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शासकीय जमीन पर दबंगों का कब्जा, भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण - अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर जूर ग्राम पंचायत के ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

Hunger strike of villagers
ग्रामीणों की भूख हड़ताल
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Published : Oct 14, 2020, 10:59 AM IST

सूरजपुर: जूर ग्राम पंचायत की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर ग्रामीण एक बार फिर लामबंद हो गए हैं. शासकीय जमीन पर कब्जे को लेकर ग्रामीण अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इस हड़ताल को राजनीतिक दलों ने भी अपना समर्थन दिया है.

ग्रामीणों की भूख हड़ताल

हड़ताल की खबर लगते ही मंगलवार को अपर कलेक्टर, सूरजपुर एसडीएम, भैयाथान एसडीएम, तहसीलदार सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचे, लेकिन वे ग्रामीणों को मनाने में असफल रहे. ग्रामीण अभी भी ठोस कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि जूर ग्राम पंचायत की गोचर भूमि पर गांव के ही कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जमीन पर लंबे समय से दंबगों का कब्जा है.

पहले भी हो चुकी है हड़ताल

ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों का ध्यान इस समस्या की ओर कराया. लेकिन मामले में ग्रामीणों को कुछ हाथ नहीं लगा. हमेशा की तरह केलव आश्वासन ही मिलता रहा. बीते 6 सितंबर को ग्रामीणों ने इस मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी. जिसको लेकर मौके पर पहुंचे एसडीएम ने ग्रामीणों को 15 दिन में कार्रवाई करने का लिखित आश्वासन देकर हड़ताल खत्म कराई थी. लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर रवि शर्मा को 12 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल के संबंध में ज्ञापन सौंपा था. जिसको लेकर कलेक्टर ने अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे.

सूरजपुर: एक वाहन से ढाई लाख रुपये की अवैध शराब जब्त, ड्राइवर फरार

हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला

कलेक्टर के निर्देश के बाद एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूत, तहसीलदार प्रदीप जायसवाल सहित राजस्व अमला जेसीबी मशीन लेकर अपने दल बल के साथ 8 अक्टूबर को जूर ग्राम पंचायत पहुंचा था. लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया. इस पर जूर के ग्रामीण एक बार फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए.

सूरजपुर: जूर ग्राम पंचायत की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर ग्रामीण एक बार फिर लामबंद हो गए हैं. शासकीय जमीन पर कब्जे को लेकर ग्रामीण अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इस हड़ताल को राजनीतिक दलों ने भी अपना समर्थन दिया है.

ग्रामीणों की भूख हड़ताल

हड़ताल की खबर लगते ही मंगलवार को अपर कलेक्टर, सूरजपुर एसडीएम, भैयाथान एसडीएम, तहसीलदार सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचे, लेकिन वे ग्रामीणों को मनाने में असफल रहे. ग्रामीण अभी भी ठोस कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि जूर ग्राम पंचायत की गोचर भूमि पर गांव के ही कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जमीन पर लंबे समय से दंबगों का कब्जा है.

पहले भी हो चुकी है हड़ताल

ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों का ध्यान इस समस्या की ओर कराया. लेकिन मामले में ग्रामीणों को कुछ हाथ नहीं लगा. हमेशा की तरह केलव आश्वासन ही मिलता रहा. बीते 6 सितंबर को ग्रामीणों ने इस मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी. जिसको लेकर मौके पर पहुंचे एसडीएम ने ग्रामीणों को 15 दिन में कार्रवाई करने का लिखित आश्वासन देकर हड़ताल खत्म कराई थी. लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर रवि शर्मा को 12 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल के संबंध में ज्ञापन सौंपा था. जिसको लेकर कलेक्टर ने अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे.

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हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला

कलेक्टर के निर्देश के बाद एसडीएम प्रकाश सिंह राजपूत, तहसीलदार प्रदीप जायसवाल सहित राजस्व अमला जेसीबी मशीन लेकर अपने दल बल के साथ 8 अक्टूबर को जूर ग्राम पंचायत पहुंचा था. लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया. इस पर जूर के ग्रामीण एक बार फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए.

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