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जरही नगर पंचायत: मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे यहां के लोग, न सड़क बनी न पानी मिला

शहरवासी वर्षों से एक बस स्टैंड बनाने की आस लगाए हुए हैं, लेकिन आज तक नगर पंचायत जरही में बस स्टैंड का निर्माण नहीं हुआ है. सड़क किनारे यात्रियों को बस का इंतजार करना पड़ता है. इसके कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.

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Published : Oct 26, 2019, 9:52 PM IST

jarhi nagar panchayat

सूरजपुर: जरही नगर पंचायत गठित हुए 15 साल से ज्यादा हो गए, लेकिन विकास के नाम पर आज भी नगर पंचायत प्रदेश के सबसे पिछड़े मनगर पंचायतों में शामिल है. कोयलांचल के रूप देश भर में अपनी एक अलग पहचान रखने वाली जरही में विकास के नाम पर कई निर्माण कार्य तो हुए हैं, लेकिन सभी निर्माणकार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए. नगर पंचायत में मुक्तिधाम से लेकर सड़कों का हाल बाहाल है. एक सामुदायिक भवन बनाया गया था, जिसमें स्थानीय लोग बताते हैं इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक पैसों की बंदरबांट की गई है.

15 साल में न सड़क बनी न पानी मिला

शहरवासी वर्षों से एक बस स्टैंड बनाने की आस लगाए हुए हैं, लेकिन आज तक नगर पंचायत जरही में बस स्टैंड का निर्माण नहीं हुआ है. सड़क किनारे यात्रियों को बस का इंतजार करना पड़ता है. इसके कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.

नगर पंचायत जरही में 2004 के नगरी निकाय चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी, वहीं 2009 में कांग्रेस ने अपना सिक्का जमाया, वहीं 2014 में नगरवासियों ने एक बार फिर बीजेपी पर भरोसा जताया, लेकिन नगर पंचायत जरही की तस्वीर नहीं बदली. नगर में आज भी पीने के पानी की बड़ी समस्या है और बीते पांच साल में इसके लिए कोई पहल भी नहीं किया गया.

वहीं दूसरी ओर शहर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा न मिलने से लोगों को दूसरे जिले के अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है. नगर पंचायत में आज भी बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है.

कांग्रेस सरकार के पार्षदों द्वारा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया की शुरुआत से भले ही कई अध्यक्ष पद के दावेदारों के सपने चूर चूर हो गए हो लेकिन दोनों की राजनीतिक दलों के जोड़-तोड़ की समीकरण पर नगर पंचायत जरही के नगर वासियों का आगामी दिनों में कितना विकास हो सकता है यह देखने वाली बात होगी

सूरजपुर: जरही नगर पंचायत गठित हुए 15 साल से ज्यादा हो गए, लेकिन विकास के नाम पर आज भी नगर पंचायत प्रदेश के सबसे पिछड़े मनगर पंचायतों में शामिल है. कोयलांचल के रूप देश भर में अपनी एक अलग पहचान रखने वाली जरही में विकास के नाम पर कई निर्माण कार्य तो हुए हैं, लेकिन सभी निर्माणकार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए. नगर पंचायत में मुक्तिधाम से लेकर सड़कों का हाल बाहाल है. एक सामुदायिक भवन बनाया गया था, जिसमें स्थानीय लोग बताते हैं इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक पैसों की बंदरबांट की गई है.

15 साल में न सड़क बनी न पानी मिला

शहरवासी वर्षों से एक बस स्टैंड बनाने की आस लगाए हुए हैं, लेकिन आज तक नगर पंचायत जरही में बस स्टैंड का निर्माण नहीं हुआ है. सड़क किनारे यात्रियों को बस का इंतजार करना पड़ता है. इसके कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.

नगर पंचायत जरही में 2004 के नगरी निकाय चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी, वहीं 2009 में कांग्रेस ने अपना सिक्का जमाया, वहीं 2014 में नगरवासियों ने एक बार फिर बीजेपी पर भरोसा जताया, लेकिन नगर पंचायत जरही की तस्वीर नहीं बदली. नगर में आज भी पीने के पानी की बड़ी समस्या है और बीते पांच साल में इसके लिए कोई पहल भी नहीं किया गया.

