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सुकमा में कलेक्ट्रेट का गेट तोड़ अंदर घुसे ग्रामीण, कलेक्टर पर अनसुनी का आरोप लगा हटाने की मांग

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार को हजारों (Villagers broke Sukma Collectorate Office gate) ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया है. ग्रामीणों ने कलेक्टर विनीत नंदनवार पर समस्याएं नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग करते हुए सड़क पर उतर आए.

Villagers broke Sukma Collectorate Office gate
सुकमा में कलेक्ट्रेट का गेट तोड़ अंदर घुसे हजारों ग्रामीण
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Published : Mar 22, 2022, 9:34 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 9:41 PM IST

सुकमा : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार को हजारों ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट (Villagers broke Sukma Collectorate Office gate) कार्यालय का घेराव किया है. ग्रामीणों का आरोप था कि जिला कलेक्टर विनीत नंदनवार उनकी समस्या नहीं सुनते हैं. इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर विनीत नंदनवार को हटाने की मांग करते हुए आंदोलन पर उतर आए. हजारों ग्रामीणों की भीड़ को पुलिस भी नहीं रोक पाई. ग्रामीण कलेक्टर परिसर के मुख्य द्वार को तोड़कर अंदर घुस गए. इसके बाद आदिवासी ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय में जमकर नारेबाजी भी की.

सुकमा में कलेक्ट्रेट का गेट तोड़ अंदर घुसे हजारों ग्रामीण

11 मार्च को कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे ग्रामीण, नहीं मिले थे कलेक्टर
सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने बताया कि 11 मार्च को समाज के कुछ सदस्य अपनी समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर विनीत नंदनवार से मिलने पहुंचे थे. इसके बाद काफी देर तक इंतजार करवाने के बाद भी कलेक्टर विनीत नंदनवार उन लोगों से नहीं मिले. इसी के विरोध में ग्रामीणों में उनके प्रति जमकर गुस्सा फूटा और आज सुकमा जिले के कोया समाज, गोंड, मुरिया, माड़िया, धुरवा, कलार धाकड़ समेत अन्य जाति सर्व आदिवासी समाज के लोग कलेक्टर को हटाने की मांग करते हुए सड़क पर उतर आए.

यह भी पढ़ें : जेल से मुख्यमंत्रियों और राज्यपाल से मांगी थी फिरौती, डकैती-हत्या मामलों का कुख्यात बिलासपुर HC से बरी

सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों ने जिले के डीएमसी पर भी कलेक्टरगिरी करने का आरोप लगाया है. लोगों का कहना था कि सुकमा जिले के डीएमसी श्यामसुंदर सिंह चौहान उर्फ बबलू चौहान से भी लोग त्रस्त हैं. वे अपने पद से ज्यादा कलेक्टरगिरी करते हैं. सर्व आदिवासी समाज ने मांग की है कि श्यामसुंदर चौहान को उनके मूल पदस्थापना में वापस भेज दिया जाए.

ये हैं सुकमा के सर्व आदिवासी समाज की प्रमुख मांगें

  • तेंदूपत्ता संग्राहक कर्ताओं को नगद भुगतान कर शव 100 गड्डी का 700 किया जाए.
  • महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत लंबित मजदूरी भुगतान तत्काल किया जाए.
  • आदिवासी के नाम से फर्जी जाति पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए.
  • पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में गैर संवैधानिक रूप से बनाए गए तीन नगर पंचायत जिनमें सुकमा, दोरनापाल और कोंटा को पुनः ग्राम पंचायत बनाया जाए.
  • जिले में हजारों बेकसूर आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर जेल भेजा गया है इस मामले की निष्पक्ष जांच कर जल्द से जल्द रिहा किया जाए.
  • एड्समेटा गोलीकांड में मारे गए निर्दोष आदिवासियों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए.
  • सरकार के शर्तों के अनुसार बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए.
  • वन अधिकार अधिनियम 2006 को पूर्ण रुप से लागू कर सामुदायिक अधिकार दिया जाए.
  • पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में पेसा कानून अति शीघ्र लागू किया जाए.
  • सुकमा के सुपनार गांव से विदेशी मदिरा दुकान तत्काल हटाया जाए वहां पर सुकमा के मूल आदिवासियों का देवस्थल है.
  • जिले में शिक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बेहतर शिक्षा के लिए जिले के मूल निवासरत शिक्षक पात्र/वैकल्पिक व्यवस्था शिक्षादूत के रूप में बेरोजगारों की भर्ती की जाए.

