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हाथी के आतंक का दहशतः रात-रात भर जागने को मजबूर सूरजपुरवासी, सरकार नहीं ले रही सुध

सूरजपुर में हाथी के आतंक (Elephant terror in Surajpur) से ग्रामीण रात-रात भर जगकर (Villagers awake all night long) खुद की रखवाली कर रहे हैं. हाथियों का आतंक यहां इतना अधिक बढ़ गया है कि लोग डर से सो नहीं रहे हैं.वन विभाग के कर्मचारी (Forest department employees) सहयोग करने की बजाए हड़ताल (Strike) पर गये हैं. जिसके कारण ग्रामीणों को खुद की रखवाली खुद करनी पड़ रही है.

panic of elephant terror
हाथी के आतंक का दहशत
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Published : Oct 2, 2021, 1:55 PM IST

Updated : Oct 2, 2021, 2:24 PM IST

सूरजपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर में हाथी के आतंक (Elephant terror in Surajpur) से ग्रामीण न सिर्फ परेशान हैं, बल्कि अब रात-रात भर जगकर वो खुद (Villagers awake all night long) की रखवाली कर रहे हैं. हाथियों का आतंक (Elephant terror) यहां इतना अधिक बढ़ गया है कि लोग डर से सो नहीं रहे हैं. बल्कि रात भर जागकर रखवाली करते हैं. सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र (Pratappur Forest Park of Surajpur) में हाथियों का आतंक (Elephant terror) चरम पर है. इस इलाके में हाथियों ने 4 ग्रामीणों की जान (Death of 4 villagers) ले ली हैे.

रात-रात भर जागने को मजबूर सूरजपुरवासी

ये ऐसा वक्त है जब इस इलाके के ग्रामीणों को वन विभाग के सहयोग की सबसे अधिक जरूरत है. लेकिन वन विभाग के कर्मचारी सहयोग करने की बजाए हड़ताल पर चले गए हैं. बताया जा रहा है कि वन विभाग के कर्मचारी विभाग के सभी काम कर रहे हैं, लेकिन हाथी संबंधित कार्यों को बंद करने का उन्होंने निर्णय लिया है. ऐसे में ग्रामीण अपनी सुरक्षा खुद करने को मजबूर हैं.

सूरजपुर डीएफओ को कारण बताओ नोटिस क्यों हुआ जारी ?

रातभर जगने को मजबूर ग्रामीण

यहां ग्रामीण बच्चे, वृद्ध और महिलाओं के साथ रात भर जग कर हाथियों को अपने गांव में घुसने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं. बता दें कि लगातार इलाके में हाथी का न सिर्फ आतंक देखने को मिला है बल्कि यहां 4 लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में पूरा गांव दहशत में जी रहा है.

हाथ में मसाल लिए जाग रहे ग्रामीण

दरअसल यह क्षेत्र पिछले कई दशकों से हाथियों के आतंक का दंश झेल रहा है. अभी तक इस इलाके में हाथियों ने दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. पिछले 1 महीने की बात की जाए तो इन हाथियों ने 4 लोगों की जान ले ली है. दर्जनों मकान तोड़े हैं और सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद कर दी है. ऐसे में यह ग्रामीण वन विभाग से सहयोग की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन वन कर्मचारी संघ ने हाथियों की ड्यूटी करने से साफ तौर पर मना कर दिया है. ऐसे में क्षेत्र के सभी ग्रामीण रात भर मशाल लेकर अपने बीवी बच्चों सहित रखवाली में लगे हैं. ताकि हाथियों को अपने गांव में घुसने से रोका जा सके.

रात भर ग्रामीणों में रहता है दहशत

बताया जा रहा है कि रखवाली के दौरान रात भर ग्रामीणों के मन में यह दहशत बनी रहती है कि क्या पता किस तरफ से हाथी मौत बनकर आए और अपने आगोश में ले कर चला जाए. ये ग्रामीण अपने माता-पिता, बीवी-बच्चों के साथ मौत के साए में जीने को मजबूर हैं. ना तो वन विभाग और ना ही जनप्रतिनिधियों को इनकी सुध ली है.

वन विभाग के कर्मचारी नाराज

वन विभाग के कर्मचारी हाथियों से संबंधित सभी कार्य को करने से इंकार कर चुके हैं. दरअसल 29 सितंबर बुधवार को हाथी के हमले से इलाके में एक व्यक्ति की मौत के बाद सीसीएफ़ ने रेंजर सहित तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था, जिसको लेकर वन विभाग के कर्मचारी नाराज हैं. उन सभी कर्मचारियों के निलंबन की वापसी की मांग को लेकर सभी हड़ताल पर हैं. उनके अनुसार जब तक इन सभी कर्मचारियों का निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे. वन कर्मचारी संघ के द्वारा अधिकारियों को 5 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. यदि उस समय तक उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वे आगे उग्र आंदोलन करेंगे.

वन विभाग के अधिकारी हड़ताल के समर्थन में

वही, अधिकारी भी इन कर्मचारियों के मांग का समर्थन कर रहे हैं . यह भी मान रहे हैं कि कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ी हैं, लेकिन वह यह उम्मीद भी जता रहे हैं कि जल्द ही कर्मचारी अपने काम पर लौटेंगे और समस्या का निपटान होगा.

