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बस्तर मलेरिया मुक्त अभियान: 2254 लोग पॉजिटिव, इलाज जारी

बस्तर मलेरिया मुक्त अभियान का तीसरा चरण सुकमा में आयोजित किया गया है. प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन द्वारा घर-घर जाकर जांच की गई. जो लोग बीमारी से पीड़ित मिले, उनका तत्काल इलाज शुरू किया गया है.

Malaria free campaign
मलेरिया मुक्त अभियान
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Published : Feb 5, 2021, 1:38 PM IST

सुकमा: मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तीसरे चरण में सुकमा जिले में 2254 मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिले हैं. मलेरिया के खिलाफ 15 दिसंबर से 30 जनवरी तक ये अभियान चलाया गया. अभियान के दौरान जिले के 215 गांव के 1 लाख 35 हजार लोगों की मलेरिया जांच की गई. जांच के लिए 280 दलों का गठन किया गया था, जो जिले के 29 हजार 737 घरों तक पहुंचे. इस दौरान प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन द्वारा घर-घर जाकर जांच की गई. जो लोग बीमारी से पीड़ित मिले, उनका तत्काल इलाज शुरू किया गया है.

बच्चों सबसे ज्यादा पीड़ित

* यह बीमारी सबसे अधिक बच्चों में पाई गई है.

* 534 पुरुष और 612 महिलाएं पीड़ित हैं.

* 0 से 1 वर्ष के 61, वर्ष 1 से 4 वर्ष के 340 बच्चे मलेरिया से पीड़ित हैं.

* 5 से 8 वर्ष के 364 और 9 से 14 वर्ष के 344 बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं.

पढ़ें: मलेरिया मुक्त बस्तर बनाने नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचे सीएमएचओ

लोगों को बताए जा रहे हैं बचाव के तरीके

अभियान में लोगों को मलेरिया के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ मलेरिया से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं. मलेरिया मुक्त अभियान काफी हद तक जिलों में सफल रहा है. लगभग डेढ़ महीने तक चले इस अभियान में कोंटा ब्लॉक में सर्वाधिक 59 हजार 062 व्यक्तियो की जांच गई. इसमें 853 व्यक्ति मलेरिया पॉजिटिव पाए गए, इसके अलावा छिंदगढ़ ब्लॉक के 52 हजार 151 व्यक्तियों की जांच में 1170 पॉजिटिव मिले. वहीं सुकमा ब्लॉक में 24 हजार 466 व्यक्तियों की जांच के दौरान 231 व्यक्ति संक्रमित पाए गए.

तीन जिलों में मिले सर्वाधिक मरीज
इधर पूरे बस्तर संभाग के सातों जिलों में मलेरिया मुक्त अभियान चलाई जा रही है. खासकर सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर में सबसे ज्यादा मलेरिया से संक्रमित मरीज मिले हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मलेरिया से निपटने के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन होने के बाद कह रहे हैं.

सुकमा: मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तीसरे चरण में सुकमा जिले में 2254 मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिले हैं. मलेरिया के खिलाफ 15 दिसंबर से 30 जनवरी तक ये अभियान चलाया गया. अभियान के दौरान जिले के 215 गांव के 1 लाख 35 हजार लोगों की मलेरिया जांच की गई. जांच के लिए 280 दलों का गठन किया गया था, जो जिले के 29 हजार 737 घरों तक पहुंचे. इस दौरान प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन द्वारा घर-घर जाकर जांच की गई. जो लोग बीमारी से पीड़ित मिले, उनका तत्काल इलाज शुरू किया गया है.

बच्चों सबसे ज्यादा पीड़ित

* यह बीमारी सबसे अधिक बच्चों में पाई गई है.

* 534 पुरुष और 612 महिलाएं पीड़ित हैं.

* 0 से 1 वर्ष के 61, वर्ष 1 से 4 वर्ष के 340 बच्चे मलेरिया से पीड़ित हैं.

* 5 से 8 वर्ष के 364 और 9 से 14 वर्ष के 344 बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं.

पढ़ें: मलेरिया मुक्त बस्तर बनाने नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचे सीएमएचओ

लोगों को बताए जा रहे हैं बचाव के तरीके

अभियान में लोगों को मलेरिया के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ मलेरिया से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं. मलेरिया मुक्त अभियान काफी हद तक जिलों में सफल रहा है. लगभग डेढ़ महीने तक चले इस अभियान में कोंटा ब्लॉक में सर्वाधिक 59 हजार 062 व्यक्तियो की जांच गई. इसमें 853 व्यक्ति मलेरिया पॉजिटिव पाए गए, इसके अलावा छिंदगढ़ ब्लॉक के 52 हजार 151 व्यक्तियों की जांच में 1170 पॉजिटिव मिले. वहीं सुकमा ब्लॉक में 24 हजार 466 व्यक्तियों की जांच के दौरान 231 व्यक्ति संक्रमित पाए गए.

तीन जिलों में मिले सर्वाधिक मरीज
इधर पूरे बस्तर संभाग के सातों जिलों में मलेरिया मुक्त अभियान चलाई जा रही है. खासकर सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर में सबसे ज्यादा मलेरिया से संक्रमित मरीज मिले हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मलेरिया से निपटने के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन होने के बाद कह रहे हैं.

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