सूरजपुर: छत्तीसगढ़ केबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े शनिवार को सूरजपुर पहुंची. यहां उन्होंने चंदरपुर चौक में माता राज मोहिनी देवी की प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान कई कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे. इस दौरान केबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि, हमें राजमोहिनी माता के नक्शे कदम पर चलना चाहिए. उन्होंने आदिवासी समाज के उत्थान का काम किया है.
आदिवासी महिलाओं के लिए किया था आंदोलन: दरअसल, माता राजमोहिनी देवी 1951 में पड़े अकाल के समय गांधीवादी विचारधाराओं और आदर्शों से प्रभावित होकर एक जन आंदोलन चलाई थीं. उनका मुख्य उद्देश्य आदिवासी महिलाओं की स्वतंत्रता के साथ उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ना था. उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और मदिरा पान को लेकर भी मुहिम चलाई और धीरे धीरे इस मुहिम से 80000 से भी अधिक लोग जुड़ते गए. बाद में इस मुहिम ने जन आंदोलन का रूप ले लिया. इसके बाद शासन ने संस्थान के रूप में इस मुहिम को मान्यता दिया.
राजमोहिनी माता को मिला था पद्मश्री: बता दें कि सूरजपुर से शुरू हुई इस मुहिम ने छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार में भी काफी प्रभाव डाला. इसकी वजह से आज इस संस्थान के आश्रम न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि उत्तर प्रदेश और बिहार में भी हैं. साल 1989 को भारत सरकार ने इन्हें भारत के चतुर्थ सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पद्म श्री" से नवाजा. माता राजमोहिनी के इस आंदोलन को लोग आज भी याद करते हैं. शनिवार को जिले के चंद्रपुर में माता राजमोहिनी की प्रतिमा का अनावरण हुआ. केबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने उनकी प्रतिमा का अनावरण किया.