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जानिए क्यों किसान करने लगे पुरानी पद्धति से खेती ?

सूरजपुर के गांवों में अब किसान अपने बैल और हल के सहारे खेती कर रहे (Farmer in Surajpur forced to plow the field with a plow ) हैं. किसान एक बार फिर पुरानी पद्धति से खेतों की ओर लौट रहे हैं.

Farmer in Surajpur forced to plow the field with a plow
सूरजपुर में किसान हल से खेत जोतने को मजबूर
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Published : Jun 22, 2022, 4:21 PM IST

सूरजपुर : डीजल पेट्रोल के बढ़ते दाम को लेकर जहां एक ओर आम जनता परेशान हैं, तो वही किसानों की स्थिति और बदहाल हो (Surajpur farmers upset) गई है. डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से किसान फिर से पारंपरिक खेती की ओर रुख कर रहे (Farmer in Surajpur forced to plow the field with a plow )हैं. किसान पहले ट्रैक्टर से खेती करते थे.लेकिन अब एक बार फिर खेतों में बैल और हल नजर आने लगे हैं.इस काम में किसानों को अब पहले से दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है.

क्यों किसान कर रहे पारंपरिक खेती : किसानों के अनुसार डीजल महंगा होने की वजह से किराया बहुत बढ़ गया (Farmers upset due to increased price of diesel in Surajpur) है. जिससे उनका बजट बिगड़ रहा है. उनकी मजबूरी है कि वह बैलों से खेत की जुताई करें. साथ ही डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से अब किसान पूरी तरह से मौसम पर आश्रित हो गए हैं. सिंचाई के लिए वे डीजल खरीदने की स्थिति में नहीं है. यही वजह है कि अब वह खेती के लिए पूरी तरह से मौसम पर आश्रित हैं. वहीं यदि बारिश कम हुई तो किसानों को नुकसान होना तय है.

किसानों के सामने समस्या : आपको बता दें सूरजपुर कृषि प्रधान जिला है. यहां ज्यादातर लोग किसानी पर निर्भर (Farmers of Surajpur depend on the weather) हैं. ऐसे में डीजल की बढ़ी हुई कीमत किसानों के लिए बड़ी समस्या है. साथ ही कम वर्षा भी जले पर नमक का काम कर रही है.किसान अब सरकार से किसी वैकल्पिक इंतजाम की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें आने वाले समय में नुकसान न हो.अब भी सरकार का ध्यान इन किसानों की ओर नहीं गया तो अन्नदाता खेती छोड़कर दूसरे कामों में लग जाएंगे.

सूरजपुर : डीजल पेट्रोल के बढ़ते दाम को लेकर जहां एक ओर आम जनता परेशान हैं, तो वही किसानों की स्थिति और बदहाल हो (Surajpur farmers upset) गई है. डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से किसान फिर से पारंपरिक खेती की ओर रुख कर रहे (Farmer in Surajpur forced to plow the field with a plow )हैं. किसान पहले ट्रैक्टर से खेती करते थे.लेकिन अब एक बार फिर खेतों में बैल और हल नजर आने लगे हैं.इस काम में किसानों को अब पहले से दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है.

क्यों किसान कर रहे पारंपरिक खेती : किसानों के अनुसार डीजल महंगा होने की वजह से किराया बहुत बढ़ गया (Farmers upset due to increased price of diesel in Surajpur) है. जिससे उनका बजट बिगड़ रहा है. उनकी मजबूरी है कि वह बैलों से खेत की जुताई करें. साथ ही डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से अब किसान पूरी तरह से मौसम पर आश्रित हो गए हैं. सिंचाई के लिए वे डीजल खरीदने की स्थिति में नहीं है. यही वजह है कि अब वह खेती के लिए पूरी तरह से मौसम पर आश्रित हैं. वहीं यदि बारिश कम हुई तो किसानों को नुकसान होना तय है.

किसानों के सामने समस्या : आपको बता दें सूरजपुर कृषि प्रधान जिला है. यहां ज्यादातर लोग किसानी पर निर्भर (Farmers of Surajpur depend on the weather) हैं. ऐसे में डीजल की बढ़ी हुई कीमत किसानों के लिए बड़ी समस्या है. साथ ही कम वर्षा भी जले पर नमक का काम कर रही है.किसान अब सरकार से किसी वैकल्पिक इंतजाम की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें आने वाले समय में नुकसान न हो.अब भी सरकार का ध्यान इन किसानों की ओर नहीं गया तो अन्नदाता खेती छोड़कर दूसरे कामों में लग जाएंगे.

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