सूरजपुर: जिले के प्रतापपुर के भेड़िया ग्राम पंचायत में बनाए गए क्वॉरेंटाइन कैंप में प्रवासी मजदूरों की परेशानी और बढ़ गई है. 25 मार्च को हुए लॉकडाउन के बाद बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर छत्तीसगढ़ से झारखंड, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की ओर अपने घरों की ओर लौट रहे थे.
इसी दौरान शासन के निर्देश पर प्रवासी मजदूरों को रोका गया और उनके व्यवस्था की गई थी. ये मजदूरों को 30 मार्च से भेड़िया स्थित राहत कैंप में रखे गए हैं. सभी मजदूर इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने के बाद वे अपने अपने घरों की ओर जा सकेंगे, लेकिन इसी बीच लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा होने के बाद से मजदूरों की चिंता और बढ़ गई है.
भूख हड़ताल पर बैठे मजदूर
यहां रुके 26 मजदूर भूख हड़ताल पर बैठ गए. वे इस बात पर अड़े रहे कि जब उन्होनें 14 दिन की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी कर ली है तो अब आखिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है. उनका यह भी कहना था कि उनमें संक्रमण की संभावना को देखते हुए 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रखा गया था, तो अब 14 दिनों के बाद उन्हें छोड़ा क्यों नहीं जा रहा है.
पैदल जाने को तैयार मजदूर
मजदूरों ने यह भी कहा की सीमावर्ती बलरामपुर जिले से कल 130 मजदूरों को छोड़ा गया है. तो हमे भी छोड़ा जाए, अगर सरकार जाने की व्यवस्था नही दें पाएगी तो हम पैदल ही चले जाएंगे. वहीं इस बात का समर्थन बाकी मजदूर भी कर रहे थे.
मौके पर पहुंचे आला-अधिकारी
वहीं इसकी जानकारी पंचायत सचिव और सरपंच ने अधिकारियों को दे दी है. जिस पर अपर कलेक्टर एनएस मोटवानी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर मौके पर पहुंचे और उन्हें समझाते हुए शांत कराया. साथ में सभी को खाना भी खिलाया गया.
अब सभी मजदूर प्रशासन से उम्मीद लगाये बैठे है की उन्हें घर जाने दें, जिससे वें भी अपने परिवार से मिल सकें.