से धुलाई सहित दूसरे निर्देशों का पालन नियमित रूप से कर रहे हैं.

किसानों को कोरोना किया जागरुक
किसानों को कोरोना किया जागरुक

बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जिले में धारा 144 के साथ पुरे देश को लॉकडाउन किया गया है. जिसकी वजह से कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि किसानों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए जागरूक किया जाए. रबि की फसल बोआई में मुख्य रूप से जिले में करीब 5 हजार एक सौ हेक्टेयर रकबे में गेहूं, चना, मटर, मक्का, तिलहन सहित अन्य फसलों की बुआई की गयी है. जिले में अबअलसी की करीब 2670 हेक्टेयर, मटर की 2560 हेक्टेयर, सरसो (तिलहन) की फसल 10259 हेक्टेयर, मसूर 1062 हेक्टेयर में कटाई हो चुकी है. वहीं गेहूं की करीब 11225 हेक्टेयर, चना की करीब 3350 हेक्टेयर, गन्ना की करीब 5000 हेक्टेयर में कटाई का कार्य चल रहा है.

कोविड-19 के सक्रंमण और प्रभाव से सुरक्षा के निर्धारित मानकों का पालन करने के लिए ग्रामवार करीब 108 आरईओ की ड्यूटी लगाई गयी है. ये अधिकारी कलेक्टर के निर्देश का परिपालन करते हुए अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में मानकों के पालन के साथ-साथ किसानों को कृषि कार्य करने और फसलों की कटाई करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की समझाइश दी जा रही है. हैंडवाॅस, मास्क, गमछा, रोज धुले व साफ कपडे़ पहनने को लेकर जागरूक किया जा रहा है.

फसल उत्पादन बीमा का आकलन कार्य शुरू

फसलों के उत्पादन क्षमता में कमी आने पर उन्हें फसल बीमा योजना के हिसाब से बीमा राशि मुआवजे के हिसााब से उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया जा रहा है. रबि फसल कटाई के अनुसार जिले में 338 गांवों में 1352 प्रयोग किया जा रहा है. गेहूं सिंचित 712, गेहूं असिंचित 20, चना 28, राई सरसों 480 और अलसी फसल में 112 प्रयोग होना निर्धारित किया गया है. जिसके चलते 50 प्रतिशत कृषि विभाग और 50 प्रतिशत राजस्व विभाग की संयुक्त टीम की ओर से इस कार्य को किया जा रहा है. इसके तहत एक गांव में चार प्रयोग फसलवार किया गया है, उनका औसत उत्पादन के आधार पर स्टैंडर्ड उत्पादन से आकलन किया जाता है. यदि औसत उत्पादन कम आता है तो कृषकों को बीमा राशि दी जाती है.

अन्य फसल उत्पादन पर भी रखा जा रहा ध्यान

रबि की फसल साल में मौसमी प्रभाव के अलावा अन्य प्रभाव से किसानों की तैयार हो रही फसल जिसमें मक्का का उत्पादन 1965 हेक्टेयर , जौ और बाजरा का उत्पादन 14 हेक्टेयर, मूंग की फसल का उत्पादन 61 हेक्टेयर, उडद का उत्पादन 51 हेक्टेयर और तिवडा का उत्पादन 852 हेक्टेयर पर किया जा रहा है. इन फसलों के उत्पादन पर किसी तरह से ज्यादा प्रभाव न पड़े, इसके लिए कृषि विभाग की टीम किसानों के साथ खेतों का भम्रण कर आवश्यक परामर्ष के साथ जैविक पद्वति में उत्पादन प्रभावित होने पर जरूरत से संबंधित उर्वरकता क्षमता को प्रभावित कराने वाले कारकों को दूर करने के लिए उपयोगी सामग्रियों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है.

