सूरजपुर: कोरोना संक्रमण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. अचानक आई इस आपदा ने हर किसी को अपनी चपेट में ले लिया. पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को तो नुकसान हुआ ही, इसके साथ ही शिक्षा पर इसका असर सबसे ज्यादा रहा. कोरोना संकट काल में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर भी ग्रहण लग गया. स्कूलों में ताले लग गए. इस मुश्किल घड़ी ने बच्चों से उनकी कॉपी-किताब भी छीन ली. इस बीच सूरजपुर के टीचरों ने ऐसी विषम परिस्थिति में भी बच्चों को शिक्षा देकर एक मिसाल पेश की है. अब यहां गांव के बच्चे 'लाउडस्पीकर गुरुजी' से पढ़ते हैं.
शासकीय प्राथमिक स्कूल रुनियाडीह के शिक्षकों ने पूरे लॉकडाउन से लेकर अनलॉक तक बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए बेहद सराहनीय पहल की. राज्य सरकार की योजना 'पढ़ई तूंहर द्वार' के तहत बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही. लेकिन रुनियाडीह इलाके में कई ऐसे छात्र हैं, जिनके मोबाइल नहीं है और अगर मोबाइल हैं भी तो इंटरनेट की सुविधा नहीं है. कई क्षेत्रों में नेट कनेक्टिविटी का अभाव है.
![surajpur education in corona pandemic](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8401847_j-2.png)
कोरोना संक्रमण से बचने वाले नियमों का किया जा रहा पालन
इन सभी बाधाओं को देखते हुए शासकीय प्राथमिक स्कूल रुनियाडीह के प्रधान पाठक सीमांचल त्रिपाठी ने 'लाउडस्पीकर गुरुजी' शिक्षा व्यवस्था के तहत बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं. सहयोगी शिक्षक रिजवान अली भी इसमें साथ दे रहे हैं. जिन बच्चों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, उन गांव और मोहल्लों में जाकर लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाई कराई जा रही है. इस दौरान शासन-प्रशासन की जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए बच्चे मास्क भी लगाते हैं. पढ़ाई करते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है.
![surajpur loudspeaker guruji](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8401847_j-1.png)
छोटे क्लास के बच्चों को पढ़ाने में 10वीं क्लास के छात्रों का भी योगदान होता है. वे छोटे क्लास के बच्चों की कॉपी जांचने में मदद करते हैं. बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित नहीं हो रही है. इस पहल से गांव के लोग भी खुश हैं और शिक्षकों का सहयोग कर रहे हैं.
![surajpur loudspeaker guruji](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8401847_j-3.png)
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कोरोना संक्रमण के दौरान अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित छात्रों के लिए यह एक अच्छा अवसर है. छात्रों ने बताया कि शिक्षा विभाग की यह अच्छी पहल है. 'लाउडस्पीकर गुरुजी' की मदद से वे सुरक्षित ढंग से पढ़ाई कर रहे हैं. पढ़ते वक्त हाथों को लगातर सैनिटाइज भी करते हैं और एक-दूसरे से दूर-दूर बैठकर ही पढ़ाई करते हैं. प्रशासनिक अधिकारी भी इस पहल से खुश हैं और इसे आपदा में अवसर बता रहे हैं.
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कोरोना काल में छात्रों की पढ़ाई के लिए सरकार से लेकर अभिभावक तक सभी चिंतित हैं. लेकिन आपदा में भी शिक्षकों का ये जज्बा कोरोना वॉरियर्स से कम नहीं है. वे बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और बच्चे भी खुशी-खुशी पढ़ रहे हैं, लेकिन इन छात्र-छात्राओं को इंतजार है कि कब स्कूल के दरवाजे फिर से खुलेंगे और वे स्कूल की घंटी की आवाज सून सकेंगे.