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Negligence regarding fire in Surajpur :सरकारी दफ्तर और स्कूलों में आग को लेकर लापरवाही, रियलिटी चेक में खुलासा - भारत में है सजा का प्रावधान

सूरजपुर जिले में आगजनी की कई घटनाएं होने के बावजूद भी जिला प्रशासन सतर्क नहीं हुआ है. आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए कोई तैयारी देखने को नहीं मिल रही है. जिले के संयुक्त कार्यालय जिसमें कलेक्टर एसपी सहित जिले के सभी आला अधिकारियों का दफ्तर है. वहां से लेकर निजी, सरकारी स्कूल और बड़े व्यवसाई संस्थान कहीं पर भी अग्निशमन यंत्र मौजूद नहीं हैं. यदि कुछ जगहों पर मौजूद हैं तो वो भी एक्सपायर हो चुके हैं. स्थानीय लोग जिला प्रशासन से सभी सरकारी दफ्तर और स्कूलों में अग्निशमन यंत्र लगाने की मांग कर रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने से बच रहा है.

Negligence regarding fire in Surajpur
सरकारी दफ्तर और स्कूलों में आग को लेकर लापरवाही
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Published : Mar 2, 2023, 5:16 PM IST

सूरजपुर : जिले की सबसे बड़ी बिल्डिंग संयुक्त कार्यालय है. इस बिल्डिंग में कलेक्टर, एसपी सहित सभी आला अधिकारियों के दफ्तर मौजूद हैं. जब हमने यहां अग्निशमन यंत्र को लेकर रियलिटी टेस्ट किया तो पाया कि इतनी बड़ी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में मात्र आठ अग्निशमन यंत्र मौजूद हैं. जिसमें चार सही कंडीशन में हैं.जबकि 4 एक्सपायर हो चुके हैं. इसी बिल्डिंग के दूसरी मंजिल में जिला के कई विभाग के दर्जनों दफ्तर मौजूद हैं. बावजूद इसके वहां एक भी अग्निशमन यंत्र मौजूद नहीं है.

जिले के बड़े दफ्तरों में आग का खतरा : जिले के सबसे बड़े दूसरे ऑफिस यानी जिला पंचायत में भी मात्र 4 अग्निशमन यंत्र है. लेकिन एक भी सही कंडीशन में नहीं है. वहीं पीडब्ल्यूडी, आरईएस, एसडीम ऑफिस, नगर पालिका सहित जिला मुख्यालय के बड़े व्यापारिक संस्थाओं में एक भी अग्निशामक यंत्र मौजूद नहीं है.जिले में कई निजी और सरकारी स्कूल भी संचालित हो रहे हैं.इसके बाद भी किसी स्कूल में एक भी अग्निशामक यंत्र मौजूद नहीं हैं. स्थानीय लोग यह मान रहे हैं कि यह जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही है. इस ओर सभी को ध्यान देने की जरूरत है. ताकि जिला मुख्यालय को बड़े हादसों से बचा जा सके.

भारत में है सजा का प्रावधान : इस मसले पर जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. वहीं फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने बताया कि ''सभी महत्वपूर्ण दफ्तर और संस्थानों में अग्निशमन यंत्र रखना अनिवार्य है. इसके लिए भारत सरकार ने कानून भी बनाया है. बड़ी बिल्डिंग, बड़े व्यापारिक संस्थान, स्कूल और जहां पर भी बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना हो. वहां अग्निशामक यंत्र होना चाहिए. इसके लिए सरकार ने नेशनल बिल्डिंग कोड बनाया है. इस कानून के तहत नियम का उल्लंघन किए जाने पर दफ्तर संचालक, संस्था के मालिक पर जुर्माना से लेकर सजा तक का प्रावधान है.''

ये भी पढ़ें- सूरजपुर में नशा मुक्ति के नाम पर मरीजों पर थर्ड डिग्री टॉर्चर

अधिकारी ही लापरवाह, तो जिम्मेदार कौन :भारत सरकार के बनाए कानून के तहत नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है. लेकिन सवाल ये है कि जिस दफ्तर में कलेक्टर, एसपी सहित जिले के सभी आला अधिकारी बैठते हैं. उन पर कार्रवाई कौन करेगा ? साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो परिजन अपने बच्चों को अच्छी तालीम हासिल करने के लिए स्कूल संस्था के भरोसे स्कूल भेजते हैं आखिर उनके जान के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है?

सूरजपुर : जिले की सबसे बड़ी बिल्डिंग संयुक्त कार्यालय है. इस बिल्डिंग में कलेक्टर, एसपी सहित सभी आला अधिकारियों के दफ्तर मौजूद हैं. जब हमने यहां अग्निशमन यंत्र को लेकर रियलिटी टेस्ट किया तो पाया कि इतनी बड़ी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में मात्र आठ अग्निशमन यंत्र मौजूद हैं. जिसमें चार सही कंडीशन में हैं.जबकि 4 एक्सपायर हो चुके हैं. इसी बिल्डिंग के दूसरी मंजिल में जिला के कई विभाग के दर्जनों दफ्तर मौजूद हैं. बावजूद इसके वहां एक भी अग्निशमन यंत्र मौजूद नहीं है.

जिले के बड़े दफ्तरों में आग का खतरा : जिले के सबसे बड़े दूसरे ऑफिस यानी जिला पंचायत में भी मात्र 4 अग्निशमन यंत्र है. लेकिन एक भी सही कंडीशन में नहीं है. वहीं पीडब्ल्यूडी, आरईएस, एसडीम ऑफिस, नगर पालिका सहित जिला मुख्यालय के बड़े व्यापारिक संस्थाओं में एक भी अग्निशामक यंत्र मौजूद नहीं है.जिले में कई निजी और सरकारी स्कूल भी संचालित हो रहे हैं.इसके बाद भी किसी स्कूल में एक भी अग्निशामक यंत्र मौजूद नहीं हैं. स्थानीय लोग यह मान रहे हैं कि यह जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही है. इस ओर सभी को ध्यान देने की जरूरत है. ताकि जिला मुख्यालय को बड़े हादसों से बचा जा सके.

भारत में है सजा का प्रावधान : इस मसले पर जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. वहीं फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने बताया कि ''सभी महत्वपूर्ण दफ्तर और संस्थानों में अग्निशमन यंत्र रखना अनिवार्य है. इसके लिए भारत सरकार ने कानून भी बनाया है. बड़ी बिल्डिंग, बड़े व्यापारिक संस्थान, स्कूल और जहां पर भी बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना हो. वहां अग्निशामक यंत्र होना चाहिए. इसके लिए सरकार ने नेशनल बिल्डिंग कोड बनाया है. इस कानून के तहत नियम का उल्लंघन किए जाने पर दफ्तर संचालक, संस्था के मालिक पर जुर्माना से लेकर सजा तक का प्रावधान है.''

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अधिकारी ही लापरवाह, तो जिम्मेदार कौन :भारत सरकार के बनाए कानून के तहत नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है. लेकिन सवाल ये है कि जिस दफ्तर में कलेक्टर, एसपी सहित जिले के सभी आला अधिकारी बैठते हैं. उन पर कार्रवाई कौन करेगा ? साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो परिजन अपने बच्चों को अच्छी तालीम हासिल करने के लिए स्कूल संस्था के भरोसे स्कूल भेजते हैं आखिर उनके जान के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है?

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