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मुठभेड़ में पुलिसवाले भाई के सामने आई 'लाल आतंक' का साथ देने वाली महिला नक्सली - सुकमा में महिला नक्सली से मुठभेड़

29 जुलाई को जब सुकमा जिले के बालेंगटोंग के जंगलों में सुरक्षाबलों ने नक्सल कैंप पर धावा बोला तब वेट्टी कन्नी नक्सलियों में शामिल थी और उसका भाई रामा पुलिस की ओर से था.

महिला नक्सली का भाई वेट्टी रामा
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Published : Aug 8, 2019, 7:59 PM IST

सुकमा: भाई ने नक्सलियों का साथ छोड़ दिया लेकिन बहन अब भी उनका दामन थामे हुए है. इस दौरान एक वक्त ऐसा आ गया जब दोनों एक दूसरे के आमने-सामने आ गए, एक दूसरे के दुश्मन बन कर. ये कहानी आत्मसमर्पित नक्सली वेट्टी रामा और नक्सली वेट्टी कन्नी की है.

पुलिसवाले भाई के सामने आई 'लाल आतंक' का साथ देने वाली महिला नक्सली

29 जुलाई को जब सुकमा जिले के बालेंगटोंग के जंगलों में सुरक्षाबलों ने नक्सल कैंप पर धावा बोला तब वेट्टी कन्नी नक्सलियों में शामिल थी और उसका भाई रामा पुलिस की ओर से था. DRG के 140 जवानों की टीम ने नक्सली शिविर को घेर लिया. जंगल में नक्सली नेता वेट्टी कन्नी की टीम के साथ पुलिस जवानों की मुठभेड़ हुई.

भाग निकली महिला नक्सली
वेट्टी कन्नी के सहयोगियों ने पुलिस जवानों पर गोली चलानी शुरू कर दी. पुलिस दल में वेट्टी कन्नी का भाई वेट्टी रामा भी शामिल था. इस गोलीबारी में दो नक्सली ढेर हो गए, लेकिन कन्नी भाग निकली.

जो भाई बहन कभी साथ हुआ करते थे, लाल आतंक के पहरेदार बन, अब एक दूसरे के खिलाफ हैं. भाई ने आतंक का रास्ता छोड़ कर नक्सलवाद के खातमे की कसम ले ली है लेकिन बहन अब भी आतंक की सिपाही बनी हुई है.

सुकमा: भाई ने नक्सलियों का साथ छोड़ दिया लेकिन बहन अब भी उनका दामन थामे हुए है. इस दौरान एक वक्त ऐसा आ गया जब दोनों एक दूसरे के आमने-सामने आ गए, एक दूसरे के दुश्मन बन कर. ये कहानी आत्मसमर्पित नक्सली वेट्टी रामा और नक्सली वेट्टी कन्नी की है.

पुलिसवाले भाई के सामने आई 'लाल आतंक' का साथ देने वाली महिला नक्सली

29 जुलाई को जब सुकमा जिले के बालेंगटोंग के जंगलों में सुरक्षाबलों ने नक्सल कैंप पर धावा बोला तब वेट्टी कन्नी नक्सलियों में शामिल थी और उसका भाई रामा पुलिस की ओर से था. DRG के 140 जवानों की टीम ने नक्सली शिविर को घेर लिया. जंगल में नक्सली नेता वेट्टी कन्नी की टीम के साथ पुलिस जवानों की मुठभेड़ हुई.

भाग निकली महिला नक्सली
वेट्टी कन्नी के सहयोगियों ने पुलिस जवानों पर गोली चलानी शुरू कर दी. पुलिस दल में वेट्टी कन्नी का भाई वेट्टी रामा भी शामिल था. इस गोलीबारी में दो नक्सली ढेर हो गए, लेकिन कन्नी भाग निकली.

जो भाई बहन कभी साथ हुआ करते थे, लाल आतंक के पहरेदार बन, अब एक दूसरे के खिलाफ हैं. भाई ने आतंक का रास्ता छोड़ कर नक्सलवाद के खातमे की कसम ले ली है लेकिन बहन अब भी आतंक की सिपाही बनी हुई है.

Intro:29 जुलाई को सुबह लगभग 7 बजे, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के बालेंगटोंग के जंगलों में एक पहाड़ी के पास माओवादी शिविर से 140 सुरक्षाकर्मियों की एक टीम ने घेरा। दस्ते ने पूरी रात आपरेशन को अंजाम दिया।

पूरी कहानी है आत्मसमर्पित नक्सली वेट्टी रामा और नक्सल संगठन से जुड़ी वेट्टी कन्नी की। सरेंडर के बाद वेट्टी रामा गोपनीय सैनिक का काम कर रहा है।

Body:एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि 50 वर्षीय, कन्नी, और 43 वर्षीय, रामा, भाई और बहन हैं। 29 जुलाई को बालेंगतोंग के जंगके में नक्सली नेता वेट्टी कन्नी की टीम के साथ पुलिस जवानों के साथ मुठभेड़ हुआ है। वेट्टी कन्नी के रक्षकों ने पुलिस जवानों पर गोली चलानी शुरू कर दी, पुलिस दल में वेट्टी कन्नी का भाई वेट्टी रामा भी शामिल था। 29 जुलाई की भयंकर गोलीबारी में दो नक्सलियों को मार गिराया गया था। कन्नी भागने में सफल रहे।

Conclusion:इस खबर की बाइट मोजो से भेज दिया हूँ
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