सूरजपुर: जिले में कोरोना की रफ्तार बेकाबू हो गई है. यहां हर दिन 400 से 500 के बीच कोरोना पॉजटिव मरीज मिल रहे हैं. हर रोज 3 से 6 लोगो की मौत हो रही है. जिले में अब मौत का आंकड़ा भी 100 के पार पहुंच चुका है. इसी बीच स्वास्थ विभाग लगातार सवालों के घेरें में आ रहा है. विभाग पर लगातार लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. ताजा मामला सूरजपुर के कोविड अस्पताल का है. आरोप है कि जिला अस्पताल की लापरवाही की वजह से एक महिला सहित तीन लोगो की जान चली गई है. अब सरकार के नुमाइंदे भी सरेआम जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. वहीं जिला अस्पताल प्रबंधन इन आरोपों से इनकार कर रहा है.
सूरजपुर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 13 अप्रैल से 5 मई तक टोटल लॉकडाउन लगाया गया है. जिले में कोविड मरीजों के लिए सर्वसुविधायुक्त 100 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर बनाया गया है. लेकिन इसके बावजूद जिले में न तो पॉजटिव मामलो की संख्या में गिरवाट आ रही है और न ही मौत का आंकड़ा कम हो रहा है. मरीजों के परिजन लगातार अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. परिजनों का कहना है कि जिला अस्पताल में उपलब्ध एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं है. जिसकी वजह से मरीज को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. जिससे उनकी मौत हो रही है. जिसे लेकर परिजन और ग्रामीण लगातार अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगा रहे हैं.
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जनप्रतिनिधि भी लगा रहे आरोप
अब जनप्रतिनिधि भी कोविड अस्पताल की लापरवाही की बात मान रहे हैं. उनके मुताबिक जब सरकार में बैठे लोगों की कोई सुनने वाला नहीं है ऐसे में आम लोगों की स्थिति का अंजादा आसानी से लगाया जा सकता है. उनका आरोप है कि अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है. बल्कि आम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. मरीजो की देखभाल के लिए यहां स्टाफ नहीं है. जबकि कागजो पर कई मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है.
अस्पताल प्रबंधन का आरोपों से इनकार
जिला अस्पताल प्रबंधन इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं. साथ ही इन मौतों का कारण भी मरीजों को ही बता रहा हैं. जिला अस्पताल के CMHO आरएस सिंह के मुताबिक मरीज खुद लापरवाही बरत रहे हैं. वे गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचते हैं. जिसकी वजह से इनकी मौत हो रही है. साथ ही उन्होंने एंबुलेंस और अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से भी इनकार किया है.