ETV Bharat / state

विश्व स्तनपान सप्ताह: जानिये स्तनपान कराने के सही तरीके और इसके लाभ - कंगारू मदर केयर छत्तीसगढ़

विश्व स्तनपान सप्ताह चल रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत आपको यह बताने की कोशिश कर रहा है कि माता का दूध बच्चे के लिए कितना उपयोगी है. प्रसूताओं और माताओं को किस तरह अपने बच्चों को स्तनपान कराना चाहिए.

KMC
विश्व स्तनपान सप्ताह
author img

By

Published : Aug 7, 2021, 7:29 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 9:32 PM IST

सरगुजा: 1 से 7 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है. सरकार के तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित करती है. लेकिन स्तानपान सप्ताह आयोजित करने के पीछे का प्रमुख लक्ष्य है, सही तरीके से नवजात शिशु को स्तनपान कराना ताकि बच्चा जन्म के बाद से ही सुपोषित हो सके. ETV भारत ने इस अहम जानकारी के लिये शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुमन से बात की है. इस बातचीत में उन्होंने स्तानपान के सही तरीके और इसके फायदे की जानकारी दी है.

छत्तीसगढ़ और सरगुज़ा जैसे क्षेत्र के बच्चों में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. इस कुपोषण से लड़ने के लिए सरकार तमाम तरह की कवायद करती है. लेकिन अगर नवजात शिशु को जन्म से 6 माह की उम्र तक बेहतर स्तनपान कराया जाये तो कुपोषण का खतरा शुरुआत में ही टल जाता है. नवजात शिशु को स्तनपान बेहद जरूरी है. इसे सही तरीके से पर्याप्त मात्रा में कराना भी जरूरी है. नई पीढ़ी की बहुत सी माताओं को स्तनपान का सही तरीका नहीं पता होता है. लिहाजा आप इस वीडियो में देख सकती हैं या फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, या हेल्थ वर्कर से भी संपर्क कर पूरी विधि सीख सकते हैं.

विश्व स्तनपान सप्ताह

बच्चों के लिए 'मदर टेरेसा' बनकर सामने आई ये महिला पुलिस कॉन्स्टेबल

इसके अलावा नवजात शिशु की देखरेख सामूहिक रूप से करने की सलाह दी जाती है. रूढ़िवादी विचारों से ऊपर उठकर नवजात शिशु का पालन पोषण में घर के हर सदस्य को सामूहिक जिम्मेदारी उठानी चाहिये. अकेले प्रसूता पर ही नवजात की निर्भरता नहीं छोड़नी चाहिये. पुराने समय मे ऐसी ही प्रथा थी लेकिन अब समाज में बदलाव आ रहा है.

KMC यानी की कंगारू मदर केयर यह एक ऐसी थैरेपी है, जिससे नवजात शिशु की सेहत पर बड़ा असर और परिवर्तन दिखता है. इसका नाम ही बहुत कुछ बता देता है. कंगारू मदर मतलब जिस तरह कंगारू अपने बच्चे को सीने से लगा कर रखता है. वैसे ही माताओं को अपने बच्चे को बिना कपड़ों के अपनी छाती के ऊपर लेटा कर रखना है. इससे मां के शरीर की गर्माहट बच्चे को मिलती है. इस तरह से यह तरीका बच्चे को शारिरिक प्रगति में सहायक बनता है.

सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित मातृ एवं शिशु अस्पतालों में यह सारे तरीके प्रसूताओं को बताए और सिखाये जाते हैं. प्रसूताओं और माताओं को इन बातों का ख्याल रखना चाहिए. ताकि वह अपने बच्चे की बेहतर देखभाल कर सके.

सरगुजा: 1 से 7 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है. सरकार के तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित करती है. लेकिन स्तानपान सप्ताह आयोजित करने के पीछे का प्रमुख लक्ष्य है, सही तरीके से नवजात शिशु को स्तनपान कराना ताकि बच्चा जन्म के बाद से ही सुपोषित हो सके. ETV भारत ने इस अहम जानकारी के लिये शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुमन से बात की है. इस बातचीत में उन्होंने स्तानपान के सही तरीके और इसके फायदे की जानकारी दी है.

छत्तीसगढ़ और सरगुज़ा जैसे क्षेत्र के बच्चों में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. इस कुपोषण से लड़ने के लिए सरकार तमाम तरह की कवायद करती है. लेकिन अगर नवजात शिशु को जन्म से 6 माह की उम्र तक बेहतर स्तनपान कराया जाये तो कुपोषण का खतरा शुरुआत में ही टल जाता है. नवजात शिशु को स्तनपान बेहद जरूरी है. इसे सही तरीके से पर्याप्त मात्रा में कराना भी जरूरी है. नई पीढ़ी की बहुत सी माताओं को स्तनपान का सही तरीका नहीं पता होता है. लिहाजा आप इस वीडियो में देख सकती हैं या फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, या हेल्थ वर्कर से भी संपर्क कर पूरी विधि सीख सकते हैं.

विश्व स्तनपान सप्ताह

बच्चों के लिए 'मदर टेरेसा' बनकर सामने आई ये महिला पुलिस कॉन्स्टेबल

इसके अलावा नवजात शिशु की देखरेख सामूहिक रूप से करने की सलाह दी जाती है. रूढ़िवादी विचारों से ऊपर उठकर नवजात शिशु का पालन पोषण में घर के हर सदस्य को सामूहिक जिम्मेदारी उठानी चाहिये. अकेले प्रसूता पर ही नवजात की निर्भरता नहीं छोड़नी चाहिये. पुराने समय मे ऐसी ही प्रथा थी लेकिन अब समाज में बदलाव आ रहा है.

KMC यानी की कंगारू मदर केयर यह एक ऐसी थैरेपी है, जिससे नवजात शिशु की सेहत पर बड़ा असर और परिवर्तन दिखता है. इसका नाम ही बहुत कुछ बता देता है. कंगारू मदर मतलब जिस तरह कंगारू अपने बच्चे को सीने से लगा कर रखता है. वैसे ही माताओं को अपने बच्चे को बिना कपड़ों के अपनी छाती के ऊपर लेटा कर रखना है. इससे मां के शरीर की गर्माहट बच्चे को मिलती है. इस तरह से यह तरीका बच्चे को शारिरिक प्रगति में सहायक बनता है.

सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित मातृ एवं शिशु अस्पतालों में यह सारे तरीके प्रसूताओं को बताए और सिखाये जाते हैं. प्रसूताओं और माताओं को इन बातों का ख्याल रखना चाहिए. ताकि वह अपने बच्चे की बेहतर देखभाल कर सके.

Last Updated : Aug 7, 2021, 9:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.