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Snake Hostage In Surajpur : सांप के काटने से 3 साल के बच्चे की मौत, जिंदा करने की आस में परिजनों ने सांप को बनाया बंधक - Snake Bite

Snake Hostage In Surajpur बरसात शुरू होते ही सांप और बिच्छु जैसे जीव जंतु जमीन से बाहर आ जाते हैं. सूखी जगह की तलाश में ये अक्सर घरों में घुसते हैं. इसी मौसम में स्नेक बाइट के मामले भी बढ़ जाते हैं. आमतौर पर लोग ऐसे मामले में मरीज को हाॅस्पिटल ले जाते हैं, लेकिन कुछ ग्रामीण इलाकों में लोग अब भी झाड़फूंक के भरोसे हैं, जो जानलेवा साबित हो रहा है.

Snake Bite In Surajpur
सांप के काटने से 3 साल के बच्चे की मौत
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Published : Jul 4, 2023, 4:13 PM IST

Updated : Jul 4, 2023, 4:30 PM IST

सूरजपुर: जिस मासूम की किलकारी घर आंगन में गूंज करती थी और जिसकी शरारतों से घर में रौनक हुआ करती थी, एक विषधर के काटने से मंगलवार को उसकी सांसे थम गईं. परिवार को यकीन ही नहीं हो पा रहा था कि कल तक हुड़दंग मचाने वाला उनका लाल एकदम से शांत कैसे हो गया. डाॅक्टर को दिखाया, वैद्य की तलाश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बच्चे को जिंदा करने की आस में परिवार को लोगों ने सांप को बंधक भी बना लिया और वैद्य की तलाश करते रहे. थक हारकर डाॅक्टर की बात माननी पड़ी और परिवार के लोगों ने बच्चे का पोस्टमार्टम कराया.

सांप को बंधक बनाने के बाद वैद्य को खोजते रहे परिजन: जोधपुर के भगवा मुड़ा गांव में सोमवार की रात तीन साल के मासूम आशीष को सांप ने काट लिया. मंगलवार की सुबह उसकी बिगड़ी हालत देख परिवार के लोग जिला अस्पताल में ले गए, डाॅक्टरों में उसे मृत घोषित कर दिया. पिता बच्चे के जिंदा होने की आस में वैद्य की तलाश करने लगा और घर में से खोजकर जहरीले सांप को बंधक बना लिया. पिता लाल बहादुर का मानना था कि सांप के काटने से मौत के कुछ घंटे बाद भी किसी इंसान के जिंदा होने की संभावना रहती है. ऐसे में पिता लाल बहादुर जिला मुख्यालय से लेकर आसपास के इलाकों में वैद्य की खोजबीन करता रहा. आखिर में थक हारकर डॉक्टरों के समझाने और बच्चे की मौत की पुष्टि के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया.

जिले के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटी वेनम वैक्सीन उपलब्ध है. ऐसे में झाड़ फूंक से दूर रहने की गांववालों से अपील की जाती है. अस्पताल में लाए गए 3 साल के मासूम के शरीर में जहर पूरी तरह से फैल चुका था. इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. परिजनों को समझाकर शव का पोस्टमार्टम कराया गया. -डाॅ आरएस सिंह, जिला अस्पताल, सूरजपुर

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स्नेक बाइट से बचने से लिए बरतें ये सावधानी: बरसात के मौसम में स्नेक बाइट का खतरा बना रहता है. सांप ज्यादातर पैरों में पंजे के पास ही काटते हैं. 70 फीसदी केस में स्नेक बाइट पैर के निचले हिस्से में हुई है, क्योंकि सांप का यहां अटैक करना आसान होता है. इसलिए लंबे जूते पहनने के कई बार जान बचाई जा सकती है. सुबह या अंधेरे में सांप शिकार की तलाश में निकलते हैं. ऐसे में अंधेरे में सांप के काटने के चांस ज्यादा रहते हैं. इसलिए अलसुबह और शाम को अंधेरे में निकलें तो आपने साथ टाॅर्च और लाठी लेकर निकलें. टाॅर्च की रोशनी में लाठी से घास फूस या झाड़ियों को टटोलने के बाद ही आगे बढ़ें.

सूरजपुर: जिस मासूम की किलकारी घर आंगन में गूंज करती थी और जिसकी शरारतों से घर में रौनक हुआ करती थी, एक विषधर के काटने से मंगलवार को उसकी सांसे थम गईं. परिवार को यकीन ही नहीं हो पा रहा था कि कल तक हुड़दंग मचाने वाला उनका लाल एकदम से शांत कैसे हो गया. डाॅक्टर को दिखाया, वैद्य की तलाश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बच्चे को जिंदा करने की आस में परिवार को लोगों ने सांप को बंधक भी बना लिया और वैद्य की तलाश करते रहे. थक हारकर डाॅक्टर की बात माननी पड़ी और परिवार के लोगों ने बच्चे का पोस्टमार्टम कराया.

सांप को बंधक बनाने के बाद वैद्य को खोजते रहे परिजन: जोधपुर के भगवा मुड़ा गांव में सोमवार की रात तीन साल के मासूम आशीष को सांप ने काट लिया. मंगलवार की सुबह उसकी बिगड़ी हालत देख परिवार के लोग जिला अस्पताल में ले गए, डाॅक्टरों में उसे मृत घोषित कर दिया. पिता बच्चे के जिंदा होने की आस में वैद्य की तलाश करने लगा और घर में से खोजकर जहरीले सांप को बंधक बना लिया. पिता लाल बहादुर का मानना था कि सांप के काटने से मौत के कुछ घंटे बाद भी किसी इंसान के जिंदा होने की संभावना रहती है. ऐसे में पिता लाल बहादुर जिला मुख्यालय से लेकर आसपास के इलाकों में वैद्य की खोजबीन करता रहा. आखिर में थक हारकर डॉक्टरों के समझाने और बच्चे की मौत की पुष्टि के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया.

जिले के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटी वेनम वैक्सीन उपलब्ध है. ऐसे में झाड़ फूंक से दूर रहने की गांववालों से अपील की जाती है. अस्पताल में लाए गए 3 साल के मासूम के शरीर में जहर पूरी तरह से फैल चुका था. इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. परिजनों को समझाकर शव का पोस्टमार्टम कराया गया. -डाॅ आरएस सिंह, जिला अस्पताल, सूरजपुर

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स्नेक बाइट से बचने से लिए बरतें ये सावधानी: बरसात के मौसम में स्नेक बाइट का खतरा बना रहता है. सांप ज्यादातर पैरों में पंजे के पास ही काटते हैं. 70 फीसदी केस में स्नेक बाइट पैर के निचले हिस्से में हुई है, क्योंकि सांप का यहां अटैक करना आसान होता है. इसलिए लंबे जूते पहनने के कई बार जान बचाई जा सकती है. सुबह या अंधेरे में सांप शिकार की तलाश में निकलते हैं. ऐसे में अंधेरे में सांप के काटने के चांस ज्यादा रहते हैं. इसलिए अलसुबह और शाम को अंधेरे में निकलें तो आपने साथ टाॅर्च और लाठी लेकर निकलें. टाॅर्च की रोशनी में लाठी से घास फूस या झाड़ियों को टटोलने के बाद ही आगे बढ़ें.

Last Updated : Jul 4, 2023, 4:30 PM IST
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