सूरजपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 19 जून को रोका-छेका अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के तहत आवारा मवेशियों को गौठान में रखने की योजना बनाई गई है, लेकिन आए दिन गौठानों में अव्यवस्थाओं की शिकायत मिलती रहती है. बीते दिनों प्रेमनगर विकासखंड के नवापारा खुर्द गौठान में मवेशियों की चोरी की वारदात सामने आई है.
नवापारा खुर्द गौठान में लगभग 24 मवेशियों को रखा गया था. 1 अगस्त को कुछ अज्ञात लोगों ने गौठान से मवेशियों की चोरी की थी, जिसे पत्थलगांव थाने में चेकिंग के दौरान पकड़ लिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने नवापारा खुर्द के गौठान से मवेशियों की चोरी की है और इन्हें सड़क के रास्ते झारखंड ले जा रहे थे.
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मवेशी की चोरी की सूचना न तो गांव के सरपंच-सचिव को लगी और न ही गौठान में रहने वाले चौकीदार को. चोरी की घटना के 10 दिन बीत जाने के बाद भी थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है.
गौठानों में अव्यवस्थाओं का आलम
राज्य सरकार ने आवारा मवेशियों की सुरक्षा के लिए गौठान बनाए हैं, लेकिन यहां आए दिन लापरवाही और अव्यवस्थाओं की शिकायत मिलती रहती है. इससे पहले बिलासपुर के तखतपुर विकासखंड में 50 से ज्यादा गोवंश की मौत की घटना सामने आई थी. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.
फेल हो रहा अभियान
राज्य सरकार ने फसलों की सुरक्षा और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, उसी में कृषि की पुरातन परंपरा रोका-छेका अभियान भी शामिल है. इस अभियान के तहत पकड़े गए मवेशियों को कांजी हाउस और गौठानों में रखने का आदेश है. रोका-छेका अभियान की शुरुआत काफी तामझाम के साथ की गई थी, लेकिन भूपेश सरकार के रोका-छेका अभियान का पालन नहीं किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रोका-छेका को सफल बनाने के लिए कलेक्टर ने सभी विकासखंड अधिकारी, पंचायत कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों को निर्देश दिए थे, लेकिन शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते यह अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है.