सूरजपुर: छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव 2021 (Chhattisgarh Urban Body Election 2021) में राजनीतिक दलों ने अपनी ऊर्जा झोंक दी है. नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Election) में चुनाव प्रचार (Campaigning) का आज आखिरी दिन है. लिहाजा दोनों ही पार्टियों के लिए आज दमखम दिखाने का आखिरी दिन और मौका है. प्रेम नगर के नगर पंचायत चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. केंद्रीय राज्य मंत्री से लेकर प्रदेश के कई बड़े मंत्रियों ने यहां डेरा जमाए हुए हैं. दोनों ही पार्टियां अपने-अपने जीत के दावे कर रही हैं. जबकि मतदाता अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है.
दस सालों से बीजेपी का कब्जा
प्रेम नगर नगर पंचायत में 20 दिसंबर को मतदान होना है. जिसको लेकर भाजपा और कांग्रेस अपने दल बल के साथ मैदान में उतर गई है. जहां एक ओर केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह (Union Minister of State Renuka Singh) लोकसभा सत्र से छुट्टी लेकर प्रेम नगर में रहकर चुनाव की रणनीति बना रही हैं. तो वही राज्य सरकार की ओर से किसी ना किसी बड़े मंत्री का दौरा जारी है. दोनों ही पार्टियों के अपने -अपने दावे हैं.
प्रेम नगर नगर पंचायत के गठन के 10 साल पूरे हो चुके हैं. 10 सालों से भाजपा का इस सीट पर कब्जा है. इस बार दोनों ही पार्टियां विकास के मुद्दे पर जनता के बीच जाकर वोट मांग रही हैं. जहां एक ओर भाजपा पिछले 10 सालों से नगर के विकास को लेकर मतदाताओं से वोट मांग रही है, तो वही कांग्रेस, प्रदेश सरकार के पिछले 3 सालों में किए गए विकास कार्य को लेकर मतदाताओं के बीच जा रही है.
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प्रेम नगर को नगर पंचायत बने 10 साल से ज्यादा समय बीत चुका है, बावजूद इसके आज भी यह इलाका विकास से कोसों दूर नजर आता है, इलाका आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, यहां के मतदाताओं की कई मांगे हैं जो अभी तक पूरी नहीं हो सकी हैं,, यही वजह है कि यहां के मतदाता अभी किसी भी पार्टी को लेकर अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है.
एक नजर प्रेम नगर की वर्तमान स्थिति
सूरजपुर में प्रेम नगर इकलौता नगर पंचायत क्षेत्र है. जहां पर चुनाव होना है. यह क्षेत्र भौगोलिक और राजनैतिक कारणों से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. प्रेम नगर को 2010 में नगर पंचायत का दर्जा मिला था. फिलहाल 15 वार्डों के इस नगर पंचायत में कुल मतदाता 4,954 हैं. जिसमें महिलाओं की संख्या 2,528 और पुरुष मतदाता 2,426 है. यह आदिवासी बहुल इलाका है. क्षेत्र में भाजपा का बोलबाला रहा है.
अभी तक पिछले दो चुनावों में इस नगर पंचायत में भाजपा का ही कब्जा रहा है और वर्तमान मैं भाजपा की दुलर बाई नगर पंचायत अध्यक्ष हैं. लेकिन इस बार कांग्रेस को पूरा भरोसा है कि वो इस सीट पर कब्जा कर पाएंगे. यह इलाका आजादी के 50 वर्षों तक ग्राम पंचायत रहा है. इसलिए इस इलाके का सबसे बड़ा मुद्दा विकास ही रहा है. इस चुनाव में जहां एक और कांग्रेस पिछले 3 सालों के विकास और योजनाओं के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. तो वहीं भाजपा कांग्रेस राज्य सरकार की नाकामियों को मुद्दा बनाने जा रही है. प्रेम नगर का चुनाव काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है.
फिलहाल कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों अपने- अपने जीत के दावे कर रहे हैं. लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रेम नगर के मतदाता इस बार फिर से अपना भरोसा भाजपा पर जताते हैं या नगर की सरकार बदल कर कांग्रेस को मौका देते हैं.