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दूषित पानी ले रहा जान ! दो दिन में दो हथनियों की मौत

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर से 7 किलोमीटर दूर गणेशपुर में एक हथिनी की मौत हो गई है. मामले की सूचना मिलते ही प्रतापपुर का वन मंडल के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सड़क पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं. प्रतापपुर में एक महीने के भीतर हाथियों की तीसरी मौत का मामला सामने आया है, वहीं दो दिन में दो शव मिल चुके हैं.

dead body of female elephant found in pratappur
सूरजपुर में फिर मिला हथिनी का शव
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Published : Jun 10, 2020, 3:01 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 4:25 PM IST

सूरजपुर: प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में बीते एक महीने से हाथियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है, जिले में एक बार फिर एक हथिनी का शव मिला है. एक महीने के भीतर हाथियों के शव मिलने का यह तीसरा मामला है. इससे पहले 11 मई को करनज्वार के जंगल में करीब 40 दिन पुरानी हाथी की सड़ी-गली लाश मिली थी. इसके बाद 9 जून को इसी वन परिक्षेत्र में एक गर्भवती हथिनी की भी मौत हो गई थी. बुधवार को हुई मौत की वजह का पता तो नहीं चला, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इस इलाके में रहने वाले हाथी जो पानी पी रहे हैं, वो काफी दूषित है. इससे आशंका जताई जा रही है कि हथिनी की मौत दूषित पानी से भी हो सकती है.

दूषित पानी ले रहा जान !

बताया जा रहा है, ताजा मामले में 'प्यारे' हाथी के पांच सदस्यों ने उसके शव के पास डेरा जमा रखा है. इससे कारण अभी कोई घटना स्थल तक नहीं पहुंच पाया है. हालांकि वन विभाग के अधिकारी हाथी के शव के पास पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे मामले की जांच की जा सके.

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर से मिला 15 वर्षीय हथिनी का शव

सूरजपुर: हाथियों की कब्रगाह बना प्रतापपुर वनमंडल, एक महीने के अंदर 3 हथिनियों की मौत

रायपुर से आ रही टीम

वन विभाग के मुताबिक हथिनी की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम के लिए रायपुर से टीम आ रही है, जो हथिनी की मौत के कारणों का खुलासा करेगी. वहीं वन विभाग के अधिकारी मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं. हालांकि, डॉक्टरों की मानें तो जिस तालाब का पानी हाथी पीते हैं, वह पीने योग्य नहीं है. ऐसे में दूषित पानी पीने से भी मौत के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन रायपुर की टीम ही इसकी पुष्टि करेगी.

वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल
एक तरफ बीते दिनों केरल के मल्लापुरम में हुई घटना से पूरे देश में रोष है, तो वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में हथियों के रोज मिल रहे शव वन विभाग की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

सूरजपुर: प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में बीते एक महीने से हाथियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है, जिले में एक बार फिर एक हथिनी का शव मिला है. एक महीने के भीतर हाथियों के शव मिलने का यह तीसरा मामला है. इससे पहले 11 मई को करनज्वार के जंगल में करीब 40 दिन पुरानी हाथी की सड़ी-गली लाश मिली थी. इसके बाद 9 जून को इसी वन परिक्षेत्र में एक गर्भवती हथिनी की भी मौत हो गई थी. बुधवार को हुई मौत की वजह का पता तो नहीं चला, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इस इलाके में रहने वाले हाथी जो पानी पी रहे हैं, वो काफी दूषित है. इससे आशंका जताई जा रही है कि हथिनी की मौत दूषित पानी से भी हो सकती है.

दूषित पानी ले रहा जान !

बताया जा रहा है, ताजा मामले में 'प्यारे' हाथी के पांच सदस्यों ने उसके शव के पास डेरा जमा रखा है. इससे कारण अभी कोई घटना स्थल तक नहीं पहुंच पाया है. हालांकि वन विभाग के अधिकारी हाथी के शव के पास पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे मामले की जांच की जा सके.

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रायपुर से आ रही टीम

वन विभाग के मुताबिक हथिनी की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम के लिए रायपुर से टीम आ रही है, जो हथिनी की मौत के कारणों का खुलासा करेगी. वहीं वन विभाग के अधिकारी मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं. हालांकि, डॉक्टरों की मानें तो जिस तालाब का पानी हाथी पीते हैं, वह पीने योग्य नहीं है. ऐसे में दूषित पानी पीने से भी मौत के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन रायपुर की टीम ही इसकी पुष्टि करेगी.

वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल
एक तरफ बीते दिनों केरल के मल्लापुरम में हुई घटना से पूरे देश में रोष है, तो वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में हथियों के रोज मिल रहे शव वन विभाग की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 10, 2020, 4:25 PM IST
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