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सुकमा: लेयर फार्मिंग योजना के जरिए महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

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Published : Feb 7, 2020, 11:14 PM IST

सुकमा में लेयर फार्मिंग योजना के तहत स्व सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रहीं है. महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही अंडे बेचकर कुपोषण मुक्ति अभियान में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं.

Women becoming self-reliant through layer farming scheme in Sukma
लेयर फार्मिंग योजना के जरिए महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

सुकमा: महिला स्व सहायता समूह की आमदनी बढ़ाने और गांव से कुपोषण भगाने के लिए कवायद शुरू हो गई है.

सुकमा जिले में सबरी लेयर फार्मिंग यूनिट योजना के अंतर्गत स्वयंसेवी महिलाएं लेयर फार्मिंग कर अंडा उत्पादन के जरिए अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं.

लेयर फार्मिंग योजना के जरिए महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

अंडा कुपोषण मुक्ति अभियान में साबित हो रहा कारगर

साथ ही पोटा केबिन, आश्रम शाला और आंगनबाड़ी में अंडे भी बेच रहीं हैं. इस तरह महिलाएं सरकार के कुपोषण मुक्ति अभियान में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं.

पशुधन विभाग महिलाओं की कर रहा मदद

सबरी लेयर फार्मिंग के लिए पशुधन विभाग ने हितग्राहियों का चयन कर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बिहान संचालित महिला स्व सहायता समूह की स्वयं सेविकाओं को लाभार्थी बनाया गया है. महिला समूहों के लाभार्थी को 50-50 मुर्गी दी गई हैं . लाभार्थियों को चूजों के साथ दाना, जाली और दवाइयां पशुधन विकास विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जा रहा है. अंडों को बाजार में भी बेच कर महिला समूह अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं.

50 महिला स्व सहायता समूह कर रहीं है लेयर फार्मिंग

जिले की 50 महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं लेयर फार्मिंग कर रहीं है. छिंदगढ़ जनपद पंचायत के रोकेल ग्राम की दुर्गा महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष माहेश्वरी बघेल और गायत्री महिला स्वसहायता समूह की लक्षमी बेलसरिया ने बताया कि '50 मुर्गियों के लेयर फार्मिंग से 40 से 45 अंडे प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है. जिसे वे 6 रुपये प्रति नग के हिसाब से बेच रही हैं और प्रतिदिन 240 से 270 रुपये की आमदनी कर रही है'. उन्होंने बताया कि 'इससे हम खुश हैं हमें स्वरोजगार मिला है. मुनाफा भी हो रहा है. साथ ही बताया कि मुर्गियों की संख्या बढ़ाने से और भी ज्यादा आमदनी होगी'.

सुकमा: महिला स्व सहायता समूह की आमदनी बढ़ाने और गांव से कुपोषण भगाने के लिए कवायद शुरू हो गई है.

सुकमा जिले में सबरी लेयर फार्मिंग यूनिट योजना के अंतर्गत स्वयंसेवी महिलाएं लेयर फार्मिंग कर अंडा उत्पादन के जरिए अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं.

लेयर फार्मिंग योजना के जरिए महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

अंडा कुपोषण मुक्ति अभियान में साबित हो रहा कारगर

साथ ही पोटा केबिन, आश्रम शाला और आंगनबाड़ी में अंडे भी बेच रहीं हैं. इस तरह महिलाएं सरकार के कुपोषण मुक्ति अभियान में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं.

पशुधन विभाग महिलाओं की कर रहा मदद

सबरी लेयर फार्मिंग के लिए पशुधन विभाग ने हितग्राहियों का चयन कर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बिहान संचालित महिला स्व सहायता समूह की स्वयं सेविकाओं को लाभार्थी बनाया गया है. महिला समूहों के लाभार्थी को 50-50 मुर्गी दी गई हैं . लाभार्थियों को चूजों के साथ दाना, जाली और दवाइयां पशुधन विकास विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जा रहा है. अंडों को बाजार में भी बेच कर महिला समूह अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं.

