सूरजपुर: कोरोना काल में स्कूल और कॉलेज बंद रखे गए. बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई थी. ऐसे में केंद्र सरकार की योजना अनपढ़ लोगों को को साक्षर बनाने के लिए अधिकारी, कुशल प्रशिक्षक और स्वयंसेवी शिक्षकों ने कमर कस ली है. पढ़ना-लिखना अभियान केंद्र प्रायोजित योजना है. जिसे राज्य में सफल रूप से संचालित करने की पहल चल रही है. राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण रायपुर की ओर से राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण के तहत कुशल प्रशिक्षकों और स्वयंसेवी शिक्षकों को दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया.
सत्र के तीसरे दिन 505 करोड़ का अनुपूरक बजट हुआ पास
प्रशिक्षण में असाक्षरों को साक्षर करने के लिए महत्वपूर्ण बारीकियों को बताया गया. चिन्हांकित ग्राम पंचायत और नगर पंचायत के स्वयंसेवी शिक्षक अपने आसपास पंद्रह वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों का चिन्हांकन कर 120 घंटे अध्यापन कार्य कराकर उनको साक्षर करेंगे. सूरजपुर जिले के जिला परियोजना अधिकारी शशिकांत सिंह के निर्देश दिए हैं.
पढ़ना लिखना अभियान के लिए कार्यक्रम
ब्लॉक परियोजना अधिकारी रमेश जायसवाल की उपस्थिति में कुशल प्रशिक्षक कृष्ण कुमार ध्रुव, बालकरण सिंह, नेहा लकड़ा, पनमेश्वरी सिंह के द्वारा इस कार्यक्रम को प्राथमिकता देते हुए सभी स्वयंसेवी शिक्षकों से संपर्क कर लिंक में शत प्रतिशत पंजीयन कराया गया. दो दिवसीय राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण में शामिल कराया गया. पढ़ना लिखना अभियान कार्यक्रम में स्वयंसेवी शिक्षकों में रुचि देखने को मिली. जिन स्वयंसेवी शिक्षकों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं थे वो अपने आसपास के ग्राम प्रभारी या अन्य साथियों के पास जाकर इस ऑनलाइन उन्मुखीकरण कार्यक्रम में शामिल हुए.