सुकमा : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार को हजारों ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट (Villagers broke Sukma Collectorate Office gate) कार्यालय का घेराव किया है. ग्रामीणों का आरोप था कि जिला कलेक्टर विनीत नंदनवार उनकी समस्या नहीं सुनते हैं. इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर विनीत नंदनवार को हटाने की मांग करते हुए आंदोलन पर उतर आए. हजारों ग्रामीणों की भीड़ को पुलिस भी नहीं रोक पाई. ग्रामीण कलेक्टर परिसर के मुख्य द्वार को तोड़कर अंदर घुस गए. इसके बाद आदिवासी ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय में जमकर नारेबाजी भी की.

सुकमा में कलेक्ट्रेट का गेट तोड़ अंदर घुसे हजारों ग्रामीण

11 मार्च को कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे ग्रामीण, नहीं मिले थे कलेक्टर
सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने बताया कि 11 मार्च को समाज के कुछ सदस्य अपनी समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर विनीत नंदनवार से मिलने पहुंचे थे. इसके बाद काफी देर तक इंतजार करवाने के बाद भी कलेक्टर विनीत नंदनवार उन लोगों से नहीं मिले. इसी के विरोध में ग्रामीणों में उनके प्रति जमकर गुस्सा फूटा और आज सुकमा जिले के कोया समाज, गोंड, मुरिया, माड़िया, धुरवा, कलार धाकड़ समेत अन्य जाति सर्व आदिवासी समाज के लोग कलेक्टर को हटाने की मांग करते हुए सड़क पर उतर आए.

यह भी पढ़ें : जेल से मुख्यमंत्रियों और राज्यपाल से मांगी थी फिरौती, डकैती-हत्या मामलों का कुख्यात बिलासपुर HC से बरी

सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों ने जिले के डीएमसी पर भी कलेक्टरगिरी करने का आरोप लगाया है. लोगों का कहना था कि सुकमा जिले के डीएमसी श्यामसुंदर सिंह चौहान उर्फ बबलू चौहान से भी लोग त्रस्त हैं. वे अपने पद से ज्यादा कलेक्टरगिरी करते हैं. सर्व आदिवासी समाज ने मांग की है कि श्यामसुंदर चौहान को उनके मूल पदस्थापना में वापस भेज दिया जाए.

ये हैं सुकमा के सर्व आदिवासी समाज की प्रमुख मांगें

  • तेंदूपत्ता संग्राहक कर्ताओं को नगद भुगतान कर शव 100 गड्डी का 700 किया जाए.
  • महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत लंबित मजदूरी भुगतान तत्काल किया जाए.
  • आदिवासी के नाम से फर्जी जाति पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए.
  • पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में गैर संवैधानिक रूप से बनाए गए तीन नगर पंचायत जिनमें सुकमा, दोरनापाल और कोंटा को पुनः ग्राम पंचायत बनाया जाए.
  • जिले में हजारों बेकसूर आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर जेल भेजा गया है इस मामले की निष्पक्ष जांच कर जल्द से जल्द रिहा किया जाए.
  • एड्समेटा गोलीकांड में मारे गए निर्दोष आदिवासियों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए.
  • सरकार के शर्तों के अनुसार बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए.
  • वन अधिकार अधिनियम 2006 को पूर्ण रुप से लागू कर सामुदायिक अधिकार दिया जाए.
  • पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में पेसा कानून अति शीघ्र लागू किया जाए.
  • सुकमा के सुपनार गांव से विदेशी मदिरा दुकान तत्काल हटाया जाए वहां पर सुकमा के मूल आदिवासियों का देवस्थल है.
  • जिले में शिक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बेहतर शिक्षा के लिए जिले के मूल निवासरत शिक्षक पात्र/वैकल्पिक व्यवस्था शिक्षादूत के रूप में बेरोजगारों की भर्ती की जाए.
Last Updated : Mar 22, 2022, 9:41 PM IST
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