50 महिला स्व सहायता समूह कर रहीं है लेयर फार्मिंग

जिले की 50 महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं लेयर फार्मिंग कर रहीं है. छिंदगढ़ जनपद पंचायत के रोकेल ग्राम की दुर्गा महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष माहेश्वरी बघेल और गायत्री महिला स्वसहायता समूह की लक्षमी बेलसरिया ने बताया कि '50 मुर्गियों के लेयर फार्मिंग से 40 से 45 अंडे प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है. जिसे वे 6 रुपये प्रति नग के हिसाब से बेच रही हैं और प्रतिदिन 240 से 270 रुपये की आमदनी कर रही है'. उन्होंने बताया कि 'इससे हम खुश हैं हमें स्वरोजगार मिला है. मुनाफा भी हो रहा है. साथ ही बताया कि मुर्गियों की संख्या बढ़ाने से और भी ज्यादा आमदनी होगी'.

Intro:लेयर फार्मिंग कर महिलाएं बढ़ा रही आमदनी,
गुणवत्तापूर्ण अंडा कुपोषण मुक्ति अभियान में साबित हो रहा कारगर

सुखमा. महिला स्व सहायता समूह की आमदनी बढ़ाने और गांव से कुपोषण भगाने के फार्मूले पर अमल शुरू हो गया है. सुकमा जिले में सबरी लेयर फार्मिंग यूनिट योजना अंतर्गत स्वयंसेवी महिलाएं लेयर फार्मिंग कर अंडा उत्पादन के जरिए स्वरोजगार से जुड़कर अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं. साथ ही पोटा केबिन, आश्रम शाला और आंगनबाड़ी में अंडों की पूर्ति कर रही हैं. इस तरह महिलाएं सरकार की कुपोषण मुक्ति अभियान में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं.

सबरी लेयर फार्मिंग के लिए पशुधन विभाग ने हितग्राहियों का चयन कर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बिहान संचालित महिला स्व सहायता समूह की स्वयं सेविकाओं को लाभार्थी बनाया गया है. महिला समूहों के लाभार्थी को 50-50 मुर्गी दिए गए हैं. लाभार्थियों को चूजों के साथ दाना, जाली और दवाइयां पशुधन विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. अंडों को बाजार में भी बेच कर महिला समूह अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं.


Body:कल तक महिलाएं दूसरों पर आश्रित रहती थी और पाई पाई के लिए तरसती थी. आज वही महिलाएं शबरी लेयर फॉर्मिंग यूनिट लगाकर अपनी पहचान बना रही है और स्वलंबी बन रही है. जिले 50 महिला स्व सहायता समूह द्वारा लेयर फार्मिंग किया जा रहा है. राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं बनाई है. इस योजना के तहत बिहान योजना के महिला स्व सहायता समूह को लेयर फार्मिंग में सहयोग व मॉनिटरिंग के साथ लगातार प्रशिक्षण देकर महिलाओं को तकनीकी रूप से मुर्गी पालन के तरीके सिखा रहे हैं. वहीं अन्य महिलाएं समूह को भी प्रेरित किया जा रहा है. सभी महिलाएं आर्थिक रूप से सबल बने इसके लिए प्रयास किया जा रहा है.


छिंदगढ़ जनपद पंचायत के रोकेल ग्राम की दुर्गा महिला स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती महेश्वरी बघेल और गायत्री महिला स्वसहायता समूह की लक्षमी बेलसरिया ने बताया कि 50 मुर्गियों के लेयर फार्मिंग से 40 से 45 अंडे प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है. जिसे वे 6 रुपये प्रति नग के हिसाब से बेच रही हैं और प्रतिदिन ₹240 से ₹270 की आमदनी कर रही है. उन्होंने बताया कि इससे हम खुश हैं हमें स्वरोजगार मिला है. मुनाफा भी हो रहा है. आगे मुर्गियों की संख्या बढ़ाने से और भी ज्यादा आय होगी. जिससे समूह में भी आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी.


Conclusion:बाइट 01: श्रीमती लक्षमी बेलसरिया, गायत्री महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष

बाइट 02: श्रीमती माहेश्वरी बघेल, दुर्गा महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष.

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