राज्य सरकार ने नहीं लिया सुध

इधर, तीन वर्षों से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, इस क्षेत्र के विधायक शिक्षामंत्री हैं. हालांकि यहां कोई ग्रामीणों की सुध लेने नहीं आता.

सूरजपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर में हाथी के आतंक (Elephant terror in Surajpur) से ग्रामीण न सिर्फ परेशान हैं, बल्कि अब रात-रात भर जगकर वो खुद (Villagers awake all night long) की रखवाली कर रहे हैं. हाथियों का आतंक (Elephant terror) यहां इतना अधिक बढ़ गया है कि लोग डर से सो नहीं रहे हैं. बल्कि रात भर जागकर रखवाली करते हैं. सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र (Pratappur Forest Park of Surajpur) में हाथियों का आतंक (Elephant terror) चरम पर है. इस इलाके में हाथियों ने 4 ग्रामीणों की जान (Death of 4 villagers) ले ली हैे.

रात-रात भर जागने को मजबूर सूरजपुरवासी

ये ऐसा वक्त है जब इस इलाके के ग्रामीणों को वन विभाग के सहयोग की सबसे अधिक जरूरत है. लेकिन वन विभाग के कर्मचारी सहयोग करने की बजाए हड़ताल पर चले गए हैं. बताया जा रहा है कि वन विभाग के कर्मचारी विभाग के सभी काम कर रहे हैं, लेकिन हाथी संबंधित कार्यों को बंद करने का उन्होंने निर्णय लिया है. ऐसे में ग्रामीण अपनी सुरक्षा खुद करने को मजबूर हैं.

सूरजपुर डीएफओ को कारण बताओ नोटिस क्यों हुआ जारी ?

रातभर जगने को मजबूर ग्रामीण

यहां ग्रामीण बच्चे, वृद्ध और महिलाओं के साथ रात भर जग कर हाथियों को अपने गांव में घुसने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं. बता दें कि लगातार इलाके में हाथी का न सिर्फ आतंक देखने को मिला है बल्कि यहां 4 लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में पूरा गांव दहशत में जी रहा है.

हाथ में मसाल लिए जाग रहे ग्रामीण

दरअसल यह क्षेत्र पिछले कई दशकों से हाथियों के आतंक का दंश झेल रहा है. अभी तक इस इलाके में हाथियों ने दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. पिछले 1 महीने की बात की जाए तो इन हाथियों ने 4 लोगों की जान ले ली है. दर्जनों मकान तोड़े हैं और सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद कर दी है. ऐसे में यह ग्रामीण वन विभाग से सहयोग की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन वन कर्मचारी संघ ने हाथियों की ड्यूटी करने से साफ तौर पर मना कर दिया है. ऐसे में क्षेत्र के सभी ग्रामीण रात भर मशाल लेकर अपने बीवी बच्चों सहित रखवाली में लगे हैं. ताकि हाथियों को अपने गांव में घुसने से रोका जा सके.

रात भर ग्रामीणों में रहता है दहशत

बताया जा रहा है कि रखवाली के दौरान रात भर ग्रामीणों के मन में यह दहशत बनी रहती है कि क्या पता किस तरफ से हाथी मौत बनकर आए और अपने आगोश में ले कर चला जाए. ये ग्रामीण अपने माता-पिता, बीवी-बच्चों के साथ मौत के साए में जीने को मजबूर हैं. ना तो वन विभाग और ना ही जनप्रतिनिधियों को इनकी सुध ली है.

वन विभाग के कर्मचारी नाराज

वन विभाग के कर्मचारी हाथियों से संबंधित सभी कार्य को करने से इंकार कर चुके हैं. दरअसल 29 सितंबर बुधवार को हाथी के हमले से इलाके में एक व्यक्ति की मौत के बाद सीसीएफ़ ने रेंजर सहित तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था, जिसको लेकर वन विभाग के कर्मचारी नाराज हैं. उन सभी कर्मचारियों के निलंबन की वापसी की मांग को लेकर सभी हड़ताल पर हैं. उनके अनुसार जब तक इन सभी कर्मचारियों का निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे. वन कर्मचारी संघ के द्वारा अधिकारियों को 5 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. यदि उस समय तक उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वे आगे उग्र आंदोलन करेंगे.

वन विभाग के अधिकारी हड़ताल के समर्थन में

वही, अधिकारी भी इन कर्मचारियों के मांग का समर्थन कर रहे हैं . यह भी मान रहे हैं कि कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ी हैं, लेकिन वह यह उम्मीद भी जता रहे हैं कि जल्द ही कर्मचारी अपने काम पर लौटेंगे और समस्या का निपटान होगा.

राज्य सरकार ने नहीं लिया सुध

इधर, तीन वर्षों से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, इस क्षेत्र के विधायक शिक्षामंत्री हैं. हालांकि यहां कोई ग्रामीणों की सुध लेने नहीं आता.

Last Updated : Oct 2, 2021, 2:24 PM IST
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