सूरजपुर: ग्रामीण इलाकों में वन्य जीवों का आना कोई नई बात नहीं है. लेकिन इन दिनों भालू का जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग में घूमना चर्चा का विषय बना हुआ है. जबकि वन विभाग की ओर से कोई कारगर कदम ना उठाए जाने से स्थानीय लोग दहशत में (People panic due to entry of bear) हैं. कुछ दिनों से मादा भालू अपने दो शावक के शहर में दश्तक दे चुकी है. लेकिन सुबह होते ही यह जंगल की ओर चले जाते हैं.
सूरजपुर सिटी में भालू की एंट्री से दहशत में शहरवासी
वन विभाग के अनुसार इन्हें जंगल में पर्याप्त मात्रा में खाने की व्यवस्था नहीं मिल पा रही है. जिसकी वजह से भालू शहर की ओर रुख कर रहे हैं. जब भालू शहर की ओर आते हैं तब उन पर वन विभाग निगरानी रखता है. जंगली भालू के शहर में आ जाने से आम लोगों में दहशत है. जबकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग पर भालू को खदेड़ने की बजाए हाथ पर हाथ धरा बैठा है. अगर भालू से किसी के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो इसका जिम्मेदारी कौन होगा. सूरजुपर में कई सालों से जामवंत योजना चलाई जा रही है. जिसमें भालू को जंगल में ही भोजन मुहैया कराया जाता है. इसके लिए अब तक लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं. बावजूद इसके भालू का रिहायशी इलाकों में आना वन विभाग के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है.