सुकमा: छत्तीसगढ में नक्सली लगातार हथियार छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में एक महिला समेत 3 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. समर्पित तीनों नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति और सुकमा में चलाए जा रहे पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर सरेंडर किया है.
एक महिला सहित 3 नक्सलियों ने किया सरेंडर: तोंगपाल एसडीओपी तोमेश वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया, "सुकमा और दंतेवाड़ा जिले के सीमावर्ती मार्जुम इलाके में सक्रिय 3 नक्सलियों ने बिना हथियार के एसडीओपी तोंगपाल तोमेश वर्मा और सीआरपीएफ 227 के सहायक कमाण्डेन्ट राजेश कुमार पांडेय के समक्ष सरेंडर किया है. समर्पित नक्सली कवासी चैतो KMS सदस्य, माड़वी हांदा RPC कोषाध्यक्ष, माड़वी पोज्ज़ा प्लाटून मिलिशिया सदस्य सभी तोंगपाल क्षेत्र के निवासी हैं.
"समर्पित नक्सली तोंगपाल क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय थे. तीनों नक्सलियों के लिए पुलिस की मुखबिरी करते थे. साथ ही सड़क काटना, क्षेत्र में मीटिंग करना, नक्सल सामग्री की सप्लाई करना, संत्री ड्यूटी जैसे कई कामों में शामिल थे. समर्पित तीनों नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले सभी लाभ को जल्द ही मुहैया कराये जाऐंगे." - तोमेश वर्मा, तोंगपाल एसडीओपी
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पूना नर्कोम अभियान के तहत मिली सफलता: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद उन्नमूलन नीति के तहत काम किया जा रहा है. सरकार की त्रिवेणी कार्ययोजना विश्वास, विकास और सुरक्षा के तहत सुकमा में पूना नर्कोम अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत जिले के अंदरूनी इलाकों में बैनर पोस्टर लगाकर नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील लगातार की जा रही है. पुलिस को अपने कोशिशें के चलते ही एक और सफलता मिली है.