सुकमा: भाई ने नक्सलियों का साथ छोड़ दिया लेकिन बहन अब भी उनका दामन थामे हुए है. इस दौरान एक वक्त ऐसा आ गया जब दोनों एक दूसरे के आमने-सामने आ गए, एक दूसरे के दुश्मन बन कर. ये कहानी आत्मसमर्पित नक्सली वेट्टी रामा और नक्सली वेट्टी कन्नी की है.
29 जुलाई को जब सुकमा जिले के बालेंगटोंग के जंगलों में सुरक्षाबलों ने नक्सल कैंप पर धावा बोला तब वेट्टी कन्नी नक्सलियों में शामिल थी और उसका भाई रामा पुलिस की ओर से था. DRG के 140 जवानों की टीम ने नक्सली शिविर को घेर लिया. जंगल में नक्सली नेता वेट्टी कन्नी की टीम के साथ पुलिस जवानों की मुठभेड़ हुई.
भाग निकली महिला नक्सली
वेट्टी कन्नी के सहयोगियों ने पुलिस जवानों पर गोली चलानी शुरू कर दी. पुलिस दल में वेट्टी कन्नी का भाई वेट्टी रामा भी शामिल था. इस गोलीबारी में दो नक्सली ढेर हो गए, लेकिन कन्नी भाग निकली.
जो भाई बहन कभी साथ हुआ करते थे, लाल आतंक के पहरेदार बन, अब एक दूसरे के खिलाफ हैं. भाई ने आतंक का रास्ता छोड़ कर नक्सलवाद के खातमे की कसम ले ली है लेकिन बहन अब भी आतंक की सिपाही बनी हुई है.