वहीं दूसरी ओर शहर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा न मिलने से लोगों को दूसरे जिले के अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है. नगर पंचायत में आज भी बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है.

कांग्रेस सरकार के पार्षदों द्वारा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया की शुरुआत से भले ही कई अध्यक्ष पद के दावेदारों के सपने चूर चूर हो गए हो लेकिन दोनों की राजनीतिक दलों के जोड़-तोड़ की समीकरण पर नगर पंचायत जरही के नगर वासियों का आगामी दिनों में कितना विकास हो सकता है यह देखने वाली बात होगी

Intro:नगर पंचायत जरही को गठन हुए 10 वर्ष बीत गए लेकिन विकास के नाम पर आज भी नगर पंचायत वासी अछूते हैं जहां आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अब राजनीतिक दलों के नेताओं की सक्रियता तेज हो गई है वहीं नगर वासी नेताओं के खोखले वादों से आक्रोशित हैं


Body:कोयलांचल नगरी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाला सूरजपुर नगर पंचायत जरही में यूं तो विकास के नाम पर कई निर्माण कार्य हुए लेकिन सभी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए चाहे वह नगर पंचायत में मुक्तिधाम हो या सड़कों का हाल या फिर सामुदायिक भवन ही क्यों ना हो सभी में पैसों की बंदरबांट साफ नजर आती है वही बरसों से नगरवासी बस स्टैंड बनाने की आस लगाए हुए हैं लेकिन आज तक नगर पंचायत जरही को बस स्टैंड नसीब नहीं हुआ है सड़क किनारे यात्रियों को बस का इंतजार करना पड़ता है इस कारण से कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं जहां नगर पंचायत जरही में नगरी निकाय चुनाव में सन 2004 में भाजपा ने जीत हासिल की थी वहीं 2009 में कांग्रेस ने अपना सिक्का जमाया था तो 2014 में नगर वासियों ने बीजेपी उम्मीदवार पर भरोसा जताया था लेकिन नगर पंचायत जरही की तस्वीर नहीं बदली जहां आज भी पीने के पानी की समस्या नगर पंचायत जरही के लिए बड़ी समस्या है इसके लिए कोई पहल नहीं किया गया तो वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त ना होने के कारण दूसरे जिले का सहारा लेना पड़ता है वहीं ग्रामीणों में बिजली सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नगरवासी आज भी परेशान हैं जहां आगामी नगरी निकाय चुनाव के मद्देनजर फिर से 5 साल बाद नेता चौक चौराहों पर और नगर वासियों से संपर्क कर फिर एक बार भरोसा जीतने की कवायद में जुटे हुए हैं 15 साल बाद सत्ता में काबिज हुए कांग्रेस के नेता नगर पंचायत में नगर वासियों को आश्वासन देने पीछे नहीं हट रहे हैं जहां नगर पंचायत के आधे से अधिक वार्ड एस ई सी एल कंपनी के कोयला खदान क्षेत्र में विकास कार्यों में अपनी भूमिका निभाती नजर आती है फिर भी नगर पंचायत का विकास हुआ है और समस्या बरकरार है ऐसे में यह क्षेत्र डॉक्टर प्रेम साय सिंह शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ शासन का है तो वही क्षेत्र के पूर्व गृह मंत्री रामसेवक पैकरा का भी विधानसभा क्षेत्र है जिसके कारण इन दोनों की शाख भी दांव पर लगी है ऐसे में शिक्षा मंत्री के जनप्रतिनिधि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय हैं और उनका दावा है कि नगरीय निकाय चुनाव के बाद जरी का विकास जरूर होगा


Conclusion:कांग्रेस सरकार के पार्षदों द्वारा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया की शुरुआत से भले ही कई अध्यक्ष पद के दावेदारों के सपने चूर चूर हो गए हो लेकिन दोनों की राजनीतिक दलों के जोड़-तोड़ की समीकरण पर नगर पंचायत जरही के नगर वासियों का आगामी दिनों में कितना विकास हो सकता है यह देखने वाली बात होगी

बाईट - मुकेश ,,,,भाजपा नेता
बाईट - कांग्रेस नेता
बाईट - प्रताप सिंह नगरवासी जरही
बाईट - नगरवासी
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