सुकमा: दोरनापाल को नगर पंचायत का दर्जा तो मिला, लेकिन शहर आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. नगर के वार्डों की जर्जर सड़कें, जगह-जगह फैली गंदगी और सड़कों पर जमा बारिश और नाले का पानी दोरनापाल की पहचान है.
जब राज्य में बीजेपी की सरकार थी, तब 2009 में दोरनापाल को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. नगर पंचायत बनने के बाद नगरवासियों में खुशी की लहर थी. लोगों को लगा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो नगर की भाजपा सरकार दोगुनी गति से विकास करेगी और उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं मिल जाएगी, लेकिन पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण दोरनापाल की समस्याएं अब भी जस की तस बनी हुई है.
जल निकासी की सुविधा नहीं
दोरनापाल को नगर पंचायत बने 10 साल होने को है, लेकिन नगर सरकार मुक्तिधाम के लिए सड़क तक नहीं बना सकी है. शहर से जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. इससे हल्की बारिश में भी शहर की स्थिति नारकीय हो जाती है. जो कुछ नालियां बनी है, उसकी साफ-सफाई के अभाव में नाले के गंदे पानी से शहर की स्थिति नारकीय बनी रहती है.
जर्जर सड़कें है नगर की पहचान
दोरनापाल के वर्डों में बनी सीसी सड़कें निर्माण के चंद महीनों में ही उखाड़ गई है. जिसके चलते अधिकांश सड़कें जर्जर हो गई है. बारिश का पानी सड़कों पर जमा रहने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोगों को पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल रहा है.