सूरजपुर : जिले में 'सुगम स्वास्थ्य' के नाम से चलाई जा रही सेवा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर रही है. जिले के कई गांव दूरस्थ हैं, जहां मध्य प्रदेश की सीमा से सटे क्षेत्र चांदी, बिहारपुर जैसे दर्जनों गांव हैं. वहीं जजावर जैसे पहाड़ी इलाके वाले कई गांव जहां स्वास्थ्य सेवा देने के लिए भले ही प्रशासन कई प्रयास कर रहा हो, लेकिन संसाधनों के अभाव के कारण मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी.
'सुगम स्वास्थ्य' एक नई पहल
कभी वाहनों के इंतजार में मरीजों की जान चली जाती है, तो गर्भवती महिलाओं के लिए अस्पताल जाने के लिए वाहन तक नहीं मिलते. जिले के युवा कलेक्टर ने एक नई पहल की है और उसका नाम दिया गया है 'सुगम स्वास्थ्य' सेवा. इसके तहत सभी ब्लॉकों के गांव में समाजसेवा से जुड़ने वाले इच्छुक निजी वाहन मालिकों को पंजीकृत किया गया है. वे मरीजों को समय पर वाहन उपलब्ध करा रहे हैं और अस्पताल तक पहुंचा रहे हैं.
100 से 500 तक मिल जाती है राशि
केवल 8 महीने में ही लगभग 500 निजी वाहन मालिकों ने अपना पंजीकृत कराया और गांव के किसी भी मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए गांव की मितानिन के माध्यम से संपर्क किया जाता है. पंजीकृत वाहन मालिक निस्वार्थ मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाते हैं, जिसके लिए जिला प्रशासन उन्हें दूरी के हिसाब से प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराता है. राशि 100 से लेकर 500 रुपए तक होती है.
हर जिले में होनी चाहिए ऐसी पहल
एक और जहां निजी वाहन मालिक की राय में वाहनों को चलाकर मोटी रकम वसूलते हैं. ऐसे में जिले में सुगम स्वास्थ्य सूरजपुर सेवा में अब तक 581 पंजीकृत किस वाहन मालिकों ने दो हजार से ज्यादा मरीजों को अस्पताल पहुंचाकर मानवता की मिसाल पेश किया है. वाहन मालिकों का मानना है कि, सुगम स्वास्थ्य जैसी सेवा हर जिले में होनी चाहिए, जिससे वाहनों के अभाव में कोई भी मरीज परेशान न हो.