सूरजपुर: शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर हैं. जिसके कारण अधिकारी/कर्मचारियों ने अपनी सहभागिता निभाते हुए कार्यालय बंद रखा है. इस दौरान अग्रसेन चौक पर धरना प्रदर्शन कर सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर प्रहार किया.
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि 11 सूत्रीय मांगों को लेकर पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम का ज्ञापन सौंपा था. लेकिन आजतक इस पर किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया गया है. छत्तीसगढ़ कर्मचारी फेडरेशन के 27 पंजीकृत मान्यता प्राप्त कर्मचारी शामिल हैं, जिसके कारण कर्मचारी तीन दिवसीय आंदोलन लेने का फैसला लिया. कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक उपाध्याय बताते हैं कि वे इससे पहले 1 नवंबर को रायपुर में सत्याग्रह किया, वहीं 2 और 3 नवंबर को छत्तीसगढ़ के समस्त अधिकारी कर्मचारी ने दो दिन का अवकाश लिया और बुधवार यानि 4 नवंबर को धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर को मुख्यमंत्री ने नाम अपनी 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपे हैं.
पढ़ें- बलरामपुर: 27 शासकीय कर्मचारियों के संगठन ने निकाली रैली, अनिश्चितकालीन आंदोलन की दी चेतावनी
शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की मांग
- वहीं अधिकारियों-कर्मचारियों के इस तरह से आंदोलन करने से जिले भर में शासकीय कार्य प्रभावित हुआ है और आम लोगों को परेशान होना पड़ा है.
- प्रदेश के लिपिक सहित समस्त कर्मचारियों का वेतनमान विसंगति का तत्काल निराकरण किया जाए.
- कोरोना संक्रमण में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों के परिवार को 50 लाख का अनुदान व परिवार के सदस्य को योग्यता अनुसार निश्चित विशेष अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया जाए.
- कोरोना वॉरियर्स के रूप में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक महीने का अतिरिक्त वेतन प्रदान किया जाए.
- जुलाई 2020 में मिलने वाली वेतन वृद्धि को तत्काल बहाल किया जाए.
- कोरोना संक्रमण के पहले का जुलाई 2019 में 5% महंगाई भत्ता समस्त कर्मचारियों एवं पेंशनरों को दिया जाए.
- तृतीय श्रेणी के पदों पर विगत 2 सालों से अनुकंपा नियुक्ति में लगी रोक को तुरंत हटाया जाए और अनुकंपा नियुक्ति के सभी लंबित प्रकरणों का एक महीने के अंदर निराकरण किया जाए.
- चतुर्थ श्रेणी के कार्यभारित एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित पदस्थापना की नियुक्ति कर नियमित कर्मचारियों की तरह समस्त लाभ दिया जाए.
- कुर्ला से पीड़ित साक्षी कर्मचारी व उसके आश्रित के सदस्यों के इलाज में खर्च राशि के चिकित्सा प्रतिपूर्ति हेतु समस्त विभागों में विशेषता आंबटन राशि दी जाए.
- नई पेंशन योजना की जगह पर पुरानी पेंशन योजना छत्तीसगढ़ में लागू की जाए.