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सूरजपुर: अकीदत से मनाया गया मोहर्रम, चंद लोगों के साथ निकली ताजिया की रैली - Festival of moharram

प्रतापपुर में शान्ति पूर्ण सदभाव और अकीदत के साथ मातमी पर्व मोहर्रम मनाया गया.स्थानीय मस्जिद से ताजिया निकाल कर मुख्य मार्ग होते हुऐ कदम पारा स्थित कर्बला तक जुलूस निकाला गया.

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अकीदत से मनाया गया मोहर्रम
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Published : Aug 31, 2020, 6:35 AM IST

Updated : Aug 31, 2020, 6:57 AM IST

सूरजपुर: प्रतापपुर नगर में कोरोना वायरस संक्रमण काल और लॉकडाउन के बीच शान्ति पूर्ण सदभाव और अकीदत के साथ मातमी पर्व मोहर्रम मनाया गया. बता दें की शासन के गाइड लाईन के अनुसार सीमित लोगों ने अनुमति का पालन करते हुए स्थानीय मस्जिद से ताजिया निकाल कर मुख्य मार्ग होते हुऐ कदम पारा स्थित कर्बला तक जुलूस निकाला. जिसमें नगर की महिला और पुरुषों के साथ ही बच्चे सीमित संख्या में शामिल हुए. जुलूस के दौरान समाज सेवकों ने शरबत और जलपान की भी व्यवस्था की थी. इस कार्यक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन ने भी कड़ी निगरानी रखी थी. वहीं जुलूस में शामिल लोग ने सोसल डिस्टेंसिंग और मास्क का विशेष ध्यान रखा था. करोना को मद्देनजर रखते हुए पर्व को मनाया गया.

अकीदत से मनाया गया मोहर्रम

प्रशासन ने लगाई थी रोक

मोहर्रम की दसवीं तारीख 30 अगस्त को पड़ रही थी. हर साल मोहर्रम पर शहर के अलग-अलग इलाकों से मातमी जुलूस और ताजिया निकाली जाती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान इस बार ताजिया और मातमी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई थी. परंपरा के तौर पर इस साल मोहर्रम पर मस्जिदों में चंद लोगों की मौजूदगी में ही कर्बला के शहीदों को याद किया जाना था.

पढ़ें: बिलासपुर: पुलिस ने बरामद किया युवक का शव, 3 दिन पहले लीलागर नदी के तेज बहाव में हुआ था लापता

राजधानी में भी रोक

हर साल मोहर्रम की आखिरी तारीख में बड़ा जुलुस निकला जाता था, जिसमें हजारों की तादाद में लोग शामिल होते थे. रायपुर में यह जुलूस शहर के मुख्य स्थानों से होता हुआ कर्बला तलाब में ताजियों को विसर्जन किया जाता था, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से अनुमति प्रदान नहीं की गई थी.

सूरजपुर: प्रतापपुर नगर में कोरोना वायरस संक्रमण काल और लॉकडाउन के बीच शान्ति पूर्ण सदभाव और अकीदत के साथ मातमी पर्व मोहर्रम मनाया गया. बता दें की शासन के गाइड लाईन के अनुसार सीमित लोगों ने अनुमति का पालन करते हुए स्थानीय मस्जिद से ताजिया निकाल कर मुख्य मार्ग होते हुऐ कदम पारा स्थित कर्बला तक जुलूस निकाला. जिसमें नगर की महिला और पुरुषों के साथ ही बच्चे सीमित संख्या में शामिल हुए. जुलूस के दौरान समाज सेवकों ने शरबत और जलपान की भी व्यवस्था की थी. इस कार्यक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन ने भी कड़ी निगरानी रखी थी. वहीं जुलूस में शामिल लोग ने सोसल डिस्टेंसिंग और मास्क का विशेष ध्यान रखा था. करोना को मद्देनजर रखते हुए पर्व को मनाया गया.

अकीदत से मनाया गया मोहर्रम

प्रशासन ने लगाई थी रोक

मोहर्रम की दसवीं तारीख 30 अगस्त को पड़ रही थी. हर साल मोहर्रम पर शहर के अलग-अलग इलाकों से मातमी जुलूस और ताजिया निकाली जाती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान इस बार ताजिया और मातमी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई थी. परंपरा के तौर पर इस साल मोहर्रम पर मस्जिदों में चंद लोगों की मौजूदगी में ही कर्बला के शहीदों को याद किया जाना था.

पढ़ें: बिलासपुर: पुलिस ने बरामद किया युवक का शव, 3 दिन पहले लीलागर नदी के तेज बहाव में हुआ था लापता

राजधानी में भी रोक

हर साल मोहर्रम की आखिरी तारीख में बड़ा जुलुस निकला जाता था, जिसमें हजारों की तादाद में लोग शामिल होते थे. रायपुर में यह जुलूस शहर के मुख्य स्थानों से होता हुआ कर्बला तलाब में ताजियों को विसर्जन किया जाता था, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से अनुमति प्रदान नहीं की गई थी.

Last Updated : Aug 31, 2020, 6:57 AM IST
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