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सूरजपुर: पॉल्ट्री कारोबार पर पड़ी कोरोना की मार, बर्बादी के कगार पर मुर्गी व्यापारी

कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण से लोग अब मांसाहारी भोजन का सेवन करने से बच रहे हैं. इसका सीधा असर पॉल्ट्री फार्मों पर दिख रहा है. छोटे-बड़े मुर्गी पालन करने वाले कारोबारियों के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है.

condition of poultry farm in lockdown
कोरोना से पॉल्ट्री कारोबार ठप
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Published : Apr 15, 2020, 7:09 PM IST

सूरजपूर: पूरे देश में जहां कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन में सिर्फ आवश्यक सामानों की बिक्री के लिए छूट दी गई है, तो वहीं सूरजपुर में पॉल्ट्री कारोबार चौपट होने की कगार पर जा पहुंचा है. नुकसान से बचने के लिए चिकन और मीट दुकानकार और व्यवसायियों को कोई उपाय नहीं सुझ रहा है. इसके साथ ही छोटे-बड़े दोनों व्यवसायियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

कोरोना से पॉल्ट्री कारोबार तबाह

दरअसल जब से कोरोना वायरस ने अपने पैर छत्तीसगढ़ में पसारे है, तब से लोग मांसाहारी भोजन के सेवन से बच रहे हैं. इस वजह से अंडा, मुर्गा और चिकन की बिक्री में बड़ी कमी आई है. वहीं जिले के पॉल्ट्री फर्मों में मुर्गियां तो हैं, लेकिन इन्हें लेने वाला कोई नहीं है. इसके साथ ही फार्मों में मुर्गियों को दाना देना भी अब महंगा हो गया है और लॉकडाउन की वजह से दाने भी नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे मुर्गियां मर रहीं हैं. इससे व्यवसायियों को काफी नुकसान हो रहा है, जिससे वह दुखी और चिंतित हैं.

कंगाली के कगार पर छोटे दुकनदार

जिले के चिकन बेचने वाले एक छोटे दुकानदार ने बताया कि, 'लोग कोरोना वायरस के डर से चिकन नहीं खा रहे हैं. लोगों को ये लग रहा है कि चिकन में कोरोना वायरस है. जो सिर्फ एक भ्रम है. कोरोना वायरस पक्षियों से नहीं फैलता. ये सब होने से पहले रोज लोग हमसे चिकन लेकर जाते थे, जिससे हम रोजाना 500 से 600 रुपये कमा लेते थे. इसी कमाई से घर का गुजारा हो रहा था, लेकिन कोरोना वायरस के आने से धंधा ठप हो चुका है और पारिवारिक स्थिति भी खराब हो गई है.'

'अंडा और चिकन से नहीं फैलता कोरोना वायरस'

वहीं इस पर पशु विभाग के अधीक्षक ने बताया कि, 'चिकन, मटन और अंडे से कोरोना वायरस नहीं फैलता. इसके साथ ही किसी भी पक्षी के मांस से कोरोना नहीं फैलता.'

पूरे देश में कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा रखा है. प्रदेश में लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ने से लोगों के बीच डर का माहौल है. वहीं इस बीच दूसरा पहलू ये भी है कि इस महामारी की वजह से लोगों को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश में पॉल्ट्री फार्म की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. अगर इनपर ध्यान नहीं दिया और इनका यही हाल रहा तो मुर्गी पालन करने वाले बड़े-छोटे कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे.

सूरजपूर: पूरे देश में जहां कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन में सिर्फ आवश्यक सामानों की बिक्री के लिए छूट दी गई है, तो वहीं सूरजपुर में पॉल्ट्री कारोबार चौपट होने की कगार पर जा पहुंचा है. नुकसान से बचने के लिए चिकन और मीट दुकानकार और व्यवसायियों को कोई उपाय नहीं सुझ रहा है. इसके साथ ही छोटे-बड़े दोनों व्यवसायियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

कोरोना से पॉल्ट्री कारोबार तबाह

दरअसल जब से कोरोना वायरस ने अपने पैर छत्तीसगढ़ में पसारे है, तब से लोग मांसाहारी भोजन के सेवन से बच रहे हैं. इस वजह से अंडा, मुर्गा और चिकन की बिक्री में बड़ी कमी आई है. वहीं जिले के पॉल्ट्री फर्मों में मुर्गियां तो हैं, लेकिन इन्हें लेने वाला कोई नहीं है. इसके साथ ही फार्मों में मुर्गियों को दाना देना भी अब महंगा हो गया है और लॉकडाउन की वजह से दाने भी नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे मुर्गियां मर रहीं हैं. इससे व्यवसायियों को काफी नुकसान हो रहा है, जिससे वह दुखी और चिंतित हैं.

कंगाली के कगार पर छोटे दुकनदार

जिले के चिकन बेचने वाले एक छोटे दुकानदार ने बताया कि, 'लोग कोरोना वायरस के डर से चिकन नहीं खा रहे हैं. लोगों को ये लग रहा है कि चिकन में कोरोना वायरस है. जो सिर्फ एक भ्रम है. कोरोना वायरस पक्षियों से नहीं फैलता. ये सब होने से पहले रोज लोग हमसे चिकन लेकर जाते थे, जिससे हम रोजाना 500 से 600 रुपये कमा लेते थे. इसी कमाई से घर का गुजारा हो रहा था, लेकिन कोरोना वायरस के आने से धंधा ठप हो चुका है और पारिवारिक स्थिति भी खराब हो गई है.'

'अंडा और चिकन से नहीं फैलता कोरोना वायरस'

वहीं इस पर पशु विभाग के अधीक्षक ने बताया कि, 'चिकन, मटन और अंडे से कोरोना वायरस नहीं फैलता. इसके साथ ही किसी भी पक्षी के मांस से कोरोना नहीं फैलता.'

पूरे देश में कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा रखा है. प्रदेश में लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ने से लोगों के बीच डर का माहौल है. वहीं इस बीच दूसरा पहलू ये भी है कि इस महामारी की वजह से लोगों को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश में पॉल्ट्री फार्म की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. अगर इनपर ध्यान नहीं दिया और इनका यही हाल रहा तो मुर्गी पालन करने वाले बड़े-छोटे कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे.

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