सूरजपुर: आपके पैसों की रक्षा करने वाले बैंक के अधिकारी ही यदि आपके पैसों का गबन करे तो आपकी स्थिति क्या होगी? इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. यही स्थिति सूरजपुर के भैयाथान और ओड़गी ब्लॉक के दर्जनों गांव और 1000 से अधिक किसानों की है. केंद्रीय मर्यादित बैंक के मैनेजर के द्वारा हजारों किसानों के करोड़ों रुपए डकारने का मामला सामने आया है. जिसकी शिकायत स्थानीय पुलिस थाने से लेकर कलेक्टर तक की गई है. शिकायत के आधार पर चार लोगों पर मामला दर्ज कर 3 लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है. हालांकि मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
सूरजपुर किसान बीमा राशि गबन मामला
यह पूरा मामला सूरजपुर के ओड़गी और भैयाथान ब्लॉक के दर्जनों गांव का है. जहां साल 2019 और 2020 में एक हजार से अधिक किसानों के करोड़ों रुपए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आए थे. लेकिन बैंक मैनेजर और कुछ लोगों ने सांठगांठ कर उस पैसे का गबन कर लिया. जब इसकी जानकारी किसानों को मिली, तब उनके द्वारा इसकी शिकायत पुलिस थाना भैयाथान में की गई. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद सैकड़ों की संख्या में किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर से इस पूरे मामले की शिकायत की. कलेक्टर के निर्देश के बाद आखिरकार पुलिस ने बैंक मैनेजर सहित 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और 3 लोगों की गिरफ्तारी भी कर ली. लेकिन आज भी मुख्य आरोपी बैंक मैनेजर फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.
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किसानों को मिल रहा है महज आश्वासन
लगभग ढाई साल का समय बीत गया है. लेकिन अब तक किसानों को उनका पैसा नहीं मिल सका है. इसकी वजह से किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. किसी किसान के बच्चे की शादी नहीं हो पा रही है. तो किसी का इलाज नहीं हो पा रहा है. साथ ही कई किसान पैसे के अभाव में खेती नहीं कर पा रहे हैं. किसान चौतरफा समस्याओं को झेल रहे हैं. बावजूद इसके इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. इन किसानों के द्वारा इस मुद्दे को लेकर कई बार आंदोलन भी किया गया. लेकिन हर बार इन किसानों के हाथ सिवाय आश्वासन के और कुछ नहीं लगा. अब फिर से यह किसान आंदोलन की तैयारी में है.
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किसानों को न्याय की आस
इस पूरे मामले में जिला के आला अधिकारी अभी भी जांच की बात कर रहे हैं. लेकिन कब इन किसानों को इनकी कमाई के पैसे मिलेंगे इस बात पर खुलकर कोई बात नहीं कर रहा है. ढाई साल का समय बीत जाने के बाद आज भी इन किसानों के सामने एक ही सवाल है कि आखिर इनका पैसा कब और कैसे मिलेगा?