सुकमा : छत्तीसगढ के सुकमा जिले में सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाबल के जवानों को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. सुकमा में पूना नर्कोम अभियान यानी नई सुबह नई शुरुआत और छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के प्रचार प्रसार से प्रभावित होकर जनमिलिशिया कमांडर ने सुकमा पुलिस के सामने बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पित नक्सली पर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक लाख रुपए का ईनाम घोषित कर रखा था.
पुलिस और शासन के प्रयास हो रहे सफल : कोबरा 201 बटालियन के कमांडेंट विजय प्रताप ने बताया कि ''नक्सलियों को मुख्यधारा धारा से जोड़ने के लिए जिला सुकमा में छत्तीसगढ़ शासन पूना नर्कोम अभियान का लगातार प्रचार प्रसार कर रही है. साथ ही सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील भी की जा रहा है. जिसके परिणाम स्वरूप आज नक्सल संगठन से जुड़े जनमिलीशिया कमांडर माड़वी वागा ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा से जुड़ कर सामान्य जीवन यापन करने की इच्छा व्यक्त की है.''
कौन है माड़वी वागा : आत्मसमर्पित नक्सली माड़वी वागा वर्ष 2016 में प्रतिबंधित नक्सली संगठन में मिलिशिया सदस्य के रूप में भर्ती होकर वर्तमान में मिलिशिया कमाण्डर के पद पर कार्यरत था. जो थाना चिंतलनार और थाना जगरगुण्डा क्षेत्रों में घटित कई नक्सली गतिविधियों में सम्मिलित रहा. आत्मसमर्पित नक्सली माड़वी वागा की गिरफ्तारी हेतु माननीय न्यायालय ने 05 स्थायी वारंट जारी किया था. माड़वी बागा से पूछताछ में नक्सली संगठन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई हैं. जिसका उपयोग सुरक्षाबलों के माध्यम से आगामी अभियानों में किया जाएगा. आत्मसमर्पित नक्सली को राज्य शासन की पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएगी.
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पुलिस के अभियान की तारीफ :आपको बता दें कि सुकमा जिले में नक्सली मोर्चे पर पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. 1 सप्ताह के भीतर तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.इससे पहले दो और नक्सलियों ने नक्सलवाद को अलविदा कहते हुए मुख्यधारा में शामिल होने के लिए सरेंडर किया था. नक्सलियों के इस तरह से सरेंडर करने के कारण अब पुलिस को उम्मीद है कि जल्द सुकमा जिला भी नक्सल मुक्त हो जाएगा.