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प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में मिला हथिनी का शव, मौत का कारण अज्ञात

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में एक हथिनी का शव मिला है. शव पूरी तरह से सड़ चुका है. इसे देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसकी मौत 40 दिनों पहले हुई होगी.

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Published : May 11, 2020, 6:08 PM IST

Updated : May 11, 2020, 8:11 PM IST

Pratappur Forest Range
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र

सूरजपुर: प्रतापपुर क्षेत्र हमेशा हाथियों को लेकर सुर्खियों में रहता है. इस बार करंजवार के जंगल में एक हथिनी का शव मिला है, जो पूरी तरह से सड़ चुका है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसकी मौत बहुत समय पहले ही हो गई होगी. हथिनी का शव बरामद होने से इसके शिकार की भी आशंका जताई जा रही थी, हालांकि जांच के बाद पता चला कि हथिनी के दांत और हड्डियां शरीर से गायब नहीं हैं. डॉक्टर के अनुसार इसकी उम्र ज्यादा थी, जो मौत की वजह हो सकती है.

हथिनी का शव बरामद

रायपुर: अजीत जोगी से मिलने अस्पताल पहुंचे चरणदास महंत और कौशिक, ली जानकारी

प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के आरएफ क्रमांक 36 में हथिनी का शव मिला. इसकी जानकारी मिलते ही प्रतापपुर रेंजर पीसी मिश्रा सहित पूरा वन अमला सक्रिय हो गया. बता दें कि डेढ़ महीने पहले घुई वनपरिक्षेत्र से 15 हाथियों का दल प्रतापपुर रेंज में आया था. ये दल कुछ समय तक क्षेत्र में था, जिसके बाद कोटया की तरफ चला गया था. ऐसा माना जा रहा है कि मृत हथिनी उस दल से ही हो सकती है. अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इसकी मौत की असली वजह क्या है.

दांत तोड़े जाने के नहीं हैं निशान

शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर विजय शरण सिंह ने बताया कि हथिनी का शव लगभग 40 दिन पुराना है, इसकी उम्र भी ज्यादा लग रही है, वैसे दांत तोड़े जाने के कोई निशान नजर नहीं आए हैं.

सूरजपुर: प्रतापपुर क्षेत्र हमेशा हाथियों को लेकर सुर्खियों में रहता है. इस बार करंजवार के जंगल में एक हथिनी का शव मिला है, जो पूरी तरह से सड़ चुका है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसकी मौत बहुत समय पहले ही हो गई होगी. हथिनी का शव बरामद होने से इसके शिकार की भी आशंका जताई जा रही थी, हालांकि जांच के बाद पता चला कि हथिनी के दांत और हड्डियां शरीर से गायब नहीं हैं. डॉक्टर के अनुसार इसकी उम्र ज्यादा थी, जो मौत की वजह हो सकती है.

हथिनी का शव बरामद

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प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के आरएफ क्रमांक 36 में हथिनी का शव मिला. इसकी जानकारी मिलते ही प्रतापपुर रेंजर पीसी मिश्रा सहित पूरा वन अमला सक्रिय हो गया. बता दें कि डेढ़ महीने पहले घुई वनपरिक्षेत्र से 15 हाथियों का दल प्रतापपुर रेंज में आया था. ये दल कुछ समय तक क्षेत्र में था, जिसके बाद कोटया की तरफ चला गया था. ऐसा माना जा रहा है कि मृत हथिनी उस दल से ही हो सकती है. अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इसकी मौत की असली वजह क्या है.

दांत तोड़े जाने के नहीं हैं निशान

शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर विजय शरण सिंह ने बताया कि हथिनी का शव लगभग 40 दिन पुराना है, इसकी उम्र भी ज्यादा लग रही है, वैसे दांत तोड़े जाने के कोई निशान नजर नहीं आए हैं.

Last Updated : May 11, 2020, 8:11 PM IST
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