सूरजपुर: जिले में रबी की फसल की कटाई की जा रही है. इसी दौरान किसान की ओर से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है. कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर कृषि विभाग के करीब 108 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में रहकर निगरानी रखने के साथ स्वफूर्त रूप से हाथ धुलाई के लिए साबुन, सोशल डिस्टेंस का पालन, अधिकाशतः उपयोग में होने वाली हस्तचलित कटाई उपकरणों को उपयोग के दौरान कम से कम तीन बार साबुन से धुलाई सहित दूसरे निर्देशों का पालन नियमित रूप से कर रहे हैं.

किसानों को कोरोना किया जागरुक
किसानों को कोरोना किया जागरुक

बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जिले में धारा 144 के साथ पुरे देश को लॉकडाउन किया गया है. जिसकी वजह से कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि किसानों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए जागरूक किया जाए. रबि की फसल बोआई में मुख्य रूप से जिले में करीब 5 हजार एक सौ हेक्टेयर रकबे में गेहूं, चना, मटर, मक्का, तिलहन सहित अन्य फसलों की बुआई की गयी है. जिले में अबअलसी की करीब 2670 हेक्टेयर, मटर की 2560 हेक्टेयर, सरसो (तिलहन) की फसल 10259 हेक्टेयर, मसूर 1062 हेक्टेयर में कटाई हो चुकी है. वहीं गेहूं की करीब 11225 हेक्टेयर, चना की करीब 3350 हेक्टेयर, गन्ना की करीब 5000 हेक्टेयर में कटाई का कार्य चल रहा है.

कोविड-19 के सक्रंमण और प्रभाव से सुरक्षा के निर्धारित मानकों का पालन करने के लिए ग्रामवार करीब 108 आरईओ की ड्यूटी लगाई गयी है. ये अधिकारी कलेक्टर के निर्देश का परिपालन करते हुए अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में मानकों के पालन के साथ-साथ किसानों को कृषि कार्य करने और फसलों की कटाई करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की समझाइश दी जा रही है. हैंडवाॅस, मास्क, गमछा, रोज धुले व साफ कपडे़ पहनने को लेकर जागरूक किया जा रहा है.

फसल उत्पादन बीमा का आकलन कार्य शुरू

फसलों के उत्पादन क्षमता में कमी आने पर उन्हें फसल बीमा योजना के हिसाब से बीमा राशि मुआवजे के हिसााब से उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया जा रहा है. रबि फसल कटाई के अनुसार जिले में 338 गांवों में 1352 प्रयोग किया जा रहा है. गेहूं सिंचित 712, गेहूं असिंचित 20, चना 28, राई सरसों 480 और अलसी फसल में 112 प्रयोग होना निर्धारित किया गया है. जिसके चलते 50 प्रतिशत कृषि विभाग और 50 प्रतिशत राजस्व विभाग की संयुक्त टीम की ओर से इस कार्य को किया जा रहा है. इसके तहत एक गांव में चार प्रयोग फसलवार किया गया है, उनका औसत उत्पादन के आधार पर स्टैंडर्ड उत्पादन से आकलन किया जाता है. यदि औसत उत्पादन कम आता है तो कृषकों को बीमा राशि दी जाती है.

अन्य फसल उत्पादन पर भी रखा जा रहा ध्यान

रबि की फसल साल में मौसमी प्रभाव के अलावा अन्य प्रभाव से किसानों की तैयार हो रही फसल जिसमें मक्का का उत्पादन 1965 हेक्टेयर , जौ और बाजरा का उत्पादन 14 हेक्टेयर, मूंग की फसल का उत्पादन 61 हेक्टेयर, उडद का उत्पादन 51 हेक्टेयर और तिवडा का उत्पादन 852 हेक्टेयर पर किया जा रहा है. इन फसलों के उत्पादन पर किसी तरह से ज्यादा प्रभाव न पड़े, इसके लिए कृषि विभाग की टीम किसानों के साथ खेतों का भम्रण कर आवश्यक परामर्ष के साथ जैविक पद्वति में उत्पादन प्रभावित होने पर जरूरत से संबंधित उर्वरकता क्षमता को प्रभावित कराने वाले कारकों को दूर करने के लिए उपयोगी सामग्रियों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है.

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