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सूरजपुर: तमिलनाडु ले जा रहे 52 मजदूरों को रिहा कराया गया, एक बार फिर मानव तस्कर गिरोह हुआ सक्रिय

सूरजपुर जिले में मानव तस्करी का मामला सामने आया है. यहां मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से 52 मजदूरों को तमिलनाडु ले जाया जा रहा था. ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए बस को पकड़ा.

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तमिलनाडु ले जा रहे 52 मजदूरों को रिहा कराया गया
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Published : Nov 6, 2020, 1:41 PM IST

सूरजपुर: कोरोना काल अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन जिले में मानव तस्करी की घटनाएं फिर से शुरू हो गई है. सूरजपुर के दूरस्थ क्षेत्र बिहारपुर में 52 मजदूरों को तमिलनाडु ले जाते बस को स्थानीय ग्रामीणों ने पकड़ा है. बस में सवार मजदूरों में 32 नाबालिग भी शामिल थे. सभी को पुलिस की मदद से सकुशल छुड़ा लिया गया है.फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

तमिलनाडु ले जा रहे 52 मजदूरों को रिहा कराया गया

सभी मजदूर सूरजपुर जिले के साथ साथ पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के सिंगरौली और उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के हैं, जिन्हें तमिलनाडु में रोजगार दिलाने के लिए ले जाया जा रहा था. जहां ग्रामीणों ने शक होने पर बस को पुलिस थाने ले गए. इस मामले में पुलिस, बाल सरंक्षण विभाग और श्रम विभाग जांच में जुटी हुई है.

पढ़ें- रिंकी जैन हत्याकांड: अब तक नहीं मिला आरोपी का सुराग, परिजनों ने देवकर मुख्य मार्ग पर किया चक्काजाम

लंबे समय से चल रही है मानव तस्करी

नाबालिग बच्चों को कोरिया बाल विभाग में ले जाया गया है. गौरतलब है कि बिहारपुर क्षेत्र मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है. रोजगार के नाम पर लंबे समय से मानव तस्करी बड़ी संख्या में होती रही है. इतना ही नहीं कोरोना के शुरूआती दौर में ही दूसरे राज्यों से आए दो मजदूरों की कोरोना के चलते मौत इसी जगह पर हुई थी.

एक फिर बार मानव तस्करी की घटना ने पूरे क्षेत्र के ग्रामीण आक्रोशित हैं. फिलहाल मानव तस्करी को लेकर प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. वहीं सूरजपुर जिले में रोजगार का अभाव भी मानव तस्करी को बढ़ावा दे रहा है.

सूरजपुर: कोरोना काल अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन जिले में मानव तस्करी की घटनाएं फिर से शुरू हो गई है. सूरजपुर के दूरस्थ क्षेत्र बिहारपुर में 52 मजदूरों को तमिलनाडु ले जाते बस को स्थानीय ग्रामीणों ने पकड़ा है. बस में सवार मजदूरों में 32 नाबालिग भी शामिल थे. सभी को पुलिस की मदद से सकुशल छुड़ा लिया गया है.फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

तमिलनाडु ले जा रहे 52 मजदूरों को रिहा कराया गया

सभी मजदूर सूरजपुर जिले के साथ साथ पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के सिंगरौली और उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के हैं, जिन्हें तमिलनाडु में रोजगार दिलाने के लिए ले जाया जा रहा था. जहां ग्रामीणों ने शक होने पर बस को पुलिस थाने ले गए. इस मामले में पुलिस, बाल सरंक्षण विभाग और श्रम विभाग जांच में जुटी हुई है.

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लंबे समय से चल रही है मानव तस्करी

नाबालिग बच्चों को कोरिया बाल विभाग में ले जाया गया है. गौरतलब है कि बिहारपुर क्षेत्र मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है. रोजगार के नाम पर लंबे समय से मानव तस्करी बड़ी संख्या में होती रही है. इतना ही नहीं कोरोना के शुरूआती दौर में ही दूसरे राज्यों से आए दो मजदूरों की कोरोना के चलते मौत इसी जगह पर हुई थी.

एक फिर बार मानव तस्करी की घटना ने पूरे क्षेत्र के ग्रामीण आक्रोशित हैं. फिलहाल मानव तस्करी को लेकर प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. वहीं सूरजपुर जिले में रोजगार का अभाव भी मानव तस्करी को बढ़ावा दे रहा है.

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