सूरजपुर: प्रदेश में सबसे ज्यादा शक्कर उत्पादन करने वाले केरता स्थित शक्कर कारखाने में बड़ा घोटाला सामने आया है. लगभग ढाई करोड़ के 8434 क्विंटल शक्कर की हेराफेरी के खुलासे में चीफ केमिस्ट और GM पर कार्रवाई की गई है. चीफ केमिस्ट को बर्खास्त कर दिया गया है. GM प्रशासनिक के खिलाफ वसूली व आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए उपपंजीयक सहकारी सेवा को पत्र लिखा है.
शक्कर कारखाने में करोड़ों की हेराफेरी
दरअसल पूरा मामला साल 2017-18 का है. जब उत्पादन किए जा रहे शक्कर और गोदाम में भंडारण के दौरान हेरा-फेरी की जानकारी संचालक मंडल को मिली. इस को संज्ञान में लेते हुए 8 फरवरी को संचालक मंडल ने अपनी बैठक में मामले की जांच कराने के लिए प्रस्ताव पारित किया. जिसके बाद गोदामों में शक्कर की बोरियों की गिनती के लिए एक दल का गठन किया गया. दल ने शक्कर की बोरियां की गिनती की. जिसमें पुराने भंडारण में 5026 क्विंटल व स्थायी गोदाम में 7546.50 क्विंटल यानी कुल 12572.50 क्विंटल शक्कर की बोरियां कम पाई गई. मामले में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. मुख्य रसायनज्ञ मनोज कुमार पाढ़ी ने लगभग 4138.50 क्विंटल शक्कर को रिप्रोसेसिंग के लिए लाना बताया गया. जिसका सही तरीके से न तो लेखा- जोखा है और न ही संतोषजनक दस्तावेज तैयार किया गया है.
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ढाई करोड़ की शक्कर गोदाम से गायब
जांच दल के अनुसार ढाई करोड़ की शक्कर गोदाम से गायब है. जिसको देखकर संचालक मंडल ने 20 मार्च को आकस्मिक बैठक करते हुए मुख्य रसायनज्ञ मनोज कुमार पाढ़ी को बर्खास्त करने का प्रस्ताव लाया गया. GM प्रशासनिक के खिलाफ वसूली व आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए उपपंजीयक सहकारी सेवा को पत्र लिखा है. इस दल में सीआर नायक सहायक अभियंता, रोहित सोनी मैनुफैक्चरिंग केमिस्ट, राजेश शर्मा केन यार्ड सुपरवाईजर, नंदू राम सेक्यूरिटी गार्ड शामिल रहे.