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सरगुजा: छठ पर्व में ताराचंद गुप्ता का परिवार बांटता है मुफ्त में लाल गेहूं - Tarachand Gupta family distributes in free red wheat

सरगुजा कृषि धान प्रधान जिला है. इसलिए यहां बदलते वक्त के साथ लाल गेहूं की उपलब्धता (Availability of Red Wheat) आसान नहीं रह गई है. ऐसे में सरगुजा के कृषक ताराचंद गुप्ता लगातार 25 वर्षों से छठ व्रतियों को लाल गेहूं उपलब्ध करा रहे हैं.

Chhath Vrat
ताराचंद गुप्ता का परिवार
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Published : Nov 8, 2021, 12:02 PM IST

Updated : Nov 8, 2021, 1:36 PM IST

सरगुजा: बेहद कड़े नियम और अनुशासन का पर्व छठ व्रत (Chhath Vrat) जिसकी पूजन विधि काफी कठिन होती है. इस व्रत पूजन में उपयोग की जाने वाली सामग्री भी कुछ ऐसी हैं. जिनकी उपलब्धता आसान नहीं रह गई है. ऐसी ही एक सामग्री है लाल गेंहू और जो अब आसानी से उपलब्ध नहीं होता है. वहीं खरना की प्रक्रिया के लिये खीर भी लाल धान के चावल से बनाई जाती है. क्योंकि सरगुजा कृषि धान प्रधान जिला है. इसलिए यहां बदलते वक्त के साथ लाल गेहूं की उपलब्धता (Availability of Red Wheat) आसान नहीं रह गई है. ऐसे में सरगुजा के किसान ताराचंद गुप्ता लगातार 25 वर्षों से छठ व्रतियों को लाल गेहूं उपलब्ध करा रहे हैं.

ताराचंद गुप्ता का परिवार बांटता है मुफ्त में लाल गेहूं

नहाए खाए रिवाज से शुरू होती है छठ पूजा, लौकी की सब्जी और चावल का है विशेष महत्व

लाल गेहूं की खेती दुर्लभ

छठ व्रत के दौरान मुख्य प्रसाद ठेकुआ बनाया जाता है. जिसका निर्माण बेहद सख्त नियमों के पालन के साथ किया जाता है. इस प्रसाद के निर्माण के लिये लाल गेहूं का आटा लगता है. जबकि किसान, लाल गेहूं की खेती (Red Wheat Farming) में रुचि नहीं रखते. क्योंकि इसका प्रति एकड़ उत्पादन भी कम होता है और बाजार में इसके आंटे की डिमांड भी नहीं होती है.

नहाए खाए रिवाज से शुरू होती है छठ पूजा, लौकी की सब्जी और चावल का है विशेष महत्व

ऐसे में ताराचंद गुप्ता जो बड़े किसान हैं. ये हर साल अपने खेत में लाल गेहूं उगाते हैं और करीब 8 से 10 क्विंटल लाल गेहूं ये हर वर्ष छठ व्रतियों को उपलब्ध कराते हैं. लाल गेहूं के साथ खीर बनाने के लिये लाल धान का चावल की भी आवश्यकता होती है. लिहाजा हर छठ व्रती को इनकी ओर से लाल गेहूं और लाल धान का चावल उपलब्ध कराया जाता है.

स्वास्थ्य वर्धक होता है लाल गेहूं

शहर के कई लोग इनके निवास में आकर लाल गेंहू और लाल धान का चावल ले जाते हैं. कुछ लोग दूर से भी लाल गेंहू लेने यहां आते हैं. ताराचंद गुप्ता इसके लिये किसी से भी पैसे नहीं लेते हैं. वो अपनी आस्था के कारण सभी को नि:शुल्क उपलब्ध कराकर अपना योगदान छठ व्रत में देते हैं. वैसे तो सनातन धर्म की सम्पूर्ण पूजा विधि वैज्ञानिक विधि से जुड़ी है. लेकिन जानकर बताते हैं कि लाल गेहूं (Red Wheat) स्वास्थ्य वर्धक होता है. सफेद गेंहू की अपेक्षा इसकी वैज्ञानिक प्रमाणिता उत्कृष्ट है. लेकिन पूजा में इसका उपयोग धार्मिक मान्यताओं के कारण बेहद जरूरी माना जाता है.

