सुकमा: बस्तर संभाग का सुकमा जिला नक्सल प्रभावित होने के साथ ही जंगली जानवरों से भरा पड़ा है. जिससे यहां के ग्रामीणों का सामना अक्सर जंगली जानवरों से हो जाता है. मानसून के दिनों में जंगली जानवरों का खतरा और भी बढ़ जाता है. शुक्रवार को सुकमा में एक ग्रामीण पर भालुओं के झुंड ने हमला कर दिया. जिससे ग्रामीण मरने की कगार पर पहुंच गया है.
खेत से लौटते समय भालुओं का हमला: सुकमा जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर बेलवापाल गांव का निवासी मांडवी हूंगा अपने घर से फसल देखने के लिए खेत की ओर गया था. शाम को खेत से वापस लौटते समय अचानक भालुओं का झुंड उसके सामने आ गया. एक दो नहीं बल्कि 6 भालुओं ने उसे घेर लिया. वो अकेला था और उसके चारों तरफ इतने सारे भालु. इसे देखकर वह घबरा गया. तुरंत सभी भालुओं ने उस पर हमला कर दिया और उसे नोंचने लगे. हमले के दौरान ग्रामीण जोर जोर से चीखने लगा. उसकी आवाज सुनकर आसपास के खेत में मौजूद लोग दौड़े दौड़े आए और हल्लाकर भालुओं को भगाया.
ग्रामीण की हालत गंभीर: भालू तो भाग गए लेकिन तब तक मांडवी हूंगा गंभीर रूप से घायल हो चुका था. भालुओं ने उसके मुंह, सिर, हाथों को नोंच लिया था. लोगों ने 108 संजीवनी एक्सप्रेस को भालू के हमले की सूचना दी. जानकारी लगते ही 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और उसे सुकमा जिला अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने घायल ग्रामीण का प्राथमिक इलाज किया. घायल ग्रामीण की बुरी स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए बस्तर जिले के मेडिकल कॉलेज डिमरापाल रवाना कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि घायल ग्रामीण की स्थिति नाजुक बनी हुई है.