सूरजपुर: जिले में एक और बाघ की दहाड़ ने लोगों को दहशत में डाल दिया है. बीते 27 मार्च को ओडगी ब्लॉक के कालामांजन इलाके में बाघ ने तीन लोगों पर हमला कर दिया था, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी. ग्रामीण और बाघ के आपसी संघर्ष में बाघ भी बुरी तरह से घायल हो गया था. जिला प्रशासन, वन विभाग और पुलिस के प्रयास से लगभग 30 घंटे तक ऑपरेशन चलाकर बाघ का रेस्क्यू कर इलाज के लिए रायपुर भेजा गया था, जहां अभी भी घायल बाघ का इलाज जारी है. अब फिर से बिहारपुर और ओडगी इलाके में बाघ होने का दावा किया जा रहा है.
बाघ का लोकेशन पता किया जा रहा है: बिहारपुर और ओडगी में कई ग्रामीणों ने बाघ को देखने का दावा किया है. इसे देखते हुए वन विभाग अलर्ट हो गया है. बाघ के लोकेशन का पता लगाने के लिए जंगलों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. वन विभाग की ओर से रात होने के बाद घर से न निकलने, जंगल की तरफ न जाने और किसी प्रकार की भी जानकारी मिलने के बाद तत्काल वन विभाग को सूचित करने के लिए मुनादी कराई जा रही है.
Surajpur Tiger attack: बाघ के हमले से 2 की मौत
संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े ने बताया कि "गुरु घासीदास उद्यानिकी, तमोर पिंगला अभयारण्य दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और वहां हमेशा जंगली जानवर आते रहते हैं. पहली बार ऐसी स्थिति बनी है कि, बाघ वहां से हटकर कालामांजन मैं आ गया था, जिसके कारण दो लोगों की मृत्यु हो गई. मृतकों के परिवार को 6 लाख मुआवजा राशि दी गई है. घायल की स्थिति अभी ठीक बताई जा रही है." संसदीय सचिव ने भी बताया कि "फिर से बाघ की आमद की जानकारी मुझे है और मैंने वन विभाग को निर्देश दिया है कि बाकी निगरानी ठीक तरीके से कराई जाए ताकि फिर से कोई अप्रिय घटना न घट सके."