सरगुजा: बेहद कड़े नियम और अनुशासन का पर्व छठ व्रत (Chhath Vrat) जिसकी पूजन विधि काफी कठिन होती है. इस व्रत पूजन में उपयोग की जाने वाली सामग्री भी कुछ ऐसी हैं. जिनकी उपलब्धता आसान नहीं रह गई है. ऐसी ही एक सामग्री है लाल गेंहू और जो अब आसानी से उपलब्ध नहीं होता है. वहीं खरना की प्रक्रिया के लिये खीर भी लाल धान के चावल से बनाई जाती है. क्योंकि सरगुजा कृषि धान प्रधान जिला है. इसलिए यहां बदलते वक्त के साथ लाल गेहूं की उपलब्धता (Availability of Red Wheat) आसान नहीं रह गई है. ऐसे में सरगुजा के किसान ताराचंद गुप्ता लगातार 25 वर्षों से छठ व्रतियों को लाल गेहूं उपलब्ध करा रहे हैं.

ताराचंद गुप्ता का परिवार बांटता है मुफ्त में लाल गेहूं

नहाए खाए रिवाज से शुरू होती है छठ पूजा, लौकी की सब्जी और चावल का है विशेष महत्व

लाल गेहूं की खेती दुर्लभ

छठ व्रत के दौरान मुख्य प्रसाद ठेकुआ बनाया जाता है. जिसका निर्माण बेहद सख्त नियमों के पालन के साथ किया जाता है. इस प्रसाद के निर्माण के लिये लाल गेहूं का आटा लगता है. जबकि किसान, लाल गेहूं की खेती (Red Wheat Farming) में रुचि नहीं रखते. क्योंकि इसका प्रति एकड़ उत्पादन भी कम होता है और बाजार में इसके आंटे की डिमांड भी नहीं होती है.

नहाए खाए रिवाज से शुरू होती है छठ पूजा, लौकी की सब्जी और चावल का है विशेष महत्व

ऐसे में ताराचंद गुप्ता जो बड़े किसान हैं. ये हर साल अपने खेत में लाल गेहूं उगाते हैं और करीब 8 से 10 क्विंटल लाल गेहूं ये हर वर्ष छठ व्रतियों को उपलब्ध कराते हैं. लाल गेहूं के साथ खीर बनाने के लिये लाल धान का चावल की भी आवश्यकता होती है. लिहाजा हर छठ व्रती को इनकी ओर से लाल गेहूं और लाल धान का चावल उपलब्ध कराया जाता है.

स्वास्थ्य वर्धक होता है लाल गेहूं

शहर के कई लोग इनके निवास में आकर लाल गेंहू और लाल धान का चावल ले जाते हैं. कुछ लोग दूर से भी लाल गेंहू लेने यहां आते हैं. ताराचंद गुप्ता इसके लिये किसी से भी पैसे नहीं लेते हैं. वो अपनी आस्था के कारण सभी को नि:शुल्क उपलब्ध कराकर अपना योगदान छठ व्रत में देते हैं. वैसे तो सनातन धर्म की सम्पूर्ण पूजा विधि वैज्ञानिक विधि से जुड़ी है. लेकिन जानकर बताते हैं कि लाल गेहूं (Red Wheat) स्वास्थ्य वर्धक होता है. सफेद गेंहू की अपेक्षा इसकी वैज्ञानिक प्रमाणिता उत्कृष्ट है. लेकिन पूजा में इसका उपयोग धार्मिक मान्यताओं के कारण बेहद जरूरी माना जाता है.

Last Updated : Nov 8, 2021, 1:36 